Mahakumbh 2025: क्या है नागा साधुओं का रहस्य, कैसे बनते हैं नागा साधु

Mahakumbh 2025: महाकुंभ में करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु स्नान करने पहुँच रहे हैं,लेकिन महाकुंभ का जो आकर्षण का केंद्र है वो अभी भी नागा साधु ही हैं। बड़ी संख्या में लोग स्नान के बाद नागा साधुओं के दर्शन के लिए उनके अखाड़े में जाते हैं।;

Update:2025-01-28 18:59 IST

Mahakumbh 2025 What is the secret of Naga Sadhus (Photo: Social Media)

Naga Sadhus: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु स्नान करने पहुँच रहे हैं। लेकिन महाकुंभ का जो आकर्षण का केंद्र है वो अभी भी नागा साधु ही हैं। बड़ी संख्या में लोग स्नान के बाद नागा साधुओं के दर्शन के लिए उनके अखाड़े में जाते हैं। महाकुंभ हो या कुंभ, आप बगैर नागा साधुओं की इसकी कल्पना नहीं कर सकते। अगर हम ये कहें कि महाकुंभ जैसे आयोजन को नागा साधुओं से जोड़ने की एक आम धारना है तो ये कहीं से गलत नहीं होगा।

लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि आखिर नागा साधु बनने की क्या प्रक्रिया होती है और आखिर कैसे एक सामान्य इंसान नागा साधु बन जाता है। महाकुंभ के पावन मौके पर प्रयागराज में 500 साधुओं ने दीक्षा ग्रहण की, इस मौके पर प्रयागराज पहुंची न्यूज़ट्रैक की टीम में साधुओं से ही जाने की कोशिश की कैसे लोग नागा साधु बनते हैं।

महाकुंभ में नागा साधु

क्या है नागा साधु बनने की प्रक्रिया

नागा साधु बनना इतना आसान भी नहीं होता है, अखाड़ा समिति के द्वारा किसी शख्स को नागा साधु बनाया जाता है। नागा साधु बनने के लिए उस शख्स को कई तरह की परीक्षाओं से होकर गुजरना पड़ता है। इस प्रक्रिया में 6 महीने से एक साल तक का समय लग जाता है। इस परीक्षा में सफलता पाने के लिए साधक को 5 गुरु से दीक्षा हासिल करनी होती है। जिनमें शिव, विष्णु, शक्ति, सूर्य और भगवान गणेश शामिल होते हैं। इन्हें पंच देव भी कहा जाता है।

महाकुंभ में नागा साधु

नागा साधु बनने से पहले एक सड़क को ख़ुद का पिंडदान करना पड़ता है, अपना ही अपने माता-पिता और अपनी साथ पीढ़ियों को पिंडदान करना पड़ता है। पिंडदान करने के बाद से ही इंसान का अपने परिवार से किसी प्रकार का कोई संबंध नहीं रह जाता है। अब उस साधु को गुरु के मार्गदर्शन में ब्रह्मचर्य और कठोरता से पालन करना पड़ता है।

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