लखनऊ: उत्तर प्रदेश में रायबरेली जिले के ऊंचाहार स्थित एनटीपीसी संयंत्र में पिछले बुधवार को हुए हादसे में अब तक प्राथमिकी दर्ज न होने का मामला अब अदालत पहुंच गया है। इस हादसे में प्राथमिकी दर्ज कराने को लेकर अब अधिवक्ता गोपाल खन्ना ने यहां के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में रपट दर्ज कराने के लिए प्रार्थना पत्र दायर किया है। प्रभारी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी पारितोष श्रेष्ठ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए नौ नवंबर तक ऊंचाहार पुलिस को रपट पेश करने का आदेश दिया है।
अधिवक्ता खन्ना ने अपने प्रार्थना-पत्र में कहा कि एक नवंबर को एनटीपीसी ऊंचाहार की छठी इकाई में हुए हादसे में 35 लोगों की मौत हुई, जबकि सैकड़ों लोग घायल हुए। यह घटना इकाई प्रबंधन व कार्यदायी संस्था के अधिकारियों की लापरवाही से हुई है।
उन्होंने अपने पत्र में कहा है, "यह जानते हुए भी कि अगर इकाई के संचालन के दौरान राख बने क्लींकर को निकाला गया तो कोई हादसा हो सकता है, लापरवाही बरती गई। ऐसे में बिना जांच सच सामने नहीं आएगा। घटना के छह दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक रपट दर्ज नहीं की गई। इस घटना में रपट दर्ज होना अतिआवश्यक है।"
खन्ना के अधिवक्ता देवेंद्र सिंह चौहान ने बताया, "अगर जांच में देरी की गई तो वहां पर तमाम साक्ष्य मिटाए जा सकते हैं। जिससे यह पता लगाना मुश्किल हो जाएगा कि घटना से कितने श्रमिक प्रभावित हुए हैं।"
न्यायालय ने मामले में ऊंचाहार पुलिस से नौ नंवबर तक हर हाल में रपट देने को कहा है। अब मामले की सुनवाई नौ नवंबर को होगी।
गौरतलब है कि एनटीपीसी में बॉयलर फटने से 35 लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे में करीब 80 लोग बुरी तरह घायल हो गए थे। बाद में उन्हें बेहतर इलाज के लिए लखनऊ के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया।
--आईएएनएस