Meerut News: रिटायर्ड सीडीए कर्मचारी को डिजिटल अरेस्ट कर 15 लाख रूपये की ठगी करने वाला शातिर अभियुक्त गिरफ्तार

Meerut News: भारत में फिलहाल 17 बच्चों किडनैप करके उनको हत्या करके उनके अंग विदेश भेज दिये गये हैं और उसके विरूद्व गिरफ्तारी वांरट जारी किया गया है और कभी भी गिरफ्तारी हो सकती हैं।

Report :  Sushil Kumar
Update:2024-11-22 20:32 IST

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Meerut News: मेरठ में एक रिटायर्ड सीडीए कर्मचारी को डिजिटल अरेस्ट कर 15 लाख रुपये हड़पने के सनसनीखेज मामले में पुलिस ने आज राजस्थान के जनपद सीकर से एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर घटना का खुलासा कर दिया है। पुलिस के अनुसार साइबर अपराधियों ने पीड़ित को चार दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर 15 लाख रुपये हड़पे। रिटायर्ड सैन्यकर्मी को 17 बच्चों को तस्करी कर विदेश भेजने और उनकी हत्या कर मानव अंगों को बेचने का आरोप लगाकर डराया। आरोपियों ने दिल्ली क्राइम ब्रांच और सीबीआई ऑफिसर बनकर कॉल किया था। इससे सहमे बुजुर्ग ने रकम आरोपियों के बताए खाते में भेज दी। साइबर क्राइम हो जाने का पता लगने पर पीड़ित पक्ष ने एसएसपी से शिकायत की और साइबर हेल्पलाइन नंबर पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई।

जिला पुलिस प्रवक्ता के अनुसार 15 नवंबर को थाना साइबर क्राइम, जनपद मेरठ पर एक रिटायर्ड सीडीए कर्मचारी सुखमान चन्द्र जैन निवासी शास्त्रीनगर, मेरठ द्वारा उपस्थित होकर तहरीर दी कि 8 नवंबर को आवेदक के मोबाइल नम्बर पर अज्ञात मोबाइल नम्बर से कॉल आने पर अपने आप को कस्टमर केयर अफसर बताकर बोला कि आपके विरूद्व एक अपराध रजिस्टर्ड किया गया हैं और क्राइम ब्रांच के अफसर आपसे बात करना चाहते हैं फिर अन्य मोबाइल नम्बर से कॉल आने पर आपने आप को दीपक यादव क्राइम ब्रांच दिल्ली से बात करने पर बताया कि सीबीआई दिल्ली में एक शिकायत चल रही हैं।

भारत में फिलहाल 17 बच्चों किडनैप करके उनको हत्या करके उनके अंग विदेश भेज दिये गये हैं और आपके विरूद्व गिरफ्तारी वांरट जारी किया गया है और कभी भी गिरफ्तारी हो सकती हैं। इस प्रकार अज्ञात व्यक्तिं द्वारा आवेदक के बैंक खाते से 12 नवंबर को 15 लाख रूपये की ऑनलाइन ठगी कर ली गयी । इस संबंध में प्राप्त तहरीर के आधार पर थाना साइबर क्राइम पर अज्ञात के खिलाफ धारा 318(4) भारतीय न्याय संहिता व 66डी आई0टी0 एक्ट में पंजीकृत किया गया था।

थाना साइबर क्राइम प्रभारी जयप्रकाश यादव की अगुवाई में जनपद मेरठ की पुलिस टीम द्वारा घटना में प्रकाश में आये अभियुक्त लेखराज पुत्र सांवरमल वर्मा को जनपद सीकर, राज्य राजस्थान से उसके घर के पास से गिरफ्तार किया गया हैं। पूछताछ के दौरान अभियुक्त उपरोक्त द्वारा बताया गया कि साहब उपरोक्त खाते को मैं ही प्रयोग करता हॅू तथा एकाउन्ट ओपनिंग फोर्म पर लगा फोटो मेरा ही है। उपरोक्त प्रकरण में थाना साइबर क्राइम, जनपद मेरठ पर अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जा रही हैं।

जिला पुलिस प्रवक्ता के अनुसार गिरफ्तार अभियुक्त लेखराज ने अपना अपराध स्वीकार करते हुए बताया कि साहब मैं तथा मेरा दोस्त महावीर रूलानिया पुत्र गणपत रूलानिया निवासी सामियो की दाडी सूलियावास के पास थाना दातारामगढ सीकर राजस्थान कस्बा दाता में एक चाय की दुकान पर बैठ कर चाय पी रहे थे तो मेरे दोस्त महावीर प्रसाद ने बताया कि मेरा एक दोस्त रमेश ओला निवासी बावडी सिम्भापुरा नागौर राजस्थान है वह भी अभी यही आ रहा है। थोडी देर बाद रमेश ओला आया उसने कहा कि हम लोगों के साथ फ्राड करके पैसे कमाते हैं ।अब मेरा अकाउन्ट काम नहीं कर रहा है इसलिये तुम्हारे अकाउन्ट में हम लोग कुछ पैसे मंगवाएंगे जिसको हम सब आपस मे मिल बांट कर प्रयोग कर लेगे। जिस कारण लालच में आकर मैने अपने एयू स्मॉल फाइनेन्स बैंक के अकाउन्ट की पास बुक, एटीएम कार्ड व चैक बुक लेकर महावीर व रमेश ओला के पास आया।

रमेश ने कहा कि चलो तुम्हारे खाते में कुछ पैसे आये। फिर हम दोनों नावा ब्रॉच चले गये और वहा से 320000/-रूपये चैक के माघ्यम से निकाल लिये और जोवनेर ब्रॉच पहुॅचकर 500000/-रूपये निकालकर मैने रमेश को दे दिये और बाकी पैसे रमेश ने आईएमपीएस के माघ्यम से किसी भगवान सहाय के खाते में 1000000 रूपये टार्न्सफर कर दिये। रमेश में मुझे बाद मे बताया था कि रमेश ने भगवान सहाय के खाते में गये उन 1000000/-रूपये में से 805000/-रूपये अन्नु कुमारी निवासी सीकर राजस्थान के खाते मे टान्सर्फर किये हैं। जिन रूपयो को बाद में अन्नु कुमारी एवं उनसे भाई मनोज के माघ्यम से रमेश ने 13 नवंबर को ही निकाल लिये गये। कुछ रूपये रमेश ने मेरे खाते से एटीएम के माघ्यम से भी निकाले थे। मेरे खाता में लगभग 2300000/-रूपये आये थे। मुझे इन लोगों ने मेरे हिस्से के लगभग 01 लाख रूपये दिये थे। जिनको मैने खर्च कर लिया है। मैने अपने अकाउन्ट से 35000/-रूपये निकाल कर महावीर को भी दिये थे अब मेरे खाते में एक भी रूपया नहीं हैं।

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