Meerut News: पीएम मोदी का मेरठ दौरा, क्या पश्चिमी यूपी में हवा का रुख भाजपा की तरफ मुड़ेगा
Meerut News: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दो जनवरी को मेरठ में मेजर ध्यान चंद स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की नींव रखेंगे। चुनाव को लेकर पीएम मोदी (PM Modi Meerut Visit) के मेरठ दौरे से भाजपा (BJP) को बहुत उम्मीदें हैं।
Meerut News: भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा (BJP National President Jagat Prakash Nadda) के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) दो जनवरी को पश्चिमी यूपी (Western UP) का सियासी तापमान बढ़ाने मेरठ आ रहे हैं। पीएम मोदी मेरठ में मेजर ध्यान चंद स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी (Major Dhyan Chand Sports University Foundation Stone) की नींव रखेंगे। इससे पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Union Minister Nitin Gadkari) , मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Deputy Chief Minister Keshav Prasad Maurya), दिनेश शर्मा (Dinesh Sharma) समेत सूबे के कई मंत्री मेरठ में दस्तक दे चुके हैं।
पीएम मोदी (PM Modi Meerut Visit) के मेरठ दौरे से भाजपा (BJP) को बहुत उम्मीदें हैं। भाजपाइयों का मानना है कि मोदी का जैसा करिश्माई व्यक्तित्व अपने भाषण से और अपने हाव-भाव से किसी को भी अपना मुरीद बना सकते हैं। दरअसल, किसान आंदोलन (peasant movement) के बाद पश्चिमी यूपी को मिशन 2022 (UP Election 2022 ) फतह के लिए भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता वेस्ट यूपी को मथने में जुटे हैं।
दो जनवरी को पीएम मोदी खेल विवि का करेंगे शिलान्यास
दो जनवरी को पीएम मोदी खेल विवि के शिलान्यास के साथ ही वेस्ट यूपी से चुनावी शंखनाद करेंगे। दरअसल, पाँच सितंबर को मुजफ़्फ़रनगर में 'किसान महापंचायत' (Kisan Mahapanchayat)के आयोजन के बाद से पश्चिमी यूपी में परिस्थितियाँ तेज़ी से बदल रही हैं। इस महापंचायत में किसान नेताओं ने खुलकर बीजेपी की आलोचना की थी। इसके बाद से बीजेपी चुनाव के दौरान जाट बहुल इलाक़ों में होने वाले संभावित नुक़सान की भरपाई करने का रास्ता तलाश रही है।
भाजपा की चिंता
पाँच सितंबर की 'किसान महापंचायत' इसलिए भी भाजपा के लिए चिंता का सबव बनी हुई है, क्योंकि ये महापंचायत उस क्षेत्र में हुई थी, जिसके दम पर बीजेपी ने पिछले तीन चुनावों में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। साल 2013 से पहले तक इस क्षेत्र में राष्ट्रीय लोकदल सशक्त स्थिति में था. लेकिन 2013 में हुए मुज़फ़्फ़रनगर दंगों के बाद इस क्षेत्र के राजनीतिक समीकरणों में भारी बदलाव देखा गया।
तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ चले आंदोलन के कारण इस बार जाटों और मुसलमानों को एक बार फिर संगठित होने की बात कही जा रही है। जो कि 2013 में हुए मुज़फ़्फ़रनगर दंगों के बाद अलग हो गया था। रालोद से गठबंधन के बाद समाजवादी पार्टी यहां बढ़त लेने की कोशिश में जुटी है तो बीजेपी कानून व्यवस्था और कैराना में पलायन जैसी घटनाओं को याद दिलाकर वोटरों को अपने पक्ष में खींचने की कोशिश कर रही है।
साल 2012 के चुनाव में बीजेपी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश 38 सीटों पर विजय पाई थी
साल 2012 के चुनाव में बीजेपी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कुल 38 सीटों पर जीत हासिल की थी। लेकिन दंगों के बाद बदले राजनीतिक माहौल की वजह से साल 2014 के आम चुनाव में बीजेपी ने क्लीन स्वीप किया था। इसके बाद साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Election में भी बीजेपी ने 88 सीटों पर जीत हासिल की है। 2019 में भी इस क्षेत्र में बीजेपी ने अच्छा प्रदर्शन किया। अब देखना यही है कि पीएम मोदी का मेरठ दौरा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाटों की नाराज़गी दूर कर भाजपा को 2014.2017 और 2019 जैसी जीत का स्वाद चखाने में सफल हो पाता है या नही।
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