Prayagraj Magh Mela: माघ मेले के इतिहास में पहली बार सौर ऊर्जा का होगा इस्तेमाल
Prayagraj News: अधिकारियों के कई कार्यालय और कमरे सौर ऊर्जा से संचालित होंगे। प्रयोग सफल हुआ तो कुंभ मेले में सौर ऊर्जा का विस्तार होगा। प्रयागराज मंडल के चीफ इंजीनियर विनोद कुमार गंगवार ने अहम जानकारी दी।
Prayagraj News: संगम के तट पर जनवरी 2024 में लगने वाला देश का सबसे बड़ा धार्मिक मेला, माघ मेला अबकी बार कई मायनों में खास रहेगा। इतिहास के पन्नों पर ऐसा पहली बार होगा जब मेला क्षेत्र में सौर ऊर्जा का भी इस्तेमाल किया जाएगा। मतलब अधिकारियों के कई कार्यालय और अन्य कमरे बिजली से नहीं जबकि सौर ऊर्जा से संचालित होंगे। प्रयागराज मंडल के चीफ इंजीनियर विनोद कुमार गंगवार का कहना है कि 2024 का माघ मेला 2025 में लगने वाले महाकुंभ का रिहर्सल है और इसी को ध्यान में रखते हुए अबकी बार लगने वाले माघ मेले में एक नया प्रयोग किया जा रहा है।
अगर या प्रयोग सफल होता है तो 2025 में लगने वाले महाकुंभ मेले में सौर ऊर्जा का और विस्तार किया जाएगा और मेला क्षेत्र के कई हिस्सों में बिजली बचत और समस्याओं को सुलझाने में सौर ऊर्जा काफी लाभदायक होगा। आपको बता दे जनवरी 2024 से संगम के तट पर देश दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला माघ मेला लगना है ऐसे में इस बार का माघ मेला कुंभ के रिहर्सल के तौर पर पेश करेगी। इसी को ध्यान में रखते हुए अधिकारियों ने भी कुंभ को दिव्य और भव्य बनाने के लिए नए नए प्रयोग करने का फैसला किया है।
चीफ इंजीनियर विनोद कुमार गंगवार का मानना है कि सौर ऊर्जा इको फ्रेंडली तो है ही साथ ही सरकार भी सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने का काम कर रही है। ऐसे में लोगों को जागरूक करने के लिए और बिजली की खपत को कम करने के लिए यह फैसला लिया गया है। अभी से ही कई अधिकारियों और कर्मचारियों को चयनित कर लिया गया है और मॉनसून खत्म होने के बाद जब मेला क्षेत्र की तैयारी शुरू होगी तब इसका भी काम शुरू हो जाएगा। हालाकि अब तक के इतिहास में जब भी माघ मेला या कुम्भ मेला लगा है तो कभी भी सौर ऊर्जा का इस्तेमाल नहीं किया गया है इसलिए इस बार का माल मिला बेहद खास होने वाला है।
गौरतलब है कि बिजली विभाग ने आगामी माघ मेले को लेकर के खास तरीके की तैयारी शुरू कर दी है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि अबकी बार का माघ मेला का स्वरूप कुछ अलग होगा । फिलहाल मेला क्षेत्र मे ऑफ ग्रिड सौर ऊर्जा का इस्तेमाल किया जाएगा जिसमें बैटरी के द्वारा सौर ऊर्जा संचालित होती है।