लखनऊ: यूपी में कांग्रेस की जमीन तलाशने में जुटे पॉलीटिकल स्ट्रेटजिस्ट प्रशांत किशोर (पीके) की सारी उम्मीदें अब पार्टी के वाइस प्रेसिडेंट राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पर जाकर टिक गई हैं।
राहुल को सीएम के तौर पर पेश करना चाहते हैं पीके
सूत्रों की मानें तो कांग्रेस की जमीनी हकीकत देखने के बाद पीके ने कहा है कि यदि यूपी में कांग्रेस को मजबूत स्थिति में लाना है तो राहुल गांधी को इस चुनाव में सीएम का चेहरा बनाना होगा। यदि राहुल नहीं तो प्रियंका गांधी आगे आएं। ऐसा करने से कांग्रेस दो सौ से ज्यादा सीटों के साथ सत्ता में वापसी कर सकती है। नहीं तो फिर 20 से 28 सीटों पर ही सिमट सकती है।
पीके को झेलना पड़ रहा है विरोध
बताते चलें कि लखनऊ की पाठशाला से निकलकर पीके की टीम प्रदेशभर का दौरा कर रही है। इस दौरान कई जगहों पर पीके की टीम को विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। एक तरफ जहां इलाहबाद में पीके की टीम को विरोध झेलना पड़ा, वहीं वाराणसी में तो पीके की टीम के आगे ही कांग्रेसी भिड़ गए। जमकर लात-घूंसे चले। कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाले अमेठी और रायबरेली के साथ-साथ सुल्तानपुर से पीके को दूरी बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
क्या है पीके का प्लान ?
सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी को आगे रखकर चुनाव लड़वाने का इरादा रखने वाले पीके का प्लान है कि मायावती और अखिलेश के सामने कांग्रेस की तरफ से एक बड़ा और भरोसेमंद चेहरा होना जरूरी है। पीके का मानना है कि अगर राहुल गांधी खुद सीएम का चेहरा बनें और यूपी में 2017 का चुनाव कांग्रेस जीतती है तो आगामी लोकसभा चुनावों में भी कांग्रेस के लिए जीत का रास्ता आसान हो जाएगा।
ब्राह्मण वोट पर है पीके की नजर
सूत्र बताते हैं कि पीके की रणनीति अगड़ी जाति, मुस्लिम और पासी का समीकरण बनाने की है। बीजेपी पहले ही ओबीसी पर दांव खेल चुकी है। इसीलिए वो लगातार बड़े ब्राह्मण चेहरे पर जोर दे रहे हैं। रणनीति के तहत अगर ब्राह्मणों की कांग्रेस में वापसी होती है साथ ही आधा राजपूत मुड़ता है तो मुस्लिम भी कांग्रेस के पाले में आ सकते हैं।
आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं पीके
दरअसल, पीके यूपी चुनाव में कांग्रेस को आर-पार की लड़ाई लड़ने की सलाह दे रहे हैं। इसके लिए वो बिहार की तर्ज पर साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण की बीजेपी की सियासत से भी निपटने को तैयार हैं। पीके के करीबी मानते हैं कि बड़ा चुनाव जीतकर ही राहुल और कांग्रेस दोबारा खोई शान वापस पा सकते हैं।
बड़े नेता के बगैर पचास सीट भी नहीं पार सकेगी कांग्रेस
सूत्रों की मानें तो चुनावी नतीजों पर नजर डालने के बाद पीके ने अपने विश्लेषण में कहा कि कांग्रेस मजबूत चेहरे के साथ चुनाव में आई तो वह 200 का आंकड़ा पार कर यूपी में सरकार बना सकती है।
19 मई के बाद दिख सकती है पीके रणनीति
माना जा रहा है कि फैसला तो दो हफ्तों में हो जाएगा, लेकिन औपचारिक घोषणा शायद 19 मई के बाद ही होगी। वजह है कि 19 मई को 5 राज्यों के नतीजों को लेकर कांग्रेस ज्यादा आश्वस्त नहीं है। इसलिए वो नतीजों के बाद नई टीम, नए चेहरे और और नई रणनीति के साथ मैदान में कूदना चाहती है।