Muzaffarnagar News: जनपद मुजफ्फरनगर में 3 कृषि कानूनों के विरोध में हुई किसान महापंचायत में आई अपार भीड़ ने जहां एक और सत्ताधारी पार्टी भाजपा की नींद उड़ा कर रख दी है क्योंकि पिछले लगभग 9 महीने से तीन कृषि बिल के विरोध में गाजीपुर बॉर्डर और सिंघु बॉर्डर सहित दिल्ली के कई स्थानों पर किसानों का धरना प्रदर्शन जारी है इसी के चलते मुजफ्फरनगर में आज एक किसान महापंचायत का आयोजन किया गया। जहां लाखों किसानों ने इस किसान महापंचायत में शामिल होकर सरकारों के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन दर्ज कराया है। मंच पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत के साथ-साथ भारतीय किसान यूनियन के अन्य कई बड़े नेता शामिल रहे। वहीं संयुक्त किसान मोर्चा के भी कई नेता इस महापंचायत में पहुंचे मगर इस महापंचायत में सबसे मुख्य चेहरा किसान नेता चौधरी राकेश टिकैत का रहा लगता है। ज्यादातर भीड़ राकेश टिकैत को ही सुनने आई थी अपने संबोधन में बोलते हुए राकेश टिकैत ने सबसे पहले तो आई भीड़ का अभिवादन किया और उसके बाद फिर कहा कि यह लड़ाई आपके दम पर ही लड़ी जाएगी और आप के दम पर ही लड़ाई जीती जाएगी। अपने ट्रैक्टर तैयार रखना कभी भी जरूरत पड़ सकती है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि इन्होंने देश की सभी संस्थाएं बेच दी है ऐसे लोगों का ध्यान रखना पड़ेगा। आज जो संयुक्त मोर्चा ने फैसले लिए हैं अब देश में बड़े-बड़े आंदोलन चलाने पड़ेंगे उसके तहत हमको पूरे देश भर में बड़ी-बड़ी मीटिंग करनी पड़ेगी। अब यह मिशन खाली उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड का नहीं है। आज से संयुक्त मोर्चा का देश को बचाने का मिशन शुरू होगा। उन्होंने कहा कि यह देश बचेगा तो यह संविधान बचेगा आज लड़ाई उस मुकाम पर आ गई है। देश के जो नौजवान है जो 14 करोड़ लोग हमारे साथी हमारे युवा बेरोजगार हुए हैं यह आंदोलन उनके कंधों पर है। जिस तरह से एक एक चीज बेची जा रही है तीन कानून भी उसी का ही एक हिस्सा है। पहला है यहां पर रेल और हवाई जहाज और हवाई अड्डे बेचे जाएंगे इन्हें किसने परमिशन दी है किसकी ताकत है देश की प्रॉपर्टी को बेचेगा। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर तंज कसते हुए कहा कि आपने अपने घोषणापत्र में नहीं लिखा था अपने देश की जनता को धोखा दिया है और धोखा नंबर दो अब यह बिजली बेचेंगे, बिजली को प्राइवेट करेंगे कहीं घोषणा पत्र में नहीं लिखा था जब वोट मांगी तब नहीं पता था कि बिजली भी बेचेंगे, ये सड़क बेचेंगे पूरी सड़कों पर टैक्स लगेगा और नेशनल हाईवे के आसपास 500 मीटर तक कोई चाय की दुकान में या खोखा भी नहीं लगा सकता। अगर किसी ने चाय का खोखा रखा तो वह जमीन उसकी ग्राम समाज में निहित होगी सेल फॉर इंडिया का बोर्ड देश में लग चुका है। इन्होंने देश की बड़ी कंपनी एलआईसी और बैंक बिक रहे हैं इनका खरीदार कोई और नहीं इनका खरीदार अडानी और अंबानी है। एफसीआई की जमीन जहां पर हमारा भंडारण होता था वह पूरी जमीन पूरे गोदाम अडानी को दे दिए गए हैं और एफसीआई के गोदाम अब अदानी के कब्जे में है। भारत सरकार के कब्जे में अब कोई भी गोदाम नहीं बचा है देश के बंदरगाह पूरे जो समुद्र के तट थे सो 100 - 100 किलोमीटर तक अलग-अलग कंपनियों को बेच दिया है जो हमारे वहां नमक के किसान थे और मछली का व्यापार करते थे वह सब खत्म कर दिए गए प्राइवेट कंपनियों को नदियां बेची जा रही है जो जल हमारी जीवन रेखा होती थी उसे बेचने का काम पूरे देश में हो रहा है यह इंडिया ऑन द इन सेल कोई कीमत किसी भी चीज की लगा सकता है। पूरा भारत बिकाऊ है यही भारत सरकार की पॉलिसी है अब खतरे में कौन-कौन है ओएनजीसी, बीपीसीएल इस्पात, शिक्षा प्राइवेट जो चिकित्सा हो रही है और देश के संविधान भी खतरे में है जो बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का संविधान था वह भी खतरे में है उसको भी बचाना है और यह खेती किसानी जिससे यह आंदोलन शुरू हुआ यह खेती किसानी भी बिक्री के कगार पर है हमारी समझ में जब आया जब देश की खेती बिक्री के कगार पर आई तब यह आंदोलन शुरू हुआ उसके तीन कानून 9 महीने से किसान आंदोलन कर रहा है और सरकार तैयार नहीं है। आज हालात यह है कि इसे आपका 10 साल पुराना ट्रैक्टर नहीं चलेगा आप बैंक से कर्जा लेना चाहो तो बैंक आपको दुगना कर्जा दे देगा। बैंक कहेगा कि गोल्डन कार्ड बना दिया आप कर्जा ले लो मगर यह फसलों के भाव आपको नहीं देंगे हम जिस जमीन पर आए हैं। यह जमीन उत्तर प्रदेश की जमीन जहां तक मुजफ्फरनगर का क्षेत्र है यह गन्ने की बेल्ट है पूरी क्या इन लोगों ने यह नहीं कहा कि जब हमारी सरकार आएगी हम गन्ने का 450 भाव देंगे। यह कोई भाव देने को तैयार नहीं है यहां पर सरकारें पहले भी आई जिन्होंने 80 रुपये रेट बढ़ाया दूसरे वाली सरकार आई। 50 रुपये रेट बढ़ाया क्या योगी सरकार उन दोनों सरकारों से कमजोर है एक भी रुपया रेट नहीं बढ़ाया। हमारा 12000 करोड रुपए शुगर फैक्ट्री और सरकारों पर बकाया है अगर हम यह मुद्दा उठाते हैं तो यह कहते हैं कि हम राजनीति करते हैं हमारे ऊपर बहुत तरह के आरोप लगाए गए हम 9 महीने से वहां पर हैं आप लोगों के बीच से वहां गए और बहुत जिम्मेदारी के साथ अपना फर्ज निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने पहले ही कहा था बिल वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं इसलिए हम मुजफ्फरनगर की धरती पर पांव नहीं रखेंगे सीधे गाड़ी से आए हैं और गाड़ी से ही वापस जा रहे हैं जब इस देश के किसान और जवान की जीत होगी ।जब भी हम यहां पर आएंगे अत्याचार बहुत है यहां पर पुलिस फोर्स के लोग भी हैं उनकी सैलरी 25 और 30 हज़ार है और ड्यूटी ये 24 घंटे देंगे और जो प्राइमरी स्कूल का मास्टर है उससे इनकी सैलरी आधी है आवाज नहीं उठा सकते उनकी आवाज को दबाया जाता है उनका क्वार्टर है जो 500 फीट में है उनके क्वार्टर बड़े बने और उनकी सैलरी भी टीचर के बराबर हो वे 24 घंटे ड्यूटी देते हैं जितने भी सरकारी कर्मचारी हैं उनकी पेंशन खत्म कर ...