Rajniti me patrakar: पत्रकारिता का चोला उतारकर राजनीति का चोला पहनने वाले पत्रकार, कोई शिखर पर तो कोई गुमनाम

Rajniti me patrakar: अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर बाल ठाकरे, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल तक कई ऐसे नेता रहे हैं, जो पहले पत्रकार थे।

Written By :  Sushil Kumar
Published By :  Ragini Sinha
Update: 2021-09-13 12:24 GMT

पत्रकारिता का चोला उतारकर राजनीति का चोला पहनने वाले पत्रकार (file photo)

Rajniti me patrakar: भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) ने हाल ही में मेरठ से जुड़े वरिष्ठ पत्रकार अवनीश त्यागी को पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता की जिम्मेदारी सौंपी है। इसके बाद से ही इस बात पर बहस शुरू हो गई है कि पत्रकारों का राजनीति में आना कितना सही और कितना गलत है। हालांकि, अवनीश त्यागी ऐसे पहले पत्रकार नहीं हैं, जिन्होंने पत्रकारिता छोड़कर राजनीति का दामन पकड़ा हो। उनसे पहले भी कई जाने-माने पत्रकार पत्रकारिता छोड़कर सक्रिय राजनीति में दाखिल हुए हैं। अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर बाल ठाकरे, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल तक कई ऐसे नेता रहे हैं, जो पहले पत्रकार थे। इस वक्त भी देश,प्रदेश में हजारों कलमकार प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से दलों की आईटी सेल में पेशेवर तरीके से काम कर रहे हैं। थोक के हिसाब से यूपी के पत्रकारों को राजनीति दलों में प्रवक्ता/टीवी पैनलिस्ट के लिए छांटा-बीना जा रहा है।

सुरेंद्र कुमार शर्मा मेरठ के सूचनाधिकारी रहे हैं

मेरठ की ही बात करें तो अभी हाल के ही दिनों में  हिंदुस्तान मीडिया वेंचर्स लिमिटेड से सेवानिवृत्त होने के बाद पश्चिमी यूपी के हेड (बरेली, मुरादाबाद, आगरा, अलीगढ़ व मेरठ यूनिट) और वरिष्ठ स्थानीय संपादक रह चुके पुष्पेंद्र शर्मा राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) का दामन थाम चुके हैं। रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने उन्हें उत्तर प्रदेश मीडिया सेल के प्रवक्ता पद की जिम्मेदारी सौंपी है। वह पार्टी की गठित लोक संकल्प समिति 2022 में भी शामिल कर अहम जिम्मेदारी से नवाजे गए हैं। लोक संकल्प समिति 2022 जन भावनाओं को टटोलने के बाद अगले साल होने जा रहे उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के लिए राष्ट्रीय लोक दल का चुनावी घोषणा पत्र तैयार करेगी। शर्मा मूलत मेरठ के रहने वाले है। छात्र जीवन में भी वह राजनीति में अपना अहम स्थान रख चुके हैं। उनकी पहचान एक तेजतर्रार पत्रकार के रूप में रही है। मेरठ के ही सुरेंद्र कुमार शर्मा रालोद के राष्ट्रीय मीडिया सेल के संयोजक बनाए गए हैं। सुरेंद्र कुमार शर्मा मेरठ के सूचनाधिकारी रहे हैं। अभी कुछ महीने पहले ही रिटायर हुए हैं।  

पंकज शर्मा भी मेरठ में नवभारत टाइम्स के वरिष्ठ संवाददाता रह चुके हैं

इससे पहले पंकज शर्मा जो कि मेरठ में नवभारत टाइम्स के वरिष्ठ संवाददाता पद पर रह चुके हैं कई साल पहले पत्रकारिता का चोला उतार कर राजनीति का चोला पहन चुके हैं। वर्तमान में पकंज शर्मा  सचिव, हिंदी विभाग, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला भी अपने पत्रकारिता जीवन में मेरठ के अलावा दिल्ली, लखनऊ, कानपुर आदि में काम कर चुके हैं। मेरठ में शुक्ला जनसत्ता अखबार के कार्यालय प्रमुख के रुप में काम कर चुके हैं। हालांकि वें मेरठ में कम ही रुक पाए थे। शुक्ला को साल 2000 में कांग्रेस ने राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया था। इनके अलावा कुछ ऐसे भी पत्रकार रहे जिन्हें राजनीति में अपेक्षित कामयाबी नही मिली तो वह फिर से पत्रकारिता का चोला ओढ़ कर पत्रकार बन गए। इनमें गाजियाबाद के गनौली गांव निवासी रूप चौधरी का नाम शामिल है। रुप चौधरी ने 1996 में भाजपा के टिकट पर खेकड़ा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। रूप चौधरी 72106 वोट पाकर विधायक चुने गए थे। वह भाजपा के इस सीट से पहले विधायक थे। रुप चौधरी राष्ट्रीय महासचिव,भारतीय जनता युवा मोर्चा ,किसान मोर्चा ,प्रदेश प्रवक्ता, भाजपा  रह चुके हैं। वर्तमान में के पाक्षिक समाचार पात्रिका के प्रधान सम्पादक हैं।

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