NMC ने UP के 13 मेडिकल कॉलेजों को नहीं दी मान्यता, MBBS की 1300 सीटें बढ़ाने की योजना को झटका
UP News: उत्तर प्रदेश में करीब साल भर पहले 13 स्वशासी राज्य मेडिकल कॉलेज बनकर तैयार हुए। सत्र 2024-25 में इन कॉलेजों में एमबीबीएस पाठ्यक्रम शुरू होना था।
UP News: उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए 13 नए मेडिकल कॉलेजों का निर्माण किया गया है। लेकिन, नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने इन मेडिकल कॉलेजों को मान्यता देने से इनकार कर दिया है। इसके पीछे एनएमसी ने तर्क दिया है कि इन मेडिकल कॉलेजों में चिकित्सा शिक्षकों एवं अन्य संसाधनों की कमी के चलते ऐसा फैसला लिया गया है। एनएमसी के इस फैसले से चिकित्सा शिक्षा विभाग की प्रदेश में एक साथ एमबीबीएस की 1300 सीटें बढ़ाने की योजना को भी झटका लगा है। हांलांकि सभी मेडिकल कॉलेज कमियों को दूर करके एनएमसी में अपील कर सकते हैं। अपील के लिए 15 दिन का समय दिया गया है।
बता दें यूपी के हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज खोलने की सरकार योजना बना रही है। इसके तहत करीब साल भर पहले 13 स्वशासी राज्य मेडिकल कॉलेज बनकर तैयार हुए। सत्र 2024-25 में इन कॉलेजों में एमबीबीएस पाठ्यक्रम शुरू होना था। इसके तहत मान्यता के लिए एनएमसी में आवेदन किया गया। एनएमसी की टीम ने 24 जून को निरीक्षण कर कमियां गिनाईं। इसके बाद कुछ कमियां दूर की गईं, लेकिन संकाय सदस्यों (फैकल्टी की कमी की वजह से प्रदेश के सभी 13 कॉलेजों को मान्यता देने से इन्कार कर दिया गया।
प्रदेश के इन जिलों में बनाए गए हैं मेडिकल कॉलेज
जानकारी के मुताबिक स्वशासी राज्य मेडिकल कॉलेज कुशीनगर, कौशांबी, सुल्तानपुर, कानपुर देहात, ललितपुर, पीलीभीत, ओरैया, सोनभद्र, बुलन्दशहर, गोंडा, बिजनौर, चंदौली और लखीमपुर खीरी जिले बनाए गए हैं। ये मेडिकल कॉलेज शुरू होने से पहले ही संशय में फंस गए हैं।
मेडिकल कॉलेजों में कितने प्रतिशत खाली हैं पद
नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) की ओर से कॉलेजों को भेजे गए पत्र में बताया गया है कि किस फैकल्टी के कितने फीसदी पद खाली हैं। इनमें कुशीनगर में 85.7, गोंडा में 84.70 प्रतिशत, सोनभद्र में 74 प्रतिशत, कौशांबी में 72.79 प्रतिशत, कानपुर देहात में 76.50 प्रतिशत, चंदौली में 65 प्रतिशत, ललितपुर में 64.70 प्रतिशत, औरैया में 68 प्रतिशत, बुलंदशहर में 48 प्रतिशत, सुल्तानपुर में 47 प्रतिशत पद रिक्त हैं। एनएमसी ने कहा कि कई मेडिकल कॉलेजों में सीटी स्कैन मशीन, ब्लड सेपरेशन यूनिट आदि भी नहीं हैं।