चुनाव में प्रत्याशियों के लिए नई सुविधा, ऑनलाइन मिलेगी रैली की परमिशन

Update: 2016-04-25 17:42 GMT

लखनऊ: अब चुनाव में प्रत्याशियों को रैली और नुक्कड़ सभा के लिए परिमशन ऑनलाइन मिलेगी। इसके लिए आयोग की वेबसाइट पर आवेदन करना होगा। आयोजन स्थल और पुलिस विभाग की एनओसी भी वेबसाइट पर अपलोड करनी होगी। आवेदन के 24 से 72 घंटे के भीतर इस पर फैसला ले लिया जाएगा।

आयोग के अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी और विशेष सचिव रमाकांत पांडेय ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इसके लिए आयोग एक नया सॉफ्टवेयर प्रयोग कर रहा है, जिसका नाम 'सुविधा' है। इसके अलावा गाजीपुर उप चुनाव में तीन और सॉफ्टवेयर इस्तेमाल किया जा रहा है। उपचुनाव में इसका रिस्पांस देखने के बाद देखा जाएगा कि इसे यूपी में होने वाले अगले चुनावों में कैसे यूज में लेना है।

ऑनलाइन सुविधा

-सभी स्थल, चुनाव कार्यालय खोलने और चुनाव प्रचार के लिए वाहन की परमिशन के लिए।

-चुनाव प्रचार के लिए जुलूस और नुक्कड़ सभा की परमिशन के लिए।

-हेलीपैड के निर्माण और हेलीकाप्टर लैंड कराने की अनुमति के लिए।

यह चार सॉफ्टवेयर उपचुनाव में किए जा रहे इस्तेमाल

-सुविधा

-समाधान

-सुगम

-सुलेखा

शिकायतों का हल करेगा 'समाधान' सॉफ्टवेयर

ऐसी कोई शिकायत या सूचना जिससे चुनाव प्रभावित हो सकता है। इसे 'समाधान' साफ्टवेयर के जरिए ऑनलाइन दर्ज कराया जा सकता है। रमाकांत पांडेय ने बताया कि किसी व्यक्ति द्वारा आनलाइन शिकायत दर्ज करने पर उसे संबंधित अधिकारी के पास तुरंत भेज दिया जाता है। शिकायतकर्ता ऑनलाइन ही देख सकता है कि उसकी शिकायत पर क्या कार्यवाही हो रही है और उसके निस्तारण के बारे में भी उसे ऑनलाइन ही पता चल जाएगा। जबकि डाक से शिकायत भेजने में समय लगता है।

इन चीजों में गड़बड़ियों की शिकायतें की जा सकती हैं ऑनलाइन

-फार्म 6(नाम जोड़ने के लिए), फार्म 7 (नाम हटाने के लिए), फार्म 8 (सुधार के लिए)।

-ईपिक नहीं मिला, ईपिक में गल्ती, मतदाता सूची, मीडिया विज्ञापन, पोस्टर व होर्डिंग।

-शराब या नशीली दवाओं का वितरण, नकद उपहार का कूपन वितरण।

-चुनाव रैली, आग्नेयास्त्रों के गैर जमा, कार्यालय चुनाव, चुनाव संबंधित सरकारी कर्मी।

-सरकारी कर्मी, मतदान केंद्र, चुनाव प्रक्रिया, उम्मीदवार व्यय, निर्वाचन व्यय।

-पार्टी व्यय, निर्वाचन से संबधित।

'सुगम' होगी चुनाव में लगी गाड़ियों के भुगतान की राह

इसी तरह चुनाव में तमाम वाहन लिए जाते हैं। अब तक वाहन मालिक समय से डीजल-पेट्रोल न मिलने और भुगतान न होने की बात कहते थे। पर 'सुगम' सॉफ्टवेयर के जरिए गाड़ियों के भुगतान की राह आसान होगी। अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि अब गाड़ियों के खर्चे का हिसाब भी ऑनलाइन ही रखा जाएगा। जैसे वाहन कब लिए गए और कितने दिल चले। उन्हें कितना डीजल या पेट्रोल दिया गया और इनका भुगतान भी ऑनलाइन किया जाएगा।

चुनाव प्रबंधन से जुड़े कामों के ऑनलाइन होंगे वर्कआर्डर और भुगतान

रमाकांत पांडेय ने बताया कि जो लोग चुनाव के समय आयोग में स्टेशनरी आदि की सप्लाई करते हैं और टेंट और फर्नीचर से की व्यवस्था में शामिल होते हैं। उनको पेमेंट में दिक्कतें न हो इसको देखते हुए 'सुलेखा' सॉफ्टवेयर लाया गया है।

-इस सॉफ्टवेयर में यह लोग अपने किए गए काम की फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी अपलोड करेंगे।

-ताकि उनका काम सत्यापित रहे। चुनाव खत्म होने के महीने भर के अंदर इसका पेमेंट हो जाएगा।

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