Muzaffarnagar News: संजीव बालियान की सुरक्षा हटाई गई, जानें क्या है वजह
Muzaffarnagar News: संजीव बालियान के द्वारा सोमवार को एक पत्र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखा गया था।;
Muzaffarnagar News: मुजफ्फरनगर जनपद के मंसूरपुर थाना क्षेत्र स्थित खाँनोपुर गांव की एक जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर रविवार को पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान सैकड़ो ग्रामीणों के साथ थाने पहुंचे थे। जहां पर उन्होंने इस जमीन को मंदिर की जमीन बताते हुए मंसूरपुर इंस्पेक्टर उमेश रोरिया को जमकर हड़काया था। जबकि पुलिस के द्वारा बताया जा रहा है कि इस जमीन का मामला न्यायालय में विचाराधीन है।
जिसके चलते इस घटना के बाद पूर्व केंद्र राज्य मंत्री संजीव बालियान की सुरक्षा भी हटा दी गई है। जिसको लेकर संजीव बालियान के द्वारा सोमवार को एक पत्र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखा गया था। जिसमें उन्होंने जमीन की घटना का हवाला देते हुए कहां है कि मुजफ्फरनगर पुलिस के भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने के चलते मेरी सुरक्षा पूरी तरह हटा दी गई है। उन्होंने कहा है कि मेरे ऊपर लोकसभा चुनाव के दौरान जानलेवा हमला हो चुका है और अगर यह हमला पुनः होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार के अधिकारियों की होगी। साथ ही अपने पत्र में संजीव बालियान ने कहा है कि मुझे अपनी सुरक्षा की चिंता नहीं है मेरी सुरक्षा पश्चिम उत्तर प्रदेश की जनता करेगी लेकिन एक पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री के साथ पुलिस का जब यह रवैया है तो आम भाजपा कार्यकर्ताओं के हालात क्या होंगे।
जमीन की रजिस्ट्री मंदिर और धर्मशाला के नाम
आपको बता दे कि इस जमीन को लेकर ग्रामीणों का कहना है कि इस जमीन की रजिस्ट्री मंदिर और धर्मशाला के नाम हो रखी है जबकि पुलिस कब्जाधारियों का साथ देकर ग्रामीणों के विरुद्ध गलत मुक़दमे दर्ज कर रही है। आरोप है कि मंदिर की इस जमीन पर मंसूरपुर डिस्टरली के द्वारा अधिकारियों से मिलकर अवैध रूप से कब्जा किया जा रहा है। जिसके विरोध में ग्रामीणों के साथ मिलकर पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान ने इसकी आवाज उठाई थी जिसके चलते उनकी सुरक्षा को हटा दिया गया है। बताया जा रहा है कि संजीव बालियान की सुरक्षा में उनके आवास से गारद, एस्कॉर्ट और चार गनर को वापस बुला लिया गया है।
इस जमीन के बारे में जहां रविवार को संजीव बालियान ने मीडिया से बात करते हुए कहा आना पड़ा भाई, जब पुलिस कब्जाधारियों का साथ देने लगे, जब पुलिस आमजन को परेशान करने लगे, मंदिर और धर्मशाला की जमीन पर भी कब्जा करायेगे, यह लोग पूरा गांव एक तरफ लेकिन एक व्यक्ति को फायदा पहुंचाने के लिए जिसकी रजिस्ट्री मंदिर के नाम से हुई हो उसे कैसे नकार दोगे तो आना पड़ा, पुलिस उनके साथ है। एसडीएम ने गलत आदेश किया पहले अभी के नहीं 2003 में आदेश हुए थे। कोर्ट में भी उन्होंने बड़े-बड़े वकील कड़े किए हैं लेकिन मंदिर और धर्मशाला की जमीन पर कब्जा नहीं होने दिया जाएगा। मंदिर भी बनेगा और धर्मशाला भी बनेगी। कोई गलतफहमी में बिल्कुल ना रहे, मैं यही पूछने आया था कि कितने पैसे लिए इनसे इस सरकार में अगर मंदिर की जमीन पर कब्जा करवाओगे। यह तो गांव वाले जागरूक है। आज हम वहां चले गए। मैं यही पूछने आया था कि किसके आदेश से तुम मदद कर रहे हो, गांव वालों पर फर्जी मुकदमे दर्ज करवाये, दबाने के लिए किसी को फायदा पहुंचाने के लिए और सरकार नहीं बात यह है कि गलत कहीं भी हो अगर कोई अधिकारी गलत करेगा हम सरकार का हिस्सा हैं और रहेंगे। भारतीय जनता पार्टी और कार्यकर्ता हमारे राठी साहब लोक दल के कार्यकर्ता हैं। हम रहेंगे लेकिन हम गांव के साथ हैं, अगर कुछ गलत होगा तो जाकर कहेंगे, क्यों नहीं कहेंगे, लड़ेंगे गांव वालों के लिए।
वही इस बारे में सीओ खतौली राम आशीष यादव का कहना है कि दिनांक 12 जनवरी 2025 को पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ संजीव बालियान एवं ग्राम खानपुर के कुछ निवासियों द्वारा थाना मंसूरपुर पर आकर एक भूमि जो की खानपुर ग्राम स्थित खाता संख्या 128 खसरा नंबर 59 और जिसका क्षेत्रफल 0. 1790 हेक्टेयर है पर अवैध कब्जे के संदर्भ में एक शिकायत की गई। उक्त भूमि एवं विवाद के सन्दर्भ में निम्न तथ्य हैं कि उक्त भूमि के संबंध में स्वरूप वेजिटेबल बनाम राजीव धनखड़ एक वाद माननीय सिविल न्यायालय जनपद मुजफ्फरनगर में दायर किया गया था। जिसमें 29 अक्टूबर 2024 को स्वरूप वेजिटेबल के पक्ष में माननीय न्यायालय द्वारा एक्स पार्टी एक आदेश किया गया जिसमें यह कहा गया कि अग्रिम तिथि नियत वादी के कब्जे व दखल में कोई हस्तक्षेप किसी भी प्रकार से ना करें। इसके पश्चात माननीय न्यायालय द्वारा दोनों पक्षों को सुना गया और 24.12.2024 को माननीय न्यायालय ने 29.10. 2024 के अपने आदेश के अनुपालन हेतु थाना मन्सूरपुर के एस एच ओ को निर्देशित किया जिसकी शब्द इस प्रकार हैं।
एस एच ओ पुलिस स्टेशन मंसूरपुर जिला मुजफ्फरनगर... उक्त आदेश के अनुपालन में मौके पर शांति व्यवस्था बनाए रखने हेतु पुलिस द्वारा संबंधितों के विरुद्ध आवश्यक निरोधात्मक करवाई की गई है। इसमें किसी प्रकार के भी अवैध कब्जा कराए जाने का जो आरोप है वह बिल्कुल निराधार है। यह माननीय सिविल न्यायालय के आदेश का अनुपालन मात्र है।