यातायात व पार्किंग को लेकर प्रमुख सचिवों सहित जिले की संस्थाओं को नोटिस जारी

कोर्ट ने कहा कि जीने का मूल अधिकार प्राप्त है किन्तु यह जानवरों की तरह नहीं, गौरवपूर्ण मानवीय जीवन जीने का अधिकार है। इस मुद्दे पर अगली सुनवाई बारह जुलाई को होगी।

Update: 2019-05-28 14:25 GMT

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रयागराज शहर की यातायात व्यवस्था तथा पार्किंग समस्या को लेकर स्वतः जनहित याचिका कायम कर प्रमुख सचिव शहरी विकास, प्रमुख सचिव वित्त, जिलाधिकारी व एसएसपी प्रयागराज, मुख्य अभियंता पी.डब्लू.डी. उपाध्यक्ष पीडीए, चीफ टाउन प्लानर व एसपी ट्रैफिक को नोटिस जारी की है और बारह जुलाई 19 तक जवाब मांगा है।

यह आदेश न्यायमूर्ति पी.के.एस.बघेल तथा न्यायमूर्ति आर.आर.अग्रवाल की खण्डपीठ ने दिया है। कोर्ट ने कहा है कि कुंभ के दौरान केन्द्र व राज्य सरकार ने सड़क चौड़ीकरण व सुन्दरीकरण के लिए भारी धनराशि दी किन्तु पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं की गयी। ध्वस्तीकरण अभियान चला, सड़कों का चैड़ीकरण किया गया और चौड़ी हुई सड़कों पर लोग वाहन खड़ा कर रहे हैं। इससे चैड़ीकरण का उद्देश्य ही व्यर्थ हो रहा है।

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कोर्ट ने कहा कि शहर में 144478 चार पहिया वाहन पंजीकृत हैं जिसमें से 139649 प्राइवेट वाहन व 4829 व्यावसायिक वाहन है। इनके अलावा दो पहिया व आटो रिक्शा भी है। सिविल लाइंस में 335 वाहनों की पार्किंग की मल्टी लेबल पार्किंग की व्यवस्थाहै। पार्किंग व्यवस्था न होने के कारण लोग महात्मा गांधी मार्ग व सरदार पटेल मार्ग पर बेतरतीब वाहन खड़ा कर रहे हैं। कोई रोडमैप नहीं है। पैदल यात्रियों व बच्चों के लिए बेतरतीब खड़े वाहन खतरा उत्पन्न कर रहे हैं।

शहर में व्यावसायिक काम्पलैक्स, होटल, नर्सिंग होम, बारात घर है जहां पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है और पीडीए बिना पार्किंग पर ध्यान दिये नक्शा पास कर रही है। कोर्ट ने कहा कि जीने का मूल अधिकार प्राप्त है किन्तु यह जानवरों की तरह नहीं, गौरवपूर्ण मानवीय जीवन जीने का अधिकार है। इस मुद्दे पर अगली सुनवाई बारह जुलाई को होगी।

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