Prayagraj News: यूपी पुलिस के दारोगाओं को बड़ी राहत, मिलेगा भत्ता, हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को दिया ये आदेश
Prayagraj News: प्रयागराज उच्च न्यायालय से प्रदेश के दारोगाओं को बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि डायरेक्ट भर्ती के दारोगाओं को ट्रेनिंग पीरियड की पूरी सैलरी, भत्ता, व अन्य सुविधाएं दी जाएंगी।
Prayagraj News: प्रयागराज उच्च न्यायालय से प्रदेश के दारोगाओं को बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि डायरेक्ट भर्ती के दारोगाओं को ट्रेनिंग पीरियड की पूरी सैलरी, भत्ता, व अन्य सुविधाएं दी जाएंगी।
उच्च न्यायालय का यूपी सरकार को आदेश
वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम ने बताया कि दारोगाओं के प्रमोशन में उनके ट्रेनिंग पीरियड का समय जोड़ा जाएगा। सुप्रीम कोर्ट में यूपी सरकार की अपील खारिज होने के बाद उच्च न्यायालय प्रयागराज ने बड़ा फैसला दिया है, जिससे प्रदेश के सैकड़ों दारोगा लाभान्वित होंगे। मेरठ जोन, नोएडा, ग़ाज़ियाबाद, प्रयागराज, कानपुर, बरेली, वाराणसी समेत अन्य स्थानों पर तैनात दारोगाओं को इस आदेश से सीधा लाभ मिलेगा। याचिकाकर्ताओं की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम, अतिप्रिय गौतम, मोहित सिंह, विनोद कुमार मिश्रा की दलील पर उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के दारोगाओं के हक में ये बड़ा फैसला दिया है।
यूपी पुलिस के दारोगाओं को मिलेगा बड़ा फायदा
इलाहाबाद हाईकोर्ट का नया आदेश यूपी पुलिस के लाखों दारोगाओं के लिए खुशखबरी जैसा है। हाईकोर्ट ने प्रदेश के विभिन्न जोनों में तैनात पुलिस इंस्पेक्टरों व दरोगाओं की ट्रेनिंग अवधि का वेतन देने और इस अवधि को सेवा में जोड़कर वेतन वृद्धि प्रदान करने समेत सातवें वेतन आयोग का लाभ देने की याचिका पर आदेश जारी कर दिया है। इस बारे में अपर पुलिस महानिदेशक को दो माह में आदेश करने का निर्देश दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट में खारिज हो गई थी यूपी सरकार की याचिका
गौरतलब है कि इससे पहले इस मामले में राज्य सरकार की एसएलपी सुप्रीम कोर्ट से खारिज हो गई थी। याचिकाकर्ताओं की तरफ से कहा गया था कि शासन ने 29 मार्च 2022 के आदेश से याचियों के समकक्ष अन्य दारोगाओं एवं इंस्पेक्टरों को ट्रेनिंग अवधि का वेतन देने की अनुमति दे दी है, जबकि याचियों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। हाईकोर्ट में दाखिल याचिकाओं में कहा गया था कि ट्रेनिंग की अवधि को प्रमोशनल पे स्केल व वेतन वृद्धि में शामिल कर पुलिसकर्मियों को प्रदान किया जाए। याचियों को ट्रेनिंग अवधि में प्रतिमाह स्टाइपेंड दिया गया था। जबकि इस अवधि का पूर्ण वेतन व भत्ता दिया जाना चाहिए था, जो नहीं किया गया। यही नहीं, ट्रेनिंग अवधि भी सेवा की अवधि में नहीं जोड़ा गया था। अब हाईकोर्ट के इस फैसले से दारोगाओं को राहत मिल गई है।