Meerut News: ट्रांसजेंडर बिरादरी को अपने पाले में करने के लिए पार्टियों में होड़, समाजवादी किन्नर सभा करेगी अखिलेश यादव को सम्मानित

Meerut News: उत्तर प्रदेश में ट्रांसजेंडर बिरादरी को अपने पाले में करने के लिए पार्टियों में होड़ दिख रही है। खासतौर से दो प्रमुख राजनीतिक दलों बीजेपी और समाजवादी पार्टी के बीच। इसी क्रम में सपा किन्नर सभा द्वारा 3 अक्तूबर को लखनऊ में बड़ा किन्नर सम्मेलन आयोजित किया जायेगा।

Report :  Sushil Kumar
Update:2023-09-28 23:04 IST

ट्रांसजेंडर बिरादरी को अपने पाले में करने के लिए पार्टियों में होड़, समाजवादी किन्नर सभा करेगी अखिलेश यादव को सम्मानित: Photo-Newstrack

Meerut News: उत्तर प्रदेश में ट्रांसजेंडर बिरादरी को अपने पाले में करने के लिए पार्टियों में होड़ दिख रही है। खासतौर से दो प्रमुख राजनीतिक दलों बीजेपी और समाजवादी पार्टी के बीच। इसी क्रम में सपा किन्नर सभा द्वारा 3 अक्तूबर को लखनऊ में बड़ा किन्नर सम्मेलन आयोजित किया जायेगा। सम्मेलन की तैयारियों की समीक्षा के लिए मेरठ पहुंची सपा किन्नर सभा की प्रदेश अध्यक्ष पायल सिंह का दावा है कि इस सम्मेलन में उत्तर प्रदेश के 5 हजार से अधिक किन्नर इसमें शामिल होंगे।

पायल सिंह के अनुसार आयोजन में हमारा समाज पूरी तरह सपा को अपना समर्थन देगा। हम अखिलेश यादव को बुलाकर सम्मानित भी करेंगे। अखिलेश यादव जो कहेंगे उसी राह पर हमारा समाज चलेगा। उन्होंने कहा कि हम पूरी तरह सपा के साथ हैं। 2024 में सपा को जिताकर अपने हकों की लड़ाई लड़ेंगे। बता दें कि मेरठ में प्रदेश संगठन की तरफ से सपा जिला किन्नर कमेटी का गठन किया गया। इसमें शालू किन्नर को संगठन का जिलाध्यक्ष नियुक्त करते हुए 27 अन्य पदों पर नियुक्तियां की गईं हैं। उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में किन्नर समाज अपनी कमेटियां बनाकर 2024 के लिए काम करेगा।

ट्रांसजेंडर को लेकर नई विंग गठित

यह पहला मौका है जब किसी राज्य में किसी प्रमुख पार्टी ने ट्रांसजेंडर को लेकर एक नई विंग गठित की है। दरअसल,समाजवादी पार्टी द्वारा दिसम्बर 2021 में समाजवादी युवजन सभा, समाजवादी महिला सभा की तर्ज पर एक नई विंग समाजवादी किन्नर सभा का गठन कर अखिलेश यादव द्वारा किन्नर पायल को समाजवादी किन्नर सभा उत्तर प्रदेश का प्रदेश अध्यक्ष नामित किया गया था।

सपा ने यह भी कहा कि ट्रांसजेंडर को टिकट भी दिया जा सकता है और अगर वे चुनाव लड़ने के लिए तैयार नहीं हुए तो हम लोग उन्हें विधान परिषद और राज्यसभा भी भेज सकते हैं। इससे पहले भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुई सोनम किन्नर को योगी सरकार द्वारा राज्य किन्नर कल्याण बोर्ड का उपाध्यक्ष बनाकर उनको राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया।

ऐसे में सवाल उठ रहा है कि ट्रांसजेंडर को इतनी अहमियत देने के पीछे भाजपा और सपा का क्या सियासी गणित हो सकता है? बता दें कि यूपी की मतदाता सूची में स्त्री, पुरुष के अतिरिक्त 'अन्य' की श्रेणी में करीब 7 हजार 500 वोटर दर्ज हैं। 403 सीटों पर 7 हजार 500 वोट कोई मायने नहीं रखते। हालांकि पार्टी नेता इसकी वजह ट्रांसजेंडर समाज का सबसे ज्यादा उपेक्षित होना बता रहे हैं। लेकिन, जानकारों की माने तो ट्रांसजेंडर के जरिए भाजपा-सपा अपने हक में नए तरीके से माहौल बनने की गुंजाइश देख रही हैं।

किन्नर का आशीर्वाद कभी बेकार नहीं जाता

बकौल, स्थानीय एक सपा नेता- किन्नर सभा की टोली हर लोकसभा क्षेत्र में नाचती-गाती हुई गुजरेगी और नेग के रूप में हर घर से अखिलेश के लिए वोट लेगी। उधर बीजेपी नेताओं का मानना है कि हर लोकसभा क्षेत्र में भाजपा समर्थक किन्नरो की टीम बीजेपी उम्मीदवारों को 'आशीर्वाद' देने के लिए निकलेगी और किन्नर का आशीर्वाद कभी बेकार नहीं जाता। वैसे,गोरखपुर के मेयर चुनाव को छोड़ दें तो उसके बाद यूपी में किसी ट्रांसजेंडर को चुनावी सफलता नहीं मिली।

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