Muzaffarnagar News: 2013 दंगे के पीड़ित परिवार से गौरव की माँ लड़ेगी खतौली उप चुनाव

Muzaffernagar News: मुजफ्फरनगर की खतौली विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में उस समय खलबली मच गई, जब 2013 दंगे से पूर्व कवाल गांव में मारे गए गौरव की मां ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर डाली।

Report :  Amit Kaliyan
Update: 2022-11-11 15:48 GMT

2013 दंगें में मारे गए गौरव की मां ने निर्दलीय चुनाव लडे़गी

Muzaffernagar News: मुजफ्फरनगर जनपद की खतौली विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में उस समय खलबली मच गई जब 2013 दंगे से पूर्व कवाल गांव में मारे गए गौरव और सचिन में से गौरव की मां ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर डाली। मीडिया को इस बात की जानकारी देते हुए गौरव के पिता रविंद्र सिंह ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा की दंगे का फायदा उठाकर बीजेपी ने अपनी तो सरकार बना ली लेकिन आज तक हमारे लिए कुछ नहीं किया है। जिसके चलते अब खतौली विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में गौरव की मां सुरेश देवी निर्दलीय चुनाव लड़ने जा रही हैं।

खतौली विधानसभा से चुनाव लड़ेंगे आज पर्चा खरीदा: मृतक गौरव के पिता

मृतक गौरव के पिता रविंद्र सिंह की माने तो घोषणा यह की है कि खतौली विधानसभा से चुनाव लड़ेंगे आज पर्चा खरीदा है। भाजपा वालों ने इस्तेमाल किया है हमारा। हर जगह हमें दिखा करके हमें उन्होंने भुना लिया और दंगे का फायदा उठाकर अपनी सरकार बना ली। हमें आज तक इनसे किसी भी तरीके की कोई सहायता नहीं मिली है। मुकदमे दर्ज हुए थे। कोर्ट में हाई कोर्ट में सब जगह अपने आप खुद लड़ रहे हैं। कोई भी नहीं पूछता कि तुम भूखे हो क्या तुम्हारे साथ हो रहा है। इसके बाद हम इस मोड़ पर पहुंचे हैं। आप सब जनता का धन्यवाद है। जनता ने पहले जो हमारा सहयोग किया है। हम लोग जनता के बीच जाएंगे। अपने मुद्दे बताएंगे। अपना दुख बताएंगे कि उन्होंने हमारे साथ क्या करा है। हम बताएंगे जनता को, कवाल में झगड़ा हो गया था हमारे दोनों बच्चे ऑन द स्पॉट मर गए थे। इसका सबको पता है अगले दिन उनकी अंत्येष्टि थी जिसमें काफी भीड़ थी जिसमें कवाल में बवाल हो गया था। जिसमें विक्रम सैनी का भी नाम है।

वह कहते हैं खालापार में पंचायत हुई और जगह भी पंचायत हुई। हमारे नाम एफआईआर हो गई जिसे सपा नेता अमीर आलम ने थाने में पहुँचकर कराया था। एक तरफ यह हमारे साथ खड़े हो गए थे। हमने सोचा कि हमारी मदद करेंगे। इसलिए हमने और किसी से मदद नहीं मांगी। उसके बाद इनकी सरकार भी बन गई। सब कुछ हो गया। मुकदमे में कोर्ट में इन्होंने मदद नहीं की। उस समय की सरकार ने इस मामले में एफआईआर लगा दी थी। सही काम करा था। इस सरकार में हम जेल भी चले गए 302 के मुकदमे हमारे परिवार वाले झेल रहे हैं।

''पुण्यतिथि पर कपिल देव से सवाल पूछे जाने पर वहां से भागे गए''

मृतक गौरव के परिजन कहते हैं कि गौरव हमारा बेटा था और सचिन हमारे साले का बेटा था, जो दोनों मरे थे। इस बार पुण्यतिथि पर कपिल देव गए थे। हमने उनसे दो-चार सवाल पूछ लिए वह भी वहां से भागे। उस समय लक्ष्मीकांत वाजपेई प्रदेश अध्यक्ष थे। वह हमारे गांव की सड़क की घोषणा कर गए थे। उन्होंने दो बार पैसे भी भिजवाए थे। 15 लाख रुपये में आधी सड़क बनी है। आधी ऐसे ही रह गई है। डबल इंजन की सरकार के पास जिला पंचायत है। ब्लाक प्रमुख इनकी है। इसके बावजूद हमारे तो 5 ईट हैं। आज तक इन्होंने लगाई नहीं। किसी प्रकार का इनका कोई सहयोग नहीं है। अब चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। अब जनता के बीच जाएंगे। जनता को बताएंगे। जनता की सेवा करेंगे। जनता को जो अच्छा लगेगा, उसे जनता वोट देगी। सुरेश देवी मेरी पत्नी हैं, जो चुनाव लड़ेंगी। सामने कोई भी हो हमें तो निर्दलीय लड़ना है।

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