Muzaffarnagar News: फैशन शो के दौरान बुर्के में कैटवॉक पर विवाद, जमीयत ने उठाई कार्रवाई की मांग

Muzaffarnagar News: जिसमें जमीयत ए उलेमा के जिला कन्वीनर मौलाना मुकर्रम कासमी ने कहा है कि बुर्का फैशन शो का हिस्सा नहीं है, जिन बच्चों से यह प्रोग्राम कराया गया है, यह एक मजहब को टारगेट करने वाली बात है।

Report :  Amit Kaliyan
Update:2023-11-27 17:52 IST

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Muzaffarnagar News: जनपद में स्थित एक प्रतिष्ठित कॉलेज का एक वीडियो सोशल मीडिया पर इस समय जमकर वायरल हो रहा है। जिसमें बुरका पहने कुछ छात्राएं फैशन शो के दौरान कैटवॉक करते हुए नजर आ रही हैं। अब इस वीडियो के वायरल होने पर जमीयत ए उलेमा की तरफ से कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है।

जिसमें जमीयत ए उलेमा के जिला कन्वीनर मौलाना मुकर्रम कासमी ने कहा है कि बुर्का फैशन शो का हिस्सा नहीं है, जिन बच्चों से यह प्रोग्राम कराया गया है, यह एक मजहब को टारगेट करने वाली बात है। ऐसा करके कहीं ना कहीं मुसलमान समाज और उनकी धार्मिक भावनाओं को भड़काया गया है। उन्होंने कहा कि जमीयत ए उलेमा इसकी मजामत करती है।कॉलेज प्रशासन और जिला प्रशासन से अपील करती है कि वह आइंदा ऐसे प्रोग्रामो से दूर रहे। अगर फिर कोई ऐसे प्रोग्राम करेगा तो जमीयत ए उलेमा उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए लड़ेगी।चाहे इसके लिए उन्हें हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट ही क्यू न जाना पड़े । क्योंकि किसी भी मजहब के ऊपर टिप्पणी करना किसी का मौलिक अधिकार नहीं है।इसमे हमारे बुर्के को टारगेट बनाया गया है।

दरअसल, आपको बता दे कि नगर के प्रतिष्ठित स्कूल श्री राम कॉलेज में पिछले तीन दिनों से फैशन शो का एक कार्यक्रम चल रहा था जिसमें मंदाकिनी सहित कहीं बड़ी फिल्मी हस्तियों ने हिस्सा लिया था ।

बताया जा रहा है कि इसी कार्यक्रम के समापन पर रविवार देर शाम फैशन शो के दौरान कुछ छात्राओं ने बुर्का पहनकर रैंप पर कैटवॉक किया था, जिसकी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।कैटवॉक करने वाली अलीना नाम की एक छात्रा का कहना है कि हमारे मनोज सर हमे कहते हैं कि यहां कॉलेज में आकर नई-नई क्रिएटिविटी करो जिसके चलते हम शॉर्ट ड्रेस बना रहे थे, हमने सोचा कि हमारा मुस्लिम समाज है, हम मुस्लिम समाज की युवतियों के लिए कुछ करें । इसलिए हमने बुर्का पहन कर यह किया है । हम यह कहना चाहते हैं कि बुर्का फैशन में भी आ सकता है, यह नहीं की लड़कियां इसे घर में ही पहने।

वही इसको लेकर मौलाना मुकर्रम कासमी की माने तो देखिए इन्होंने बुर्के को फैशन शो में इस्तेमाल किया है । जबकि हमारा मानना यह है कि बुर्का जो है वह फैशन शो का हिस्सा नहीं है। जिन बच्चों से यह प्रोग्राम कराया गया है तो यह एक मजहब को टारगेट करने वाली बात है। कहीं ना कहीं मुसलमान मजहब को व उनकी धार्मिक भावनाओं को भड़काया गया है । इसलिए जब फैशन शो का हिस्सा बुर्का नहीं है तो इसको फैशन शो में इस्तेमाल क्यों किया गया है। बुर्का किसको कहते हैं, बुर्का जो होता है वह एक कपड़ा होता है ।जब महिला घर से बाहर निकलती है तो वह उसे पहन कर बाहर निकलती है ताकि उसकी आज़ा, उसका चेहरा, उसका बदन कोई और आदमी ना देख सके तो बुर्के को पर्दे के लिहाज से उसको इस्तेमाल किया जाता है और आप उसी बुर्के को लाल-पीले कपड़ों में सिलवा कर कर फैशन शो में इस्तेमाल करें यह सरासर गलत है। मुसलमानो की धार्मिक भावनाओं को भड़काने का एक मुद्दा है। जमीयत उलेमा इसकी मजम्मत करती है। कॉलेज के जिम्मेदारान और उसके प्रशासन से अपील भी करती है कि वो आइंदा ऐसे प्रोग्रामो से दूर रहे । उनसे परहेज करें । किसी को भी हक़ नहीं है कि वो किसी की धार्मिक भावनाओं को भड़काये।आप फैशन शो कर रहे हैं तो करिए । लेकिन किसी एक मजहब को आप टारगेट नहीं कर सकते हैं।

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