बिजली कर्मचारियों की दो दिवसीय हड़ताल शुरू, अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की दी चेतावनी
बिजली अमेंडमेंट(2018) बिल, निजीकरण के विरोध और पुरानी पेंशन प्रणाली लागू कराने को लेकर बिजली कर्मचारियों व अभियन्ताओं ने नेशनल कोआर्डिनेशन कमीटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्पलॉईस एंड इन्जीनियर्स (एनसीसीओईईई) के आह्वान पर दो आज यानी मंगलवार से दिवसीय कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया है।
लखनऊ: बिजली अमेंडमेंट(2018) बिल, निजीकरण के विरोध और पुरानी पेंशन प्रणाली लागू कराने को लेकर बिजली कर्मचारियों व अभियन्ताओं ने नेशनल कोआर्डिनेशन कमीटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्पलॉईस एंड इन्जीनियर्स (एनसीसीओईईई) के आह्वान पर दो आज यानी मंगलवार से दिवसीय कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया है।
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उप्र में बिजली कर्मियों ने कार्य बहिष्कार कर सभी जिला व परियोजना मुख्यालयों सहित राजधानी लखनऊ में जोरदार विरोध प्रदर्शन किये। राजधानी लखनऊ में शक्ति भवन पर विरोध सभा आयोजित की गयी। बिजली अमेंडमेंट (2018) बिल, निजीकरण की केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों के विरोध में आज देश भर में लगभग 15 लाख बिजली कर्मचारियों व अभियंताओं ने कार्य बहिष्कार किया और विरोध सभायें की। बिजली कर्मचारियों ने विरोध सभाओं के माध्यम से चेतावनी दी कि यदि केंद्र व राज्य सरकार ने कर्मचारी व जन विरोधी नीतियां वापस न ली तो देश भर के बिजली कर्मचारी व अभियन्ता अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए बाध्य होंगे।
मांगे न पूरी होने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की दी चेतावनी
बिजली कर्मचारियों व इंजीनियरों ने आज राष्ट्रव्यापी कार्य बहिष्कार कर चेतावनी दी कि यदि समस्याओं का समाधान न हुआ तो देश भर के तमाम 15 लाख बिजली कर्मचारी व इंजीनियर अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे। लखनऊ में आयोजित विरोध सभा में संघर्ष समिति ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि केन्द्र सरकार ने संसद में बिजली अमेंडमेंट(2018) को जबरिया पारित कराने की कोशिश की तो तमाम बिजली कर्मचारी व अभियन्ता बिना और कोई नोटिस दिये उसी समय लाईटनिंग हड़ताल पर चले जायेंगे।
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उप्र में राजधानी लखनऊ के अलावा अनपरा, ओबरा, पारीछा, हरदुआगंज, वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज, आजमगढ़, बस्ती, मिर्जापुर, अयोध्या, गोण्डा, बरेली,
मुरादाबाद, गाजियाबाद, मेरठ, बुलन्दशहर, सहारनपुर, अलीगढ़, केस्को, बांदा, झांसी, आगरा, पनकी में बिजली कर्मचारियों और अभियन्ताओं ने कार्य
बहिष्कार कर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।
यह है बिजली कर्मियों की मांगे
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने बताया कि मुख्य रूप से 6 मांगों को लेकर दो दिन की हड़ताल का निर्णय लिया गया है। पहली मांग बिजली
निगमों का एकीकरण कर उप्र राज्य विद्युत परिषद निगम लि0 का पुर्नगठन करना, दूसरी मांग इलेक्ट्रिसिटी (अमेण्डमेन्ट) बिल 2018 को वापस लिया
जाना व आगरा फ्रेन्चाईजी तथा ग्रेटर नोएडा का बिजली का निजीकरण निरस्त किया जाना, तीसरी मांग वर्ष 2000 के बाद भर्ती हुए सभी कार्मिकों के लिए
पुरानी पेंशन प्रणाली लागू किया जाना, चौथी मांग सभी श्रेणी के रिक्त पदों पर नियमित भर्ती करना और संविदा/ठेकेदारी प्रथा समाप्त कर संविदा
कर्मियों को तेलंगाना सरकार के आदेश की तरह नियमित किया जाना है, पांचवी मांग बिजली कर्मियों की वेतन विसंगतियों का द्विपक्षीय वार्ता द्वारा
तत्काल समाधान किया जाना और छठी मांग सरकारी क्षेत्र के ताप बिजली घरों का नवीनीकरण, उच्चीकरण करना और निजी घरानों से मंहगी बिजली खरीदना औ सरकारी क्षेत्र के बिजली घरों के बन्द करने की नीति को वापस लेना।
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संघर्ष समिति की सभा को मुख्यतया शैलेंद्र दुबे, राजीव सिंह, गिरीश पांडेय, सदरुद्दीन राना, मायाशंकर तिवारी, बिपिन प्रकाश वर्मा, सुहेल आबिद, शशिकांत श्रीवास्तव, डी के मिश्रा, महेंद्र राय, मोहम्मद इलियास, वी सी उपाध्याय, करतार प्रसाद, कुलेन्द्र सिंह, पी एन राय, पी एन तिवारी, परशुराम, रामवीर सिंह, अशोक कुमार, भगवान् मिश्रा, पूसे लाल, एके श्रीवास्तव, आर एस वर्मा, पी एस बाजपेई ने सम्बोधित किया।