Meerut News: धरने पर बैठे गांव वाले, कलीना गांव में दूरसंचार टावर को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश

Meerut News: गांव के कुछ दबंग किस्म के लोग अवैध रुप से टावर स्थापित कर रहे।

Report :  Sushil Kumar
Published By :  Ragini Sinha
Update:2021-10-23 15:10 IST

मेरठ के कलीना गांव में निजी कंपनी के दूरसंचार टावर को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश (social media)  

Meerut News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मेरठ (Meerut) जनपद के गांव कलीना (Kalina village) में एक निजी कंपनी का टॉवर (Private company telecom tower) स्थापित किये जाने को लेकर गांव के लोंगो में आक्रोश व्याप्त है। आक्रोशित ग्रामीणों ने टॉवर स्थल पर ही धरना (Protest) शुरु कर दिया है। धरना देने वालों में महिलाएं भी शामिल हैं।आरोप है कि गांव के कुछ दबंग किस्म के लोग अवैध रुप से टावर स्थापित कर रहे हैं। इस मामले में हैरत की बात यह है कि एक तरफ जहां जिला पंचायत (Jila panchayat) के अपर मुख्य अधिकारी एसके गुप्ता ने टावर को अवैध बताते हुए उसका निर्माण रोकने के लिए बकायदा पुलिस अधीक्षक ग्रामीण को पत्र लिखा है। अपर मुख्य अधिकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकर (Up Government) द्वारा प्रकाशित सरकारी गजट में साफ प्रावधान है कि टावर स्थापित करने पहले जिला पंचायत से मानचित्र स्वीकृत कराना जरुरी है। जबकि संबंधित मामले में जिला पंचायत मेरठ से टावर लगाने से पूर्व मानचित्र स्वीकृत नही कराया गया है। वहीं इलाके के एसडीएम संजीव ने न्यूजट्रैक से बातचीत में कहा कि टावर लगाने वालों के पास सरकारी अनुमति है तो हम कैसे उसे स्थापित होने से रोक सकते हैं। लोंग धरना दे रहे हैं तो देते रहें। हम टावर स्थापित होने से कैसे रोक सकते हैं।  

टावर आबादी से दूर होना चाहिए

 कलीना गांव (Kalina village) की सामाजिक कार्यकर्ता हेमा ने न्यूजट्रैक को बताया कि नियमानुसार टावर स्थापित करने से पहले आसपास के रहने वाले भवन मालिकों से अनुमति लेनी पड़ती है। भवनों से सौ मूटर की दूरी पर ही टावर लगाया जा सकता है। एंटीना के सामने २० मीटर तक कोई घर नही होना चाहिए। यही नही, टावर आबादी से दूर होना चाहिए। लेकिन यहां इन सरकारी नियम-कानूनों की अवहेलना करते हुए दबंगई के बल पर टावर लगाया जा रहा है।

जिससे बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है

 धरना (Protest) दे रहे ग्रामीणों का कहना है कि ओमपाल पुत्र अरविन्द कुमार द्वारा गांव के मध्य में जिस प्लाट में टावर लगाया जा रहा है । वह प्लाट ऊचांई पर है। इस प्लाट के आगे गली है ।बाकी तीनों तरफ आवास बने हैं, जिनमें काफी लोग निवास करते हैं। ग्रामीणों के अनुसार इससे पहले भी इन्हीं लोंगो द्वारा लगवाया गया बीएसएनएल (BSNL) का टावर है, उसकी वजह से पहले ही गांव के लोग परेशान हैं। क्योंकि टावर स्थल पर लगे जरनेटर की बहुत आवाज होती है, जिससे बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। यही नही दुधारु पशु जनरेट होने बंद हो गये हैं। जनरेटर हैवी होने के कारण आसपास के मकानों में कंपन्न होती है जिससे कभी भयकंर हादसा घटित हो सकता है।

कई लोंगो की हार्ट अटैक से मौत तक हो चुकी है

यही नही, टावर से निकलने वाली रैंज से गांव में कैंसर,हार्ट व सांस जैसे मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। टावर लगने से पहले गांव में इस तरह की बीमारी न के बराबर थी। लेकिन टावर लगने के बाद अब गांव के कई लाग कैंसर जैसी भयानक बीमारी से पीड़ित हैं। कई लोंगो की हार्ट अटैक से मौत तक हो चुकी है। आज स्थिति यह है कि गांव में कोई ऐसा घर नही होगा,जिस घर में सांस की बीमारी का रोगी नयहो। टावर (Tower) के ऊचांई पर होने से भूकम्प या तेज हवा में गिरने की भी प्रबल संभावना है।

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