इनके आए अच्‍छे दिनः नोटबंदी के बाद 2 वक्‍त जलने लगे गरीबों के घर चूल्‍हे

Update: 2016-12-17 09:34 GMT

लखनऊ: नोटबंदी के विरोध में देश के दिग्गज नेता भले ही सड़क पर उतर आए लेकिन मोदी सरकार के इस फैसले ने गरीबों को दो वक्‍त की रोटी और तरकारी का प्रबंध कर दिया। सड़क से लेकर संसद तक इसका विरोध हो रहा है लेकिन इस बात की किसी को फिक्र नहीं कि आम आदमी क्‍या चाहता है। नोटबंदी के दूरगामी परिणाम जो भी हों, फिलहाल गरीब आदमी के चूल्हे दोनों पहर जलने लगे हैं।

वजह साफ है नोटबंदी के बाद दाल और सब्जियों के दाम अचानक बहुत कम हो गए हैं। आइए जानते हैं नोटबंदी के पहले और नोटबंदी के बाद दाल और शब्जी के दामों में कितना परिवर्तन हुआ है।

नोटबंदी के पहले और बाद में सब्जियों के दामों में क्‍या आया अंतर

सब्‍जी का नाम पहले बाद

आलू 20 रु./ kg 20रु. का ढाई kg

प्‍याज 30 रु./ kg 20रु. का डेढ़ kg

गोभी 20 से 30 का एक पीस 5 रु. के दो पीस

पत्‍ता गाेभी 30 का एक 10 का एक

टमाटर 40 रु./ kg 20 रु./ kg

इनके भी कम हुए दाम

वस्‍तु का नाम पहले बाद

केला 40 रु. दर्जन 25 रु. दर्जन

सेब 100 से 120 रु. kg 60 से 80 रु. kg

संतरा 80रु./ kg 40 रु./ kg

अरहर की दाल 140रु./ kg 95 रु./ kg

आटा 24रु./ kg 20 से 22 रु./ kg

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