मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत आज, टिकैत बोले- मुजफ्फरनगर जरुर जाऊंगा लेकिन घर नहीं
मुजफ्फरनगर में रविवार को किसानों की महापंचायत जीआईसी ग्राउंड में समय सुबह 11 बजे से रखी गई है।
Muzaffarnagar News: मुजफ्फरनगर में रविवार को किसानों की महापंचायत (Kisan Maha Panchayat) होने जा रही है. ये महापंचायत जीआईसी ग्राउंड में इस पंचायत का समय सुबह 11 बजे से रखा गया है। अलग-अलग राज्यों से यहां किसान पहुंच रहे हैं, दिल्ली के बॉर्डर पर जो लंबे समय से आंदोलन चल रहे हैं वहां से भी किसान इस महापंचायत में शामिल होने जा रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा का दावा है कि ये अब तक की सबसे बड़ी महापंचायत होगी।
इस पर किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि पॉलिटिकल पार्टी शक्ति प्रदर्शन करती हैं उन्हें जरूर क्यों पड़ती हैं? वो भी सभा करतें हैं, हम भी किसानों के सामने अपनी बात कहेंगे। टिकैत ने साथ ही कहा कि अगर कोई हमें रोकने की कोशिश करेगा तो बेरिकेडिंग तोड़ेंगे। पंचायत में साथ ही यूपी मिशन के सब्जेक्ट को लेकर भी चर्चा होगी।
टिकैत ने कहा कि यह संयुक्त मोर्चा की महापंचायत है, पंचायत में किसानों के मुद्दों पर ही बात होगी। भारत सरकार बातचीत नहीं कर रही है, तीन काले काले कानून, MSP पर गारंटी कानून और यूपी के आलू किसान, धान, मूंग दालें, गन्ने के रेट, बिजली के दाम पर बातचीत होगी। राकेश टिकैत ने कहा कि संयुक्त मोर्चा आगे का एजेंडा तय करेगा, यूपी मिशन के सब्जेक्ट को लेकर भी बात करेंगे।
पॉलिटिकल लोग नहीं होंगे शामिल: टिकैत
महापंचायत में राजनीतिक लोगों के शामिल होन पर भी टिकैत ने जवाब किया। उन्होंने कहा कि कोई पॉलिटिकल लोग वहां नहीं आएंगे, नॉन पॉलिटिकल मीटिंग है, सिर्फ संयुक्त मोर्चे के लोग होंगे। इसके लिए 20 वक्ता तय किए गए हैं। इस महापंचायत में कितने लोग शामिल होंगे इसके जवाब टिकैत ने कहा कि कुछ नहीं पता कि कितने किसान आएंगे, कल 20 किलोमीटर के दायरे में लोग होंगे, 3/4 लाख लोग वहां पहुंचे चुके हैं, कल और बढ़ेंगे।
मुजफ्फरनगर जरूर जा रहे हैं लेकिन नहीं जाएंगे अपने घर
टिकैत ने आगे कहा कि अगर कोई हमें रोकने की कोशिश करेगा तो बेरिकेडिंग तोड़ेंगे, कोरोना गाइडलाइंस के पालन के इंतजाम करेंगे। राकेश टिकैत ने साथ ही कहा कि एक दिन में कोरोना के मामले नहीं बढ़ते। मुजफ्फरनगर किसान नेता टिकैत का गृह जिला भी है। अपने घर जाने के जवाब में टिकैत ने कहा कि मुजफ्फरनगर जरूर जा रहे हैं लेकिन अपने घर नहीं जाएंगे, जब तक बिल वापसी नहीं तब तक घर वापसी नहीं.
पहले फेज में इसी तरह की 18 मीटिंग है प्रस्तावित
टिकैत ने बताया कि पूरे उत्तर प्रदेश में इसी तरह की 18 मीटिंग पहले फेज में प्रस्तावित हैं, बाद में दूसरे राज्यों में भी पूरे देश में मीटिंग करेंगे। जब तक सरकार समाधान नहीं निकालती, आंदोलन खत्म नहीं होगा, चाहे सरकार आज हमारी बात मान लें या 2024 में मान लें। टिकैत ने कहा कि हम सरकार से बातचीत करना चाहते हैं लेकिन सरकार हमें सम्मानजनक रास्ता दे, बातचीत का एक माहौल बनाए, वर्ना दिल्ली में आए वो 4 लाख ट्रेक्टर और 25 लाख लोग भी यहीं हैं।
हिमाचल-नासिक में भी प्रदर्शन की तैयारी
हिमाचल के किसानों ने 13 सितंबर को कॉर्पोरेट लूट के विरोध में प्रदर्शन की घोषणा की है। वहीं, नासिक में किसानों ने टमाटर के लिए दो-तीन रुपये प्रति किलो की मामूली कीमत मिलने पर सड़कों पर टमाटर फेंक कर विरोध प्रदर्शन किया। मोर्चा ने कहा है कि टमाटर हो या सेब, सभी फलों, सब्जियों, कृषि उत्पादों, वनोपज, दूध, मछली की एमएसपी पर खरीद की गारंटी देने की जरूरत है। इसलिए 600 किसानों की शहादत के बाद भी किसानों का आंदोलन जारी है और मांगें पूरी होने तक जारी रहेगा।
यूपी चुनाव में दिखेगा असर?
मुजफ्फरनगर के जिस जीआईसी ग्राउंड में महापंचायत हो रही है, वहां 50 हजार से ज्यादा लोग जुट सकते हैं। बताया जा रहा है कि इसमें 40 से ज्यादा किसान संगठन शामिल हो रहे हैं, लेकिन इसका असर अगले साल यूपी में होने वाले विधानसभा चुनावों में भी दिख सकता है। पश्चिमी यूपी किसानों के दबदबे वाला क्षेत्र है और यहां राज्य की 403 विधानसभा सीटों में से 100 से ज्यादा सीटें आती हैं।
महापंचायत कैसी होती है और क्या प्रभाव डालती है, इससे इलाके की भविष्य की राजनीति भी तय होगी। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय सचिव युद्धवीर सिंह का कहना है कि इसमें यूपी, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, कर्नाटक समेत कई राज्यों से किसान आ रहे हैं। उनका कहना है कि इसमें 10 लाख किसानों के जुटने की उम्मीद है।