Muzaffarnagar News: मुजफ्फरनगर में नकली नोट छापने का बड़ा खुलासा, 6 गिरफ्तार, 5 लाख 30 हजार रुपये की नकली करेंसी बरामद

Muzaffarnagar News:उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले की नगर कोतवाली पुलिस और एसओजी की संयुक्त टीम ने आज मुखबिर की सूचना पर न्याजीपुरा गांव में एक मकान पर छापेमारी की। इस छापेमारी में टीम ने 5 लाख 30 हजार रुपये की नकली करेंसी और नकली नोट छापने के उपकरण बरामद किए।;

Update:2025-03-30 22:01 IST

Muzaffarnagar News (Photo: Social Media)

Muzaffarnagar News:उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले की नगर कोतवाली पुलिस और एसओजी की संयुक्त टीम ने आज मुखबिर की सूचना पर न्याजीपुरा गांव में एक मकान पर छापेमारी की। इस छापेमारी में टीम ने 5 लाख 30 हजार रुपये की नकली करेंसी और नकली नोट छापने के उपकरण बरामद किए। मौके से पुलिस ने छह अभियुक्तों गुड्डू, फारूख, रितेश, सुगन, अंकित और निखिल को गिरफ्तार किया, जबकि इनके दो साथी रोहित और सचिन अभी भी फरार हैं।

पुलिस पूछताछ में इन आरोपियों ने बताया कि अब तक वे लगभग 10 लाख रुपये के नकली नोट (500 और 100 के) छापकर बाजार में बेच चुके हैं। पुलिस ने बताया कि इस गिरोह के नकली करेंसी खरीदने वाले कुछ नाम भी सामने आए हैं, जिनकी गिरफ्तारी के लिए प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। बताया जा रहा है कि यह गिरोह भोले-भाले लोगों को अपनी बातों में फंसाकर 25 हजार रुपये के असली नोटों के बदले 1 लाख रुपये के नकली नोट देता था, जिससे वह मुनाफा कमा रहे थे।

पुलिस ने सभी आरोपियों को जेल भेज दिया है। एसपी ग्रामीण आदित्य बंसल ने जानकारी दी कि एसओजी और नगर कोतवाली पुलिस की टीम ने इस गिरोह के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया, जो नकली करेंसी नोट बना कर उसे बाजार में बेचते थे। छापेमारी के दौरान उच्च गुणवत्ता के प्रिंटर, लैपटॉप, वाटरमार्क बनाने के बटरपेपर और अन्य उपकरण मिले। इनसे कुल 5 लाख रुपये के 500 और 100 रुपये के नकली नोट बरामद हुए हैं।

अंकित, रितेश, निखिल और रोहित मुख्य रूप से नोट छापने और मैन्युफैक्चरिंग में शामिल थे, जबकि गुड्डू, फारूख और सुगनू इन नकली नोटों को खरीदकर बेचने का काम करते थे। गिरोह ने 10 लाख रुपये के नकली नोटों को बाजार में बेचा। पुलिस ने कुछ खरीदारों के नाम भी पहचाने हैं, जिनकी जल्द गिरफ्तारी की जाएगी। बताया गया है कि सुगनू और फारूख का आपराधिक इतिहास भी रहा है और उन पर बुलंदशहर में डकैती के मामले भी हैं। यह गिरोह एक विशिष्ट कंपनी के पेपर का उपयोग करता था, जो असली नोट से मेल खाता था।

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