Muzaffarnagar News : मुजफ्फरनगर दंगा मामले की कोर्ट में हुई सुनवाई, संजीव बालियान सहित कई नेता हुए पेश

Muzaffarnagar News : अधिवक्ता विनोद कुमार गुप्ता ने बताया कि कोर्ट में नगला मंदोड़ में जो दंगा हुआ था, उसमें जो लोग शामिल थे, न्यायालय ने सभी को तलब किया था। इनमें कपिल देव अग्रवाल, उमेश मलिक, बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष यशपाल पवार, संजीव बालियान, हरेंद्र मलिक शामिल थे।

Report :  Amit Kaliyan
Update:2024-07-06 20:27 IST

Muzaffarnagar News : उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर में साल 2013 में कवाल कांड के बाद नंगला मंदौड़ में हुई पंचायत के दौरान धारा 188 के उलंघन में पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री डा. संजीव बालियान, स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल, सपा सांसद हरेन्द्र मलिक, पूर्व विधायक उमेश मलिक और स्वामी यति नरसिम्हानंद गिरी सहित अन्य आरोपी शनिवार को एमपी/एमएलए कोर्ट में पेश हुए। 

इस मामले की सुनवाई जनपद की एमपी/एमएलए कोर्ट में चल रही है, जिसके चलते शनिवार को इस मामले की तारीख होने के कारण पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री डा.संजीव बालियान,राज्य मंत्री स्वतंत्रत प्रभार कपिल देव अग्रवाल, सपा सांसद हरेंद्र मलिक, पूर्व बीजेपी विधायक उमेश मलिक, भाजपा नेता यशपाल पंवार, डासन देवी मंदिर गाजियाबाद के महंत स्वामी यति नरसिंहानंद गिरी सहित अन्य कई आरोपी अदालत में पेश हुए, जिसके बाद कोर्ट ने इस मामले की अगली तारीख 9 जुलाई तय की है।

21 लोगों के खिलाफ दर्ज हुई थी शिकायत

इस मामले की जानकारी देते हुए अधिवक्ता विनोद कुमार गुप्ता ने बताया कि कोर्ट में नगला मंदोड़ में जो दंगा हुआ था, उसमें जो लोग शामिल थे, न्यायालय ने सभी को तलब किया था। इनमें कपिल देव अग्रवाल, उमेश मलिक, बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष यशपाल पवार, संजीव बालियान, हरेंद्र मलिक शामिल थे। तत्कालीन सपा सरकार ने बीजेपी नेताओं पर मुकदमे दर्ज कराए थे। यह 2013 का मामला था, इसमें चार्जशीट 2014 में आई थी, लेकिन इसमें 21 लोगों के खिलाफ  शिकायत दर्ज हुई थी।


नेताओं ने क्या कहा?

पूर्व केंद्र राज्य मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने कहा 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों में जो पंचायत नगला मंदौड़ में 31 व 7 तारीख को हुई थी, उसमें जो मुकदमे पंचायत की तरफ से दर्ज हुए थे। उस पंचायत में कपिल देव, उमेश और हम आए थे। कपिल देव के ऊपर दो मुकदमे हैं। समाजवादी पार्टी की सरकार में ही उनके ऊपर मुकदमा लगा था। उन्होंने कहा कि वह भारतीय जनता पार्टी में पहले भी थे और आज भी हैं। 

हरेंद्र मलिक ने कहा कि मैं दंगों के मामले में पेश नहीं हुआ हूं। मुझ पर दंगों का कोई आरोप नहीं है और न ही कोई मुकदमा है। मेरे खिलाफ धारा 144 तोड़ने का एक मुकदमा है, जिसमें अब तक न तलबी हुई है और न कोई चार्जशीट। उन्होंने कहा कि 2023 में एक समन आया था, वह न्यायालय का सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि उस समय सपा सरकार थी, यह सरकार के खिलाफ षडयंत्र किया गया था। 

कपिल देव अग्रवाल ने कहा कि सपा सरकार में योजनाबद्ध तरीके से दंगे किए गए और उन दंगों की वजह से बीजेपी कार्यकर्ताओं और नेताओं पर मुकदमे कायम हुए तो उसी में कोर्ट में बहस चल रही है। एमपी एमएलए कोर्ट में अपने विषय को रखा है। सपा सरकार में फर्जी मुकदमे दायर हुए थे और उसी वजह से सपा सत्ता से बाहर है। हमे न्यायालय पर पूरा भरोसा है।

2013 में हुए थे दंगे

बता दें कि वर्ष 2013 में जानसठ कोतवाली क्षेत्र के कवाल गांव में ममेरे, फुफेरे भाई गौरव और सचिन की हत्या के बाद 31 अगस्त को नंगला मंदौड़ गांव में एक पंचायत बुलाई गई थी, जिसमें पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान, राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल ,भाजपा पूर्व विधायक उमेश मलिक, सपा सांसद हरेंद्र मलिक सहित कई नेता और आस-पास के जिलों से भी बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए थे। जिसके चलते इस मामले में उस समय पुलिस द्वारा 21 लोगों पर धारा 188 के उल्लंघन का मुकदमा दर्ज किया गया था।

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