मदरसों में गाया जाएगा राष्ट्रगान, शिक्षा परिषद की बैठक में आया बड़ा फैसला

National Anthem in Madrasa: मदरसा शिक्षा परिषद की बैठक में तय हुआ कि अब मदरसों में कक्षा की शुरुआत से पहले प्रार्थना के दौरान राष्ट्रगान गाना आवश्यक कर दिया गया है।

Report :  Rajat Verma
Published By :  Vidushi Mishra
Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2022-03-25 02:55 GMT

मदरसे में राष्ट्रगान (फोटो-सोशल मीडिया)

National Anthem in Madrasa: प्रदेश में योगी मंत्रिमंडल के शपथग्रहण से पहले मदरसा शिक्षा परिषद ने मदरसों में कक्षाएं शुरू होने से पहले राष्ट्रगान को अनिवार्य कर दिया है। उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद की बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण फैसले के मुताबिक नए सत्र से कक्षाओं की शुरुआत से पहले अन्य दुआओं के साथ शिक्षकों और छात्रों को मिलकर राष्ट्रगान भी गाना होगा।

मदरसों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने और भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए कई और बड़े फैसले भी लिए गए हैं। प्रदेश में लगातार दूसरी बार योगी सरकार का गठन होने जा रहा है और ऐसे में मदरसा शिक्षा परिषद की ओर से लिए गए फैसलों को काफी अहम माना जा रहा है।

मदरसों में लागू होगा बायोमैट्रिक सिस्टम

मदरसा शिक्षा परिषद की बैठक में राष्ट्रगान संबंधी फैसला काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसे सभी के लिए गाना अनिवार्य कर दिया गया है। मदरसों में दी जा रही शिक्षा में सुधार लाने के लिए कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी ध्यान दिया गया है। मदरसों में शिक्षकों की नियुक्ति का तौर तरीका भी अब बदल जाएगा। टीईटी की तरह अब एमटीईटी के माध्यम से मदरसों में शिक्षकों की नियुक्तियां की जाएंगी। इसे अहम फैसला माना जा रहा है क्योंकि इस कदम के जरिए मदरसों में शिक्षकों की नियुक्ति में होने वाले भ्रष्टाचार पर रोक लग सकेगी।

अब शिक्षकों की समयानुसार उपस्थिति पर भी काफी ध्यान दिया जाएगा और इसके लिए बायोमैट्रिक सिस्टम लागू होगा। इसके जरिए शिक्षकों की उपस्थिति और आने-जाने के समय का पूरा ब्योरा रखा जाएगा। यदि किसी मदरसे में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या कम होगी तो शिक्षकों को दूसरे मदरसों में समायोजित करने का भी बड़ा फैसला लिया गया है।

अब मदरसों में होंगे छह प्रश्नपत्र

मदरसा शिक्षा परिषद की बैठक में 14 मई से 27 मई के बीच मुंशी मौलवी, आलिम, कामिल और फाजिल की परीक्षाएं आयोजित करने का भी निर्णय लिया गया। 20 मई के बाद माध्यमिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में गर्मियों की छुट्टियां हो जाएंगी और यूपी बोर्ड की परीक्षाओं का मूल्यांकन होगा। कॉलेजों के खाली न होने की स्थिति में मदरसा बोर्ड की परीक्षाएं विभिन्न मदरसों में ही कराई जाएंगी।

मदरसा बोर्ड की परीक्षाओं के संबंध में भी एक महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है। अब मदरसों में दीनी पाठ्यक्रमों के साथ ही हिंदी, अंग्रेजी, गणित और विज्ञान आदि विषयों के भी पेपर देने होंगे। मदरसा बोर्ड की परीक्षाओं में अब परीक्षार्थियों को छह प्रश्नपत्रों की परीक्षा देनी होगी।

मदरसों में पढ़ाने वाले शिक्षकों के बच्चों के संबंध में भी एक सर्वे कराया जाएगा। सर्वे के माध्यम से यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि मदरसा शिक्षकों के बच्चे मदरसों में पढ़ते हैं या दूसरे स्कूलों में।

टीईटी की तर्ज पर भारी होंगे मदरसा शिक्षक

गुरुवार को आयोजित हुई मदरसा शिक्षा परिषद की इस बैठक में मदरसे में शिक्षकों की भर्ती के लिए टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) के समान एमटीईटी (मदरसा शिक्षक पात्रता परीक्षा) शुरू करने को लेकर भी विस्तृत चर्चा हुई।

गुरुवार को आयोजित इस बैठक में बोर्ड के सदस्य कमर अली, तनवीर रिजवी, डॉ. इमरान अहमद, असद हुसैन, अल्पसंख्यक कल्याण निदेशालय में लेखाधिकारी आशीष आनंद और बोर्ड के रजिस्ट्रार एसएन पांडेय मौजूद रहे। मदरसा शिक्षा परिषद की बीते दिन आयोजित हुई इस अहम बैठक में मदरसे में शिक्षण की गुणवत्ता को बढ़ाने और छात्रों के कौशल को निखारने को लेकर तमाम कई मुद्दों पर विस्तृत चर्चा चर्चा हुई।

ऐसा माना जा रहा जाए एमटीईटी के माध्यम से मदरसे में शिक्षकों की शैक्षणिक गुणवत्ता पर भी विशेषरूप से ध्यान दिया जाएगा। जिसके चलते एमटीईटी के माध्यम से चयनित शिक्षकों की मदद से मदरसे में पढ़ने वाले छात्रों के कौशल में और भी अधिक विकास होगा।

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