Meerut News: गणेश शंकर विद्यार्थी व केरल वर्मा के संयुक्त तत्वावधान व विवेकानंद सुभारती में हुए दो व्याख्यान
Meerut News: यह विज्ञान हमें विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं जैसे कि तूफान, बाढ़, और सूखे के पूर्वानुमान में मदद करता है, जिससे हम इन आपदाओं से निपटने के लिए तैयारी कर सकते हैं।
Meerut News: गणेश शंकर विद्यार्थी सुभारती पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग व केरल वर्मा सुभारती सांइस कॉलेज के संयुक्त तत्त्वावधान में "वैश्विक चुनौतियों से निपटने में मौसम विज्ञान का महत्व" विषय पर एक व्याख्यान आयोजित किया गया। जिसमें भारतीय मौसम विज्ञान के पूर्व अपर महानिदेशक डॉ. आनंद शर्मा मुख्य वक्ता रहे। डॉ. शर्मा ने इस अवसर पर मौसम विज्ञान विभाग की मानव जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका पर व्यावहारिक व वैज्ञानिक दृष्टिकोण प्रस्तुत किए। डॉ. शर्मा ने आगे कहा कि मौसम विज्ञान वायुमंडल का अध्ययन करता है, जिसमें मौसम की प्रक्रिया और मौसम का पूर्वानुमान शामिल हैं। यह विज्ञान हमें विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं जैसे कि तूफान, बाढ़, और सूखे के पूर्वानुमान में मदद करता है, जिससे हम इन आपदाओं से निपटने के लिए तैयारी कर सकते हैं।
आगे बोलते हुए कहा कि मौसम विज्ञान कृषि के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह हमें मौसम की जानकारी देता है जिससे हम फसलों की सुरक्षा कर सकते हैं।इसी क्रम में पर्यावरण के क्षेत्र में मौसम विभाग की भूमिका पर चर्चा करते हुए डॉ. शर्मा ने कहा कि मौसम विज्ञान हमें पर्यावरण की स्थिति के बारे में सटीक जानकारी देता है, जिससे हम पर्यावरण संरक्षण के लिए भी काम कर सकते हैं। इसी के साथ आर्थिक विकास में भी मौसम विज्ञान महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, क्योंकि यह हमें मौसम के आधार पर आर्थिक निर्णय लेने में मदद करता है। डॉ. आनंद शर्मा ने कहा कि इन सभी कारणों से मौसम विज्ञान वैश्विक चुनौतियों से निपटने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
इससे पूर्व व्याख्यान की शुरूआत परम्परागत रूप से दीप प्रज्ज्वलन के साथ की गई। इसके पश्चात पत्रकारिता एवं जनसंचार विभागाध्यक्ष प्रोफे. (डॉ.) एस.सी.थलेडी ने औपचारिक रूप से डॉ. आनंद शर्मा का स्वागत किया। अपने संबोधन में उन्होंने आज के संदर्भ में मौसम विज्ञान की प्रासंगिकता पर जोर दिया। व्याख्यान का समापन पर्यावरण संरक्षण के प्रति उपस्थित लोगों की प्रतिबद्धता को मजबूत करते हुए, प्रकृति के संरक्षण की सामूहिक पर्यावरण शपथ के साथ हुआ। कार्यक्रम का संचालन पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के सहायक आचार्य राम प्रकाश तिवारी ने किया। इस दौरान शिकेब मजीद, शैली शर्मा, डॉ. गंभीर व डॉ. हिमांशु सहित प्रिंस चौहान, कपिल गिल, कुलदीप, बिजेन्द्र व पत्रकारिता विभाग एवं विज्ञान संकाय के विद्यार्थी उपस्थित रहे।
डॉ. प्रमोद कुमार सिन्हा बोले-कौशल विकास से सफल उद्यमी बनाया जा सकता है
बीआईटी मेसरा के पूर्व छात्र, समाज सुधारक, विजिटिंग फैकल्टी डॉ. प्रमोद कुमार सिन्हा ने छात्रों को स्टार्टअप से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों जैसे बिजनेस आइडिया ,व्यवसाय योजनाओं, बाजार अनुसंधान, मजबूत मानव संसाधन एवं टीम, न्यूनतम व्यवहार्य उत्पाद, प्रभावी विपणन रणनीतियाँ, सुदृढ़ ग्राहक संबंधों, डीआईसी, एमएसएमई, आईडीबीआई आदि की भूमिका पर चर्चा की और स्टार्ट अप के क्षेत्र में अवसरों की गहन जानकारी प्रदान की। वे आज यहां स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय के मांगल्या प्रेक्षागृह में स्टार्टअप उच्च शिक्षा संस्थान की भूमिका पर आयोजित गोष्ठी को मुख्य वक्ता के रुप में संबोधित कर रहे थे।
डॉ. प्रमोद कुमार सिन्हा ने छात्रों को स्टार्ट अप क्षेत्र में सफल होने के लिए आवश्यक कौशल के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि सही समय पर छात्रों को भविष्य में बेहतर विकल्पों के लिए तैयार रहना चाहिये। स्टार्टअप की भारतवर्ष की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका पर भी विस्तृत जानकारी छात्रों को व्याख्यान के दौरान प्रदान की। उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि वे अपने कौशल को विकसित करें और वर्तमान उद्योग की जरूरतों के अनुसार अपने आप को तैयार करें।
इससे पहले कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य वक्ता डॉ. प्रमोद कुमार सिन्हा, डॉ. आर.के.घई, डॉ.पिन्टू मिश्रा, डॉ. सोकिन्द्र कुमार, डॉ. रेनू मावी, डॉ.अभय शंकरगौड़ा, डॉ एससी तिवारी, डॉ अनोज राज ने दीप प्रज्जवलित कर किया। इस दौरान ललित कला संकाय के विद्यार्थियों ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।
सुभारती विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ.जी.के.थपलियाल एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ.शल्या राज ने अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन से विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास के साथ उनका ज्ञान वर्धन होगा। मैनेजमेंट एंड कॉमर्स के डीन एवं डायरेक्टर व स्टार्ट अप कमेटी के अध्यक्ष प्रो. डॉ. आर.के. घई ने कहा कि ऐसे अतिथि व्याख्यान छात्रों के समग्र विकास और भविष्य की योजनाओं को दिशा देने में मददगार होते हैं।
कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ सारिका द्वारा किया गया। कार्यक्रम में मैनेजमेंट एंड कॉमर्स फार्मेसी, होटल मैनेजमेंट, मास कम्युनिकेशन, साईंस, शिक्षा एवं शारीरिक शिक्षा, इंजीनियरिंग, फाईन आर्ट्स,नेचुरोपैथी, पॉलिटेक्निक, फिजियोथेरेपी, लॉ, भाषा एवं गृह विज्ञान, आदि कॉलेजों के लगभग 2000 से अधिक छात्रों एवं शिक्षकों ने भाग लिया।