UP Election 2022: मुस्लिम बाहुल्य मेरठ दक्षिण सीट पर भाजपा की लगेगी हैट्रिक या विपक्ष की होगी जीत!
UP Election 2022: मेरठ दक्षिण विधानसभा सीट (Meerut South Seat) 2012 में हुए परिसीमन का बाद अस्तित्व में आई थी। इस सीट पर अब तक दो बार चुनाव हुए हैं, जिनमें भाजपा (Bhartiya Janata Party) ने जीत दर्ज की है।
Meerut News: मेरठ दक्षिण विधानसभा सीट (Meerut South assembly seat) 2012 में हुए परिसीमन का बाद अस्तित्व में आई थी। इस सीट पर अब तक दो बार चुनाव हुए हैं, जिनमें भाजपा (Bhartiya Janata Party) ने जीत दर्ज की है। मेरठ दक्षिण सीट पर पहले चरण में 10 फरवरी को वोट डाले जाएंगे।
मतदाताओं की संख्या (number of voters) के हिसाब से जिले की सबसे बड़ी सीट मेरठ दक्षिण विधानसभा सीट (Meerut South assembly seat) मुस्लिम बाहुल्य सीट मानी जाती है। यहां 4.75 लाख से अधिक मतदाता हैं जिनमें से करीब 1.75 लाख मुस्लिम मतदाता हैं। जबकि अनुसूचित जाति के मतदाताओं की तादाद यहां 90 हजार है। वैश्य,जाट, गुर्जर, ब्राह्मण वोटर भी इस सीट पर निर्णायक भूमिका निभाने की स्थिति में हैं। मेरठ दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में शहरी के साथ ही एक बड़ा इलाका ग्रामीण भी है।
बसपा की तरफ से कुंवर दिलशाद अली चुनाव लड़ रहे हैं
शास्त्रीनगर, जाग्रति विहार, परतापुर, रिठानी, दिल्ली रोड की कई कॉलोनियां इसी विधानसभा क्षेत्र में आती हैं। 2012 में इस सीट पर पहले चुनाव में ही भाजपा से सोमेंद्र तोमर को टिकट मिला। तब गुर्जर नेताओं की लामबंदी की वजह से उनका टिकट कट गया और यहां रविन्द्र भड़ाना को उतारा गया। भड़ाना ने जीत दर्ज की, लेकिन 2017 में यहां भाजपा ने फिर सोमेंद्र तोमर को टिकट दे दिया। अबकी बार भी यहां सोमेंद्र तोमर को ही प्रत्याशी घोषित किया गया है। वहीं कांग्रेस ने नफीस सेफी को प्रत्याशी बनाया है। जबकि सपा की तरफ से मोहम्मद आदिल चौधरी और बसपा की तरफ से कुंवर दिलशाद अली चुनाव लड़ रहे हैं।
ताजा हालात की बात करें तो इस बार यहां भाजपा के लिए जीत की लगा पाना आसान नही लग रहा है। किसान आंदोलन के चलते जहां जाट तो नाराज हैं ही उनकी बिरादरी के गुर्जर भी नाराज दिख रहे हैं। डूगरावली समेत कई गांवों में सोमेन्द्र तोमर को ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा है। सोमेन्द्र तोमर के पक्ष में बस एक यही बात है कि उनके सामने तीनों प्रमुख विपक्षी दलों के उम्मीदवार मुसलमान हैं।
मेरठ दक्षिण विधानसभा सीट भाजपा का रिजल्ट
ऐसे में उन्हें मुसलमान मतों के बिखराव की स्थिति में लाभ मिल सकता है। ऐसे में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या भाजपा इस सीट पर चुनाव में जीत की हैट्रिक लगा पाएगी या फिर इस सीट के मतदाता किसी नए व्यक्ति को मौका देते हैं।
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