यहां के लोगों को मिलेगा रोजगार ही रोजगार, हजारों कुओं का होगा पुनरुद्धार
जिले में समाप्त हो रहे कुओं के अस्तित्व को एक बार फिर नया जीवन मिलेगा। इसके लिए डीएम पुलकित खरे ने पहल शुरू की है। डीएम ने जिले भर के कुओं का...
हरदोई: जिले में समाप्त हो रहे कुओं के अस्तित्व को एक बार फिर नया जीवन मिलेगा। इसके लिए डीएम पुलकित खरे ने पहल शुरू की है। डीएम ने जिले भर के कुओं का ख़ाका तैयार कराया है और मनरेगा आदि से जिले के 17 हजार 156 कुओं को जीवन मिल सकेगा। यह कुएं प्रयुक्त एवं अप्रयुक्त कुएं है।फिलहाल इस व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए इंतजामात शुरू कर दिए गए हैं।
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समाप्त हो रहा कुओं का वजूद
बताते चलें कि कुआं जल संरक्षण का महत्वपूर्ण साधन होता है। लगभग तीन दशक पूर्व तक अधिकांश गांवों में पेयजल के लिए सबसे अधिक प्रयोग कुआं का किया जाता था। आज कुओं का वजूद समाप्त हो रहा है। आज लोगों को रस्सी के सहारे बाल्टी से पानी खींचना अब मुसीबत लगने लगा है जिसके चलते इनका प्रचलन समाप्त होता चला जा रहा है।
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पुनरोद्धार के लिए शुरू किया अनूठा प्रयास
शहर से लेकर गांव तक लोगों की प्यास बुझाने वाले कुएं अब गुजरे जमाने की बात हो कर रह गए। अगर ध्यान दिया जाए तो आज के समय की एक सच्चाई यह भी है कि मौजूदा दौर की पीढ़ी ने तो कुओं की शक्ल तक नहीं देखी है। प्राचीन काल में गांव व व्यक्ति की समृद्धि को कुओं से आंका जाता था। जिस गांव में कुओं की संख्या ज्यादा थी, वह गांव समृद्ध गांवों में शुमार होता था। इन्हीं सब को देखते हुए डीएम पुलकित खरे ने एक अनूठा प्रयास इनके पुनरोद्धार के लिए शुरू किया है। इसके तहत एक सर्वेक्षण कराकर इन्हें चिन्हित किया गया।
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डीएम पुलकित खरे के मुताबिक सर्वेक्षण में चिह्नित 17 हजार 156 कुंओं में तहसील सदर में 880 प्रयुक्त, 5547 अप्रयुक्त, शाहाबाद में 382 प्रयुक्त, 2115 अप्रयुक्त, संडीला में 313 प्रयुक्त, 5159 अप्रयुक्त, बिलग्राम में 96 प्रयुक्त, 1814 अप्रयुक्त और सवायजपुर में 88 प्रयुक्त एवं 762 अप्रयुक्त कुंओं को चिन्हित किया गया। इनको लेकर सीडीओ से कहा गया है कि ब्लाक स्तर पर उपलब्ध तकनीकी संस्थाओं एवं मनरेगा के माध्यम से प्रयुक्त सभी कुओं में शुद्ध जल की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए।
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अप्रयुक्त कुओं को अतिक्रमण मुक्त कराएं
डीएम के अनुसार अपर जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि राजस्व विभाग के माध्यम से एक अभियान चलाकर सभी अप्रयुक्त कुओं को अतिक्रमण मुक्त कराएं। इसकी दैनिक सूचना उन्हें व सीडीओ को उपलब्ध कराएं। वहीं जल निगम के अधिशासी अभियंता एवं लघु सिचाई के सहायक अभियंता से कहा गया है कि वह कुओं में शुद्ध जल उपलब्धता एवं भूगर्भ जल की बढ़ोतरी में आवश्यक तकनीकी सहयोग करेंगे। सीएमओ से कहा गया है कि वह प्रयुक्त होने वाले कुओं को विसंक्रमित कराना सुनिश्चित करें।
रिपोर्ट: मनोज तिवारी
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