Saharanpur News: योगी सरकार के मंत्री की अखिलेश को नसीहत- बंटवारे की राजनीति न करें, पहले अपना परिवार देख लें!

Saharanpur News: समाज कल्याण विभाग के राज्यमंत्री असीम अरुण ने कहा है कि सपा मुखिया अखिलेश यादव और स्वामी प्रसाद मौर्य अपनी बयानबाजी से विवाद उत्पन्न करने का प्रयास कर रहे हैं, उनका गेम प्लान क्या है वह सभी को दिखाई दे रहा है।

Report :  Neena Jain
Update: 2023-02-06 15:29 GMT

Yogi government minister Aseem Arun advice to Akhilesh

Saharanpur news: शहर के सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि अखिलेश बंटवारे की राजनीति ना करें। बंटवारे की राजनीति करने से पूर्व अपना परिवार देख लें, यदि बंटवारा ना होता तो उनके परिवार और पार्टी की यह हालत ना होती। 1947 में बंटवारे की राजनीति करने वाले पाकिस्तान देश का क्या हाल है सब देख रहे हैं। सिविल कोड के बारे में उन्होंने कहा कि संविधान में स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि यह एक संवैधानिक व्यवस्था है, जो संविधान में विश्वास करते हैं वह इसे जरूर मानेंगे और जिन्हें कठिनाई है वह संविधान पढ़ लें।

योजनाओं को अपना न बताएं अखिलेश

योगी सरकार की कुछ योजनाओं को अपना कहने के अखिलेश के बयान के बारे में उन्होंने कहा कि उनकी समस्या है जितने भी पुराने प्रोजेक्ट और योजनाएं हैं, वह उन्हें अपनी देन लगती हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। सभी सरकारी योजनाएं पुरानी है और सभी राज्य उन पर लगातार काम करते आ रहे हैं, ऐसे ही मेट्रो उनके कार्यकाल से पहले की है, उसकी डीपीआर उनकी सरकार बनने से पहले बन चुकी थी और भाजपा सरकार लगातार मेट्रो को आगे बढ़ा रही है। गाजियाबाद से मेरठ जो रेल बन रही है वह अपने आप में ऐतिहासिक प्रोजेक्ट है। रैपिड रेल ट्रांसपोर्ट सिस्टम पूरे एनसीआर की तस्वीर और तकदीर बदलने वाला है।

काम अच्छा होता तो दोबारा मिलता मौका

मंत्री असीम अरुण ने कहा कि यदि अखिलेश यादव ने वाकई काम किया होता जैसा उन्होंने चुनाव के समय नारा भी दिया था कि काम बोलता है तो उन्हें दोबारा मौका मिलता। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का काम 5 साल का बेहतर रहा तभी उन्हें 5 वर्ष का दोबारा जनादेश मिला। जो कि अपने आप में इतिहास है। मंत्री असीम अरुण ने बजट को आगामी 25 वर्षों की नींव बताते हुए कहा कि यह एक ऐतिहासिक बजट है। केंद्र और प्रदेश सरकार एक करोड़ से ज्यादा छात्रों को अलग-अलग छात्रवृत्ति देते हैं, इसमें परिवर्तन किया गया है अब छात्रों की अटेंडेंस बायोमैट्रिक होगी। यह इसलिए किया गया छात्र स्कूल और कॉलेज नहीं जाते हैं और छात्रवृत्ति लेते हैं, जिससे पैसा खराब जा रहा था। शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के लिए बायोमैट्रिक अटेंडेंस की व्यवस्था शुरू की जा रही है और यह अगले सत्र में लागू हो जाएगी। प्रदेश में नशाबंदी को लेकर कहा कि यह विषय अनुसंधान का विषय है इस पर अनुसंधान और चर्चा की जरूरत है।

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