कानपुर देहात सिकंदरा से विधायक अजित पालः युवाओं को तकनीकी दक्षता का संकल्प
वह कहते हैं कि बचपन से ही वह मेधावी, अनुशासित तथा चरित्रवान छात्र रहे हैं। समाज को अपने साथ लेकर निरंतर आगे बढ़ते हुए अपने पिता स्वर्गीय मथुरा प्रसाद पाल के नक्शे कदम पर चलते हुए ‘सबका साथ सबका विकास’ के संकल्प को पूरा करने के लिए अत्यधिक उत्साहित हैं।
मनोज कुमार सिंह
कानपुर देहात की सिकंदरा विधानसभा सीट से उपचुनाव में जीतकर विधायक निर्वाचित हुए आधुनिक शिक्षा से अत्यधिक लगाव रखने वाले अजित पाल का कहना है कि सकारात्मक बदलाव की प्रक्रिया तो लगातार चल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के प्रत्येक बच्चे को देश की महान संस्कृति एवं सभ्यता के साथ ही विश्वस्तरीय ज्ञान देने के लिए देश में ‘नई शिक्षा नीति’ लागू करने जा रहे हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था सहित सभी क्षेत्रों में काफी बदलाव देखने में आ रहे हैं। श्री अजित पाल कहते हैं कि भारतीय संस्कृति के आदर्श वसुधैव कुटुम्बकम् को विश्व संस्कृति के रूप में विकसित करने के वह प्रबल समर्थक हैं।
अलग छाप का संकल्प
अपने पिता से विरासत में राजनीति प्राप्त करने वाले अजित पाल सिंह का कहना है कि राज्यमंत्री के रूप में अपनी जिम्मेदारियों को पूरी निष्ठा एवं लगन के साथ पूर्ण करते हुए वह प्रदेश की जनता के दिलों में अपनी एक अलग छाप छोड़ने के लिए कृतसंकल्पित हैं।
विधायक ने कहा कि प्रदेश की युवा पीढ़ी को इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नई ऊँचाइयों तक ले जाने के लिए भी वह संकल्पित हैं।
उन्होंने कहा कि जनता की अपेक्षाओं से मुझे कभी कोई कष्ट या परेशानी का अनुभव नहीं होता है। वह मेरे परिवार का हिस्सा है। जनता भी मुझे अपने परिवार का हिस्सा मानती है ये मेरा सौभाग्य है।
अपार प्रसन्नता का क्षण
अजित पाल सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार का कैबिनेट विस्तार 21 अगस्त 2019 को राजभवन में हुआ। इस विस्तार में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने छह कैबिनेट, छह राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) व 11 राज्यमंत्रियों (कुल 23) को पद और गोपनीयता की शपथ राजभवन में दिलाई।
वह कहते हैं कि उनके लिए यह अपार प्रसन्नता क्षण रहा क्योंकि पूर्व विधायक स्व. मथुरा प्रसाद पाल के पुत्र के रूप में या मेरे पिता के आशीर्वाद के स्वरूप मुझे (अजीत सिंह पाल) को राज्य मंत्री, इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग का दायित्व सौपा गया।
वह कहते हैं कि मेरे लिए वह क्षण भी अविस्मरणीय था जब भाजपा नवनिर्वाचित विधायक के रूप में 20 दिसम्बर 2017 को विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने विधान भवन में विधानसभा सदस्य पद की शपथ दिलाई और विधानसभा अध्यक्ष श्री दीक्षित ने बधाई देते हुए संविधान और विधानसभा कार्य संचालन नियमावली आदि की पुस्तकें भेंट कीं।
संस्कार सर्वोच्च प्राथमिकता
अजीत पाल कहते हैं कि उनपर अपने पिता पूर्व विधायक एवं विख्यात समाजसेवी स्व. मथुरा प्रसाद पाल तथा माता इंद्राणी देवी का प्रभाव है। वह जीवन में अपने माता-पिता के संस्कारों को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं।
वह कहते हैं कि बचपन से ही वह मेधावी, अनुशासित तथा चरित्रवान छात्र रहे हैं। समाज को अपने साथ लेकर निरंतर आगे बढ़ते हुए अपने पिता स्वर्गीय मथुरा प्रसाद पाल के नक्शे कदम पर चलते हुए ‘सबका साथ सबका विकास’ के संकल्प को पूरा करने के लिए अत्यधिक उत्साहित हैं।
बीजेपी के लोकप्रिय विधायक मथुरा प्रसाद पाल जी का लम्बी बीमारी के चलते 22 जुलाई 2017 को देहान्त हो गया था। उनके निधन के बाद कानपुर देहात की सिकन्दरा विधानसभा सीट रिक्त हो गई थी। इसके बाद हुए उपचुनाव में अजित पाल निर्वाचित हुए।
पिता के सपने पूरे करूंगा
वह कहते हैं कि मेरे पिता मथुरा पाल के जीवन का सफर देश सेवा से शुरू हुआ था। वह सेना में भर्ती हुए और सैनिक रहते हुए देश की सेवा की। वीआरएस लेने के बाद गांव लौटे तो राजनीति में किस्मत आजमाने के लिए पहले निर्दलीय चुनाव लड़े और फिर जनता दल में शामिल हो गए और विधायक बने। उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा मिला था। इसके बाद 1997 और 2017 में भाजपा से विधायक चुने गए।
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विधायक बताते हैं कि 2017 में मथुरा पाल काफी बीमार थे। बीमारी की हालत में ही उन्होंने नामांकन भरा था। बीमारी से लड़ते हुए भी उन्हें जनता की चिंता थी और वह निरन्तर सेवा करते रहे। अत्यधिक बीमारी की हालत में भी उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में वोट डाला था। मै अपने पिता के स्वप्नों को पूरा करूंगा।