Meerut: गांव में प्रतिभा की कमी नहीं, बस खोजने की आवश्यकता- गिरीश चंद्र यादव

Meerut: राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) खेल एवं युवा कल्याण विभाग गिरीश चंद्र यादव ने कहा कि गांवो में प्रतिभाओ की कोई कमी नहीं है बस उन्हें खोजने की आवश्यकता है।

Report :  Sushil Kumar
Update: 2024-07-15 12:50 GMT

गांव में प्रतिभा की कमी नहींः गिरीश चंद्र यादव (न्यूजट्रैक)

Meerut News: प्रदेश के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) खेल एवं युवा कल्याण विभाग गिरीश चंद्र यादव ने कहा कि गांवो में प्रतिभाओ की कोई कमी नहीं है बस उन्हें खोजने की आवश्यकता है। सर्किट हाउस में मेरठ मंडल के खेल तथा युवा कल्याण विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में उत्तर प्रदेश के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) खेल एवं युवा कल्याण विभाग गिरीश चंद्र यादव ने ग्रामीण क्षेत्र के स्कूली बच्चों को भी खेल गतिविधियो से जोडने के निर्देश दिये।

उन्होंने ग्रामीण स्टेडियम को और बेहतर बनाने के लिए सुझाव मांगे। इसके अतिरिक्त खेल सामग्री वितरण, ब्लॉक में क्षेत्रीय युवा कल्याण अधिकारी के बैठने की व्यवस्था तथा पीआरडी जवानो के संबंध में विस्तृत रूप से जानकारी प्राप्त करते हुये आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि गांवां में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है बस उन्हें खोजने की आवश्यकता है। समस्त अधिकारी गांव का निरीक्षण करें तथा खेल संबंधी गतिविधियों को और बेहतर करें।

बैठक में राज्यमंत्री द्वारा युवक मंगल दल तथा महिला मंगल दल की गतिविधियो के बारे में जानकारी प्राप्त की गई। उन्होने कहा कि युवक मंगल दल, महिला मंगल दल को खेल गतिविधियां से जुडने के लिए प्रेरित करें तथा उन्हें और बेहतर बनाये। इस अवसर पर जिला युवा कल्याण अधिकारी वैश्विक डबास तथा मेरठ मंडल के समस्त जनपदो के क्षेत्रीय युवा कल्याण अधिकारी व व्यायाम प्रशिक्षक उपस्थित रहे। माना जा रहा है कि मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय के निर्माण की धीमी गति को लेकर राज्यसभा सांसद डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने मुख्यमंत्री से शिकायत की है।

खेल मंत्री का यह दौरा इस शिकायत से जोड़कर देखा जा रहा है। वैसे शासन ने अगस्त-2025 तक खेल विश्वविद्यालय के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया है, लेकिन कार्य की गति धीमी होने से समय पर पूर्ण होना मुश्किल लग रहा है। मेजर ध्यानचंद स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की योजना सभी आधुनिक और अत्याधुनिक खेल बुनियादी ढांचे के साथ बनाई गई है। जिसमें सिंथेटिक हॉकी ग्राउंड, फुटबॉल ग्राउंड, बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, हैंडबॉल और कबड्डी के लिए अलग मैदान शामिल हैं।

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