वाराणसीः हांग-कांग में रहने वाले एनआरआई भारतीय दादा कांत एच लखानी दिल के मरीजों के लिए खुदा से कम नहीं है। लखानी काशी के 24 और पूरे भारत में अब तक 600 लोगों के दिल का ऑपरेशन करा चुके हैं। सोमवार को दादा लखानी, पत्नी रीटा लखानी के साथ अपनी शादी की पच्चासवीं सालगिरह मानने के लिए काशी पहुंचे।
Newztrack से बात करते हुए दादा लखानी ने बताया कि उन्होंने अपनी मां से विद्या दान और जीवन दान का वादा किया था। उसे पूरा कर रहे हैं। यहां उन्होंने वरुणा सेवा संस्थान ट्रस्ट के समर्पण संस्था में सेरब्रल पॉलिसी (सीपी) से ग्रसित दिव्यांग बच्चों के बीच अपनी सालगिरह मनाई। संस्था के लोग और ठीक हो चुके दिल के मरीजों ने उनको सम्मानित किया।
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काशी के 24 लोगों का करा चुके है दिल का ऑपरेशन
-मुम्बई से हांगकांग में बस चुके लखानी का बहुत बड़ा दिल है।
-वह दिल के रोगियों का मुफ्त में इलाज करा रहें हैं।
-लखानी पूरे भारत के विभिन्न क्षेत्रों में समाजसेवा का कार्य कर रहे है।
-पूर्वांचल में तमाम ऐसे बच्चें हैं जिनका पैसे की कमी के कारण दिल का ऑपरेशन नहीं हो पाता है।
-पिछले पांच सालों से शहर के सुरेंद्र लालवानी और हांगकांग के दादा लखानी इनका इलाज करा रहे हैं।
-इनके सहयोग से बिमार गरीब बच्चों को नया जीवन मिल रहा है।
-ऐसे लोगों के लिए ये दोनों किसी भगवान से कम नहीं है।
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कहां होता है इलाज?
-सुरेंद्र लालवानी ने कहा कि जयपुर में नरायण सेवा संस्थान हॉस्पिटल है।
-इसमें दादा लखानी ने सेवा परमो धर्म नाम से एक ट्रस्ट बना रखा है।
-इसके माध्यम से वे भारत के तमाम दिल के मरीजों का मुफ्त में ऑपरेशन करवाते है।
-उसका सारा खर्च ये ट्रस्ट उठाती है।
-भारत के चार राज्यों बैंगलोर, कोलकाता, जयपुर और अहमदाबाद में इनके इलाज के लिए सेंटर बनाया गया है।
-ताकि जिसको भी जहां नजदीक सेंटर मिले वह वहां जाकर अपना इलाज करा सके।
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कौन है दादा लखानी?
-दादा कांत एच लखानी बताते है कि वे मुम्बई से पच्चास साल पहले वियतनाम गए।
-वहां करीब 25 साल रहे लेकिन धंधा अच्छा नहीं चला तो पूरे परिवार के साथ हांगकांग चले गए।
-वहीं उन्होंने अपनी मेहनत से रियल स्टेट का बिजनेस अम्पायर खड़ा किया।
-वे कहते है कि जो कमाया है अब उसे सेवा के कार्यों में लगा कर दिल को सुकुन मिलता है।
-2007 से हार्ट के मरीजों का मुफ्त इलाज कर रहे हैं।
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1400 लड़कियों को देते है मुफ्त शिक्षा
-भोपाल में तीन करोड़ रुपए की लागत से गर्ल्स कालेज बनाया है।
-यहां 1400 लड़कियों को मुफ्त शिक्षा दी जा रही है।
-महाराष्ट्र के उल्हासनगर में जीव दया संस्थान बना रखा है।
-यहां 650 विधवाओं के भरण पोषण का खर्च उठाते है।