Prayagraj News: MNNIT का नया अविष्कार, सेना की परीक्षाओं के लिए बनाया आधुनिक सॉफ्टवेयर, तुरंत जारी होगा रिजल्ट

Prayagraj News: इस सॉफ्टवेयर को लेकर एनसीसी के ग्रुप कमांडर ब्रिगेडियर के पी कृष्ण कुमार और एमएनएनआईटी के निदेशक प्रोफेसर आरएस वर्मा के बीच समझौता पत्र ( mou) पर हस्ताक्षर किया गया।

Update:2023-07-28 13:42 IST
MNNIT modern software (photo: social media )

Prayagraj News: एमएनएनआईटी संस्थान ने अपने नाम एक और कीर्तिमान दर्ज किया है। एनआईटी के वैज्ञानिकों और छात्रों ने एक ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार किया है जिससे परीक्षा के तुरंत बाद रिजल्ट जारी हो सकेगा। यह सॉफ्टवेयर एनसीसी ए लेवल परीक्षा के लिए तैयार किया गया है। लगभग 1 साल में तैयार किया गया सॉफ्टवेयर देश में होने वाली एनसीसी ए की परीक्षाओं में कारगर साबित होगा। इस सॉफ्टवेयर को लेकर एनसीसी के ग्रुप कमांडर ब्रिगेडियर के पी कृष्ण कुमार और एमएनएनआईटी के निदेशक प्रोफेसर आरएस वर्मा के बीच समझौता पत्र ( mou) पर हस्ताक्षर किया गया।

एमएनएनआईटी के संगठन विज्ञान एवं अभियांत्रिकी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर लेफ्टिनेंट डॉक्टर दिव्य कुमार ने बताया कि ऐसी तकनीक विकसित की गई है जिससे एनसीसी ए के प्रमाण पत्र की परीक्षा का संचालन कंप्यूटर से संभव होगा ।तकनीक से प्रश्न पत्र बनाने से लेकर रिजल्ट तैयार करने तक के सभी कार्य कंप्यूटर के जरिए होंगे। आपको बता दें हर साल देश में हजारों छात्र एनसीसी ए की परीक्षा देते हैं ऐसे में परीक्षा देने के कई दिनों तक उनको अपने रिजल्ट का इंतजार रहता है लेकिन इस नई तकनीक के जरिए जिस दिन परीक्षा होगी उसी दिन रिजल्ट भी सामने आ जाएगा। एमएनआईटी के निदेशक प्रोफेसर आरएस वर्मा का कहना है कि वह संस्थान की उपलब्धि में बेहद खुश है साथ ही संस्थान हमेशा नए प्रयोगों के लिए अग्रसर रहता है।

सॉफ्टवेयर का अविष्कार करने वाले प्रोफेसर दिव्या कुमार

सॉफ्टवेयर का अविष्कार करने वाले प्रोफेसर दिव्या कुमार का कहना है कि अगर एनसीसी ए लेवल की परीक्षा में यह सफल होता है तो आगे आने वाली परीक्षा में भी इसको लाया जाएगा । उन्होंने बताया कि बीते 1 साल से उनके विभाग के द्वारा इस सॉफ्टवेयर पर विशेष तौर पर काम किया जा रहा था और उसका परिणाम अब मिल मिला है।

इस नई तकनीक के आविष्कार से एक तरफ जहां एमएनएनआईटी प्रशासन खुश है तो वहीं दूसरी ओर सेवा के जवान भी संतुष्ट दिखाई दे रहे हैं। गौरतलब है की आने वाले समय में यह तकनीक ब्रह्मास्त्र की तरह साबित होगी।

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