Atiq-Ashraf Murder Case: माफिया अतीक-अशरफ हत्याकांड में आज होगी सुनवाई, तीनों शूटर्स पर तय होगा आरोप

Atiq-Ashraf Murder Case: गुरूवार को प्रतापगढ़ जिला जेल में बंद तीनों शूटर्स लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरूण मौर्य को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए प्रयागराज के जिला न्यायालय में पेशी होगी।

Update: 2023-08-24 07:34 GMT
Atiq-Ashraf Murder Case (photo: social media)

Atiq-Ashraf Murder Case: पूर्वांचल के कुख्यात माफिया ब्रदर्स अतीक अहमद और अशरफ हत्याकांड मामले पर अदालत में सुनवाई जारी है। इस मामले में गिरफ्तार तीनों शूटर्स पर चार्जशीट के आधार पर आरोप तय होना है। गुरूवार को प्रतापगढ़ जिला जेल में बंद तीनों शूटर्स लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरूण मौर्य को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए प्रयागराज के जिला न्यायालय में पेशी होगी। माफिया ब्रदर्स हत्याकांड की जांच के लिए गठित एसआईटी कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है।

10 अगस्त को हुई सुनवाई के दौरान तीनों शूटर्स की ओर से आरोप तय करने के लिए कोर्ट से मोहलत मांगी गई थी। उन्होंने अदालत से वकील पेश करने का मौका देने को कहा था। इसके बाद 16 अगस्त को हुई सुनवाई में इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील गौरव सिंह को अपना वकील बनाने की जानकारी शूटर्स ने कोर्ट को दी। जिसके बाद न्यायालय ने 24 अगस्त को अगली सुनवाई की तारीख तय की।

15 अप्रैल को हुई थी माफिया भाईयों की हत्या

चर्चित उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी बनाए गए माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को क्रमशः गुजरात की साबरमती जेल और बरेली जेल से प्रयागराज लाया गया था। 15 अप्रैल की रात करीब साढ़े 10 बजे पुलिस अभिरक्षा में दोनों भाईयों को कॉल्विन अस्पताल मेडिकल चेकअप के लिए ले जाया गया था, जहां तीनों हमलावर पहले से घात लगाए उनका इंतजार कर रहे थे।

अतीक-अशरफ के कॉल्विन अस्पताल आने की खबर लगते ही वहां मीडियाकर्मियों की भारी भीड़ जमा हो गई थी। उसी भीड़ में मीडियाकर्मी बनकर तीनों हमलावर तैयार बैठे थे। इसके बाद पुलिस की गाड़ी से उतरकर जब दोनों भाई अस्पताल की ओर जाने लगे और मीडिया रास्ते में उनसे सवाल-जवाब कर रही थी कि तभी दनादन गोलियां चलने लगी। जब तक लोग कुछ समझ पाते तब तक दोनों माफिया ब्रदर्स जमीन पर लुढ़क चुके थे और उनका किस्सा अतीत हो चला था।

अतीक अहमद और अशरफ जैसे कुख्यात माफिया की पुलिस अभिरक्षा में इस तरह सरेआम हत्या ने हड़कंप मचा दिया। योगी सरकार की तीखी आलोचना होने लगी। आनन फानन में सरकार की ओर से अगले ही दिन यानी 16 अप्रैल को इस हत्याकांड की जांच के लिए एक एसआईटी के साथ-साथ न्यायिक जांच आयोग भी गठित की गई।

13 जुलाई को एसआईटी ने प्रयागराज की सीजेएम कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। दो हजार से अधिक पेज की केस डायरी और 56 पन्नों के आरोप पत्र में एसआईटी ने विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट के सामने पेश की। इनमें 200 से अधिक गवाहों को शामिल किया गया। जिसमें माफिया भाईयों की सुरक्षा में लगे 21 पुलिसकर्मी, 11 मीडियाकर्मी,16 से अधिक अस्पताल कर्मी और अस्पताल में इलाज कराने पहुंच लोग शामिल हैं। इसके साथ ही एसआईटी ने अदालत के सामने 70 सीसीटीवी फुटेज और 15 वीडियो रिकॉर्डिंग भी बतौर साक्ष्य पेश किए।

कौन था हत्याकांड का मास्टरमाइंड

एसआईटी के मुताबिक, अतीक अहमद और अशरफ की हत्या का मास्टरमाइंड हमीरपुर का रहने वाला सनी सिंह था। सनी ने ही लवलेश तिवारी और अरूण मौर्य को इस साजिश में शामिल होने के लिए प्रेरित किया था। सरेआम इस हत्याकांड को अंजाम देकर वे रातों-रात जरायम की दुनिया में फेमस होना चाहते थे। एसआईटी ने बताया कि उमेश पाल की हत्या के बाद से जिस तरह माफिया अतीक अहमद और उसके गुर्गों की मीडिया कवरेज हो रही थी, उससे इन्हें लगा कि ये बड़ा मौका है अपना नाम बनाने का।

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