Lucknow: महिला कैदी ने गाय के गोबर से लकड़ी व पॉट बनाए, मंत्री MSME से जोड़कर जनता तक पहुंचाएंगे उत्पाद

Lucknow News Today: कारागार राज्यमंत्री धर्मवीर प्रजापति ने प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। इस दौरान उन्होंने जेलों में निरूद्ध कैदियों द्वारा बनाये गये विभिन्न उत्पादों को दिखाया।

Report :  Shashwat Mishra
Update: 2022-08-31 14:42 GMT

होमगार्ड्स एवं कारागार राज्यमंत्री धर्मवीर प्रजापति 

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Lucknow News: "बंदियों द्वारा बनाये गये उत्पादों का बेहतर मूल्य उनको प्राप्त हो सके इस दिशा में सकारात्मक प्रयास किया जा रहा है। जेलों के बाहर आउटलेट लगाने के साथ ही एमएसएमई से भी वार्ता चल रही है। प्रयास है कि बंदियों के उत्पादों को एमएसएमई के माध्यम से जोड़ा जाए एवं इसका व्यापक प्रचार प्रसार किया जाय।'' ये बातें प्रदेश के होमगार्ड्स एवं कारागार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मवीर प्रजापति (Minister of State for Home Guards and Prisons Dharamveer Prajapati) ने बुधवार को अपने सरकारी आवास पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही। अपने सम्बोधन के दौरान उन्होंने जेलों में निरूद्ध कैदियों द्वारा बनाये गये विभिन्न उत्पादों को दिखाया एवं कहा कि मेरा प्रयास है कि कैदियों द्वारा बनाये गये उत्पाद जनता तक पहुंचे।

महिला कैदी ने गाय के गोबर से लकड़ी व पॉट बनाए

धर्मवीर प्रजापति (Minister of State for Home Guards and Prisons Dharamveer Prajapati) ने बताया कि आगरा जेल (Agra Jail) में एक महिला कैदी ने गाय के गोबर से लकड़ी बनाया है। जिसका इस्तेमाल अन्त्येष्ठि क्रिया में की जा रही है। इसके अलावा गोबर से पॉट भी बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कैदियों ने जलकुम्भी के इस्तेमाल से विभिन्न उपयोगी उत्पाद बनाये हैं, जिसको बेहतर मार्केट मिल जाय, तो उनको बढ़िया स्वरोजगार मिल जायेगा। कौशल विकास योजना के द्वारा कैदियों को हुनरमंद बनाया जा रहा है। इसी प्रकार पीलीभीत के जिलाधिकारी ने उन्नयन योजना से भी कैदियों को जोड़ा है।


मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने किया अब तक 32 जेलों का दौरा

प्रजापति ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि कार्यभार ग्रहण करने के बाद से प्रदेश की लगभग 32 जेलों का दौरा कर बंदियों से सीधा संवाद किया। उन्होंने कहा कि दौरे के दौरान जानकारी मिली कि बहुत से ऐसे बंदी हैं, जो छोटे-2 अपराधों में बंद है, जिनकी आयु बहुत कम है और जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण उनकी प्रभावी ढंग से पैरवी नहीं हो पा रही है। जनप्रतिनिधियों, जिलाधिकारी एवं पुलिस कप्तान से वार्ता कर आग्रह किया कि ऐसा प्रयास किया जाय जिससे कि कानून को दृष्टिगत रखते हुए इनका सुलह समझौता कराया जाय। जिससे कि कम आयु वाले बाहर आकर घर-परिवार की जिम्मेदारी निभा सके।


प्रजापति ने बताया कि कैदियों से संवाद के दौरान अनुभव हुआ कि उनमें अपने किये अपराधों को लेकर पछतावा है। अतः मेरा मानना है कि उनको सुधरने हेतु मानवीय दृष्टिकोण के तहत एक अवसर अवश्य मिलना चाहिए। ताकि वे समाज की मुख्यधारा से अपने को जोड़ सकें।

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