NRHM घोटाले के आरोपियों की याचिका खारिज

सीबीआई ने जांच की और चार्जसीट दाखिल की। याचियों का कहना था मुख्य अभियुक्त जी.के. बत्रा की मौत हो चुकी है। इसलिए उन्हें दोष मुक्त किया जाय। कोर्ट ने सीबीआई कोर्ट के आदेश को वैध माना और पुनरीक्षण खारिज कर दिया।

Update: 2019-05-27 13:21 GMT

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एनआरएचएम घोटाले के आरोपियों एच.सी.एल. इंफोसिस्टम लि, एक्सिस मार्केटिंग के प्रोपराइटर वीरेंद्र गोयल, राधेश्याम इंटरप्राइजेज के प्रोप्राइटर नीरज उपाध्याय की याचिका खारिज कर दी है।

सीबीआई कोर्ट लखनऊ द्वारा डिस्चार्ज अर्जी निरस्त करने को इन्होंने चुनौती दी थी। यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा ने दिया है। सीबीआई के वरिष्ठ अधिवक्ता का कहना था कि 951 कम्प्यूटर खरीदने व लगाने का करार हुआ।

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श्रीत्रोंन इंडिया के एम.डी. जी.के. बत्रा (मृत) व अन्य को कार्य भुगतान दिया गया। 7.49 करोड़ का भुगतान किया गया जिसमें से 2.94 करोड़ का कम्प्यूटर सप्लाई ही नहीं हुआ और एन.आर. एच.एम. योजना का धन का गबन कर लिया गया।

सीबीआई ने जांच की और चार्जसीट दाखिल की। याचियों का कहना था मुख्य अभियुक्त जी.के. बत्रा की मौत हो चुकी है। इसलिए उन्हें दोष मुक्त किया जाय। कोर्ट ने सीबीआई कोर्ट के आदेश को वैध माना और पुनरीक्षण खारिज कर दिया।

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