Guru Purnima in Prayagraj: विदेशी सैलानियों ने मनाया गुरु पूर्णिमा पर्व, संगम स्नान के बाद शिष्यों ने लिया गुरुओं से आशीर्वाद
Guru Purnima in Prayagraj: प्रयागराज में गुरु पूर्णिमा के दिन सामने आई अनोखी तस्वीर, विदेशी सैलानियों ने मनाया गुरु पूर्णिमा पर्व संगम शहर में
Guru Purnima in Prayagraj: पूरे देश मे आज गुरु पूर्णिमा का पर्व है। आपको बता दे आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि पर गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। इस दिन लोग गुरुओं की पूजा करते हैं और उनका आशीर्वाद लेते हैं। इसी कड़ी में संगम शहर प्रयागराज में एक तरफ जहां संगम तट पर लोग आस्था की डुबकी लगा रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ सात समुंदर पार से आए विदेशी शिष्य भी गुरु पूर्णिमा के पर्व को खास अंदाज में मना रहे हैं। हर साल गुरु पूर्णिमा के मौके पर विदेशियों की टोली प्रयागराज के क्रिया योग आश्रम पहुंचती है और अपनी गुरु योगी सत्यम महाराज से आशीर्वाद लेती हैं।
पूरे देश में आज गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जा रहा है । प्राचीन काल से चले आ रहे इस पर्व का मुख्य उद्देश्य गुरु का साम्मान करना होता है । संगम नगरी प्रयागराज में गुरु पूर्णिमा का अनोखा नज़ारा देखने को मिल रहा है। यहाँ भारी संख्या में गुरु पूर्णिमा के पर्व को मानाने के लिए विदेशी शिष्य आये हुए है ।सात समंदर पार से आयी इनकी टोली विशेष तौर पर गुरु पूर्णिमा के पर्व को मानाने आयी है । ध्यान में बैठे सभी विदेशी शिष्य, गुरु पूर्णिमा के उपलक्ष्य में संगम नगरी प्रयागराज आये हुए है।
योग गुरु योगी सत्यम से आशीर्वाद और उनको धन्यवाद देने के लिए कई अलग अलग देशों से ये लोग आये हुए है। कनाडा, अफ्रीका, यूनाइटेड नेशन समेत कई अन्य शहरो से आये हुए विदेशी शिष्यों ने अपने गुरु का चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लिया । ख़ास बात ये है कि विदेशों में गुरु पूर्णिमा के महत्त्व के बारे में लोग जानते है ये बड़ी बात है।
गुरु के आशिर्वाद से सफलता की बुलंदियों को छूता है इंसान
इंसान गुरु द्वारा दिए गए ज्ञान व भक्ति की शिक्षा से जीवन में निरंतर आगे बढ़ता है। उनके मार्गदर्शन, आशिर्वाद से वह सफलता की बुलंदियों को छूता है। इंसान जितना आगे बढ़ता है सच्चे गुरु की जरूरत उतनी ही पड़ती है। क्रिया योगाल आश्रम के संस्थापक योगी सत्यम महाराज का कहना है कि आज के दिन देश के अलग-अलग जिलों के साथ-साथ विदेश से भी उनके शिष्य आशीर्वाद लेने के लिए विशेष तौर पर आते हैं और उनका सम्मान करते हैं ।उन्होंने यह भी कहा कि एक ही जगह पर सभी धर्मों के लोग विशेष तौर पर इस दिन को एक साथ मनाते हैं जो अपने आप में सुखद अनुभूति देता है ।तो दूसरी तरफ विदेश से आई शिष्य अलीजा का कहना है कि वह आज के दिन के महत्व समझ रहे हैं और क्रिया योग ध्यान करके अपने गुरु से आशीर्वाद ले रहे हैं।