Muzaffarnagar News: मुजफ्फरनगर के तितावी गाँव की गुहार, हमे बचा लो सरकार

Muzaffarnagar news: शुगर मील से निकलने वाले गंदे पानी से गांव में बीमारियां फैल रही हैं।

Report :  Amit Kaliyan
Published By :  Ragini Sinha
Update:2022-04-05 14:15 IST

तितावी शुगर मील से परेशान ग्रामीण

Muzaffarnagar News: मुज़फ्फरनगर के तितावी थाना छेत्र में स्थित आईपीएल तितावी शुगर मील से परेशान तितावी गांव के ग्रामीणों जिला प्रशासन कार्यालयों में चक्कर लगा रहे है। ग्रामीणों का कहना है कि शुगर मील से निकलने वाले गंदे पानी व छाई से गांव में गंभीर बीमारियां फैल रही हैं। क्षेत्र में जल प्रदूषण और वायु प्रदूषण जोरों पर है। कई ग्रामीण कैंसर जैसी भयंकर बीमारी की चपेट में आ गए है।

सैकड़ो लोग अस्थमा की बीमारी से ग्रस्त हैं, फैक्ट्री के अंदर बड़ी बडी मशीनों द्वारा जमीन के अंदर से पानी निकाला जा रहा है, जिससे आसपास के गांव में पानी का स्तर काफी नीचे चला गया हैं और पानी विषेला हो गया हैं। इसके कारण हर ग्रामीण को अब RO लगाना पड़ रहा हैं।


जहरीले पानी से फसल हो रही बर्बाद

ग्रामीणों ने बताया कि हमारी सैकड़ो बीघा फसल फैक्ट्री द्वारा निकाले जा रहे विषैले पानी से बर्बाद हो रही हैं, जिसका मील द्वारा न तो हमे मुवावजा दिया जाता है और न ही वह जमीन अब फसल बोने लायक बची है। किसानों ने बताया कि आसपास की फसल मील द्वारा उड़ाई जा रही छाई से खराब हो रही हैं, कोई मजदूर भी हमारी फसल काटने को तैयार नही है। वहीं, शुगर मील प्रशासन का कहना है कि पूरा प्लांट सरकार के मानकों के अनुरूप काम कर रहा है और हम गवर्मेन्ट के सिस्टम के साथ ऑनलाइन भी जुड़े है।

किसानों द्वारा गंदे पानी के मुद्दे को उछाला जा रहा

जब भी मानक के अनुरूप प्लांट काम नही करता हैं तो हमारे पास अलर्ट आता है, पिछले 2 महीनों से ऐसा कोई अलर्ट नही मिला है, राखी की समस्या पर यूनिट हैड नरेश पाल ने बताया कि छाई के लिए हमारा रोहाना में प्लान्ट लगा है, वहा भेजा जा रहा है। कुछ किसान भी हमसे इस छाई लेकर जाते है और अपने खेतों में इस्तेमाल करते हैं, यह हम उनको निःशुल्क उपलब्ध करवाते है, साथ ही कुछ किसानों द्वारा गंदे पानी के मुद्दे को उछाला जा रहा है, उसके लिए फेक्ट्री में ETP प्लान्ट लगाया गया हैं जो पूरी छमता के साथ काम कर रहा है, पानी को फिल्टर करके ही फैक्ट्री के काम मे इस्तेमाल किया जाता हैं, एक्स्ट्रा पानी को नाली के जरिये पानी का डिस्पोजल किया जाता हैं। इस पानी का उपयोग किसान अपने खेतों में सिंचाई के लिए भी कर रहे है, जिससे कोई नुकसान होने की सम्भावना नही है। 

'एजेंसी प्लान्ट की जांच करे'

मिल के HR हैड बलराज तोमर ने बताया कि हम हर तरह की जांच के लिए तैयार हैं, कोई भी एजेंसी प्लान्ट की जांच करे हमे कोई आपत्ति नही हैं, जिला प्रशासन द्वारा तितावी के किसानों की एक सुविधा हटाई गई है जिसको लेकर कुछ किसान नाराज हैं, सिंचाई विभाग के नाले में हम परमिशन लेकर पानी डाल रहे हैं, उसी पानी से हम अपना प्लांट भी चलाते हैं, पूरे प्रदेश में 119 शुगर फैक्ट्री हैं, 6 करोड़ किसान इससे जुड़े हैं, अगर छाई से लोग बीमार होते तो गवर्नमेंट इन्हें चलने ही ना देती।

18 गांव का पानी खराब है

तितावी गांव के शिवराज सिंह का कहना है कि यहां छाई और पानी से परेशानी है नाले में अवैध रूप से पानी आ रहा है, यह पानी खसरा नंबर 69 और 70 से निकल रहा है जो गलत है, चकबंदी प्रक्रिया में गांव होने के नाते चकबंदी भी उस भूमि की कीमत नहीं लगाती, चकबंदी कहती है कि उस भूमि में नाला चल रहा है, पानी चल रहा हैं, 100 बीघा जमीन हमारी खराब है, एनजीटी के अनुसार 18 गांव का पानी खराब है, यहां कैंसर, अस्थमा, सांस और आंख की ज्यादातर लोगों को बीमारी है, अगर हमारी समस्या का समाधान नहीं होता है तो या तो हम अपनी जमीन में आ रहे पानी को खुद बंद करेंगे या फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के जनता दरबार में जाकर अपनी समस्या सुनाएंगे।

ग्रामीण राजेंद्र सिंह ने बताया कि शुगर मिल के केमिकल युक्त पानी से लगभग 50 गांव प्रभावित हैं, क्षेत्र में कैंसर और अस्थमा की बीमारी तेजी से बढ़ रही है, कई बार अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई।

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