Bulandshahr News: बारिश ने खोली गल्ला मंडियों में अव्यवस्थाओं की पोल, भीगा सैकड़ों कुन्तल धान, वीडियो वायरल
Bulandshahr News: बेमौसम मूसलाधार बारिश किसान और व्यापारियों के लिए परेशानी का सबब बन गई है जिन किसानों की पूरी तरह से अभी धान की फसल कटी भी नहीं है और खेतों में खड़ी थी वह मूसलाधार बारिश के चलते खेतों में गिर गई।;
Bulandshahr News: रविवार से हो रही मूसलाधार बारिश ने बुलंदशहर जनपद (Bulandshahr) की कई गल्ला मंडियों में अव्यवस्थाओं की पोल खोल दी है, बारिश से किसानों व व्यापारियों का बारिश में सैकड़ों कुन्तल धान भीगने से किसान व व्यापारी दोनो ही परेशान। मंडियों में बिकने के लिए आने वाले खाद्यान्न को बारिश से बचाने व पानी निकासी की प्रशासनिक व्यवस्था नहीं है, जिससे किसानों व व्यापारियों में रोष व्याप्त है। हालांकि किसानों व व्यापारियों ने गुलावठी, औरंगाबाद सहित कई मंडियों में व्याप्त अव्यवस्थाओं का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया है।
रविवार को शुरू हुई बेमौसम मूसलाधार बारिश किसान और व्यापारियों (barish me kisano ka nuksan) के लिए परेशानी का सबब बन गई है जिन किसानों की पूरी तरह से अभी धान की फसल कटी भी नहीं है और खेतों में खड़ी थी वह मूसलाधार बारिश के चलते खेतों में गिर गई, तो जिन किसानों की कटी फसल खेतों से उठ नहीं सकी वो बारिश के पानी मे भीग गयी। यही नहीं कुछ किसान मंडियों में बेचने के लिए धान को ले जाने में जुटे हैं, जिन किसानों की मंडियों में धान की बिक्री हो रही है या जो व्यापारी धान खरीद रहे हैं वह बारिश होने से भीग गया है। गुलावठी और औरंगाबाद मंडी के मैदानों में पानी भर गया है, जिसमें रखे धान के बोरे पूरी तरह से भीग गए हैं और किसानों व्यापारियों को आर्थिक क्षति वहन करनी पड़ रही है। व्यापारियों और किसानों की मानें तो मंडियों में ने तो पानी निकासी की व्यवस्था है और न ही बिकने आने वाले खाद्यान्न को बारिश से बचाव के लिए व्यवस्थाएं है, जहां टीन शेड है, वहां सरकारी कांटा लगा दिया गया है।
किसानो की नहीं हो रही सुनवाई-मांगेराम त्यागी
भारतीय किसान यूनियन (bharat kisan union) के एनसीआर महासचिव मांगेराम त्यागी ने बताया कि किसान काफी समय से मंडियों में मंडी सचिवों से व प्रशासनिक अधिकारियों से किसानों के (barish se kisan hue pareshan) लिए व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराने की मांग करते आ रहे हैं, मगर कई मंडियों में किसान को खुले में ही माल उतारना पड़ता है और बेचने को मजबूर होना पड़ता है। ऐसे में बारिश होने पर किसान का खाद्यान्न भीग जाता है और उसे बेचना मुश्किल हो जाता है, ऐसे में किसान को परेशानियों और नुकसान का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि मंडियों में सरकार को किसानों के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं सुलभ करानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस सरकार में किसानों की सुनवाई नहीं हो रही है और किसान बराबर परेशान है किसानों का धान मंडियों में व्यापारी एमएसपी पर भी नहीं खरीद रहे एमएसपी से कम दरों पर किसानो का धान खरीदा जा रहा हैं।
बारिश से 20% धान की क्षति, नहीं रुकी बारिश तो बढ़ेगा क्षति का आंकड़ा
कृषि विभाग के डीडी आर पी चौधरी ने बताया कि जनपद में लगभग 98000 हेक्टेयर क्षेत्रफल में धान की फसल होती है, अभी तक हुई बारिश में लगभग 15 प्रतिशत खड़ी फसल और 5% कटी फसल क्षति का अनुमान है, यदि यह बारिश और 2 दिन चली तो यह बढ़कर 35% तक हो सकता है इससे किसानों को आर्थिक क्षति (barish se dhan ka nuksan) हो रही है, बारिश नहीं रुकी तो क्षति का आकलन कराया जाएगा।
पीड़ित किसान ले सकते है फसल बीमा योजना का लाभ
कृषि विभाग के डीडी आरपी चौधरी ने बताया कि किसान फसल बीमा योजना का लाभ ले सकते हैं, जिन किसानों की फसल बारिश से क्षतिग्रस्त हुई है, वह किसान बीमा योजना के तहत क्लेम कर सकते हैं और बीमा योजना से नुकसान की भरपाई हो सकती है।
SDM बोले..खाद्यान्न को भीगने नही दिया जायेगा
एसडीएम सदर सतीश कुशवाह ने बताया कि मंडियों में अव्यवस्थाओं की जानकारी को लेकर मंडी सचिवों को व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए जा रहे हैं किसानों का और व्यापारियों का खाद्यान्न भीगने नहीं दिया जाएगा, उन्हें व्यवस्थाएं सुलभ कराई जाएंगी। गुलावठी और औरंगाबाद मंडी के सचिवों को आवश्यक दिशा निर्देश देने का दावा किया है।
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