लखनऊ: राज्यसभा के लिए निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में प्रीति महापात्रा ने कई प्रत्याशियों की बेचैनी बढ़ा दी है। सियासी हलकों में महापात्रा का राज्यसभा जाना तय माना जा रहा है। अब यह किसकी कीमत पर होगा, यह चर्चा का विषय बना हुआ है।
गर्म हुआ माहौल
-यूपी से बीजेपी समर्थित निर्दलीय 12 वें प्रत्याशी के तौर पर प्रीति के नामांकन ने सियासी माहौल गर्म कर दिया है।
-दूसरे दलों के नेताओं की धड़कनें बढ़ना तो ठीक, खुद बीजेपी में कशमकश की हालत है।
-नामांकन के दौरान बीजेपी के ही एक विधायक ने कहा कि प्रीति के नामांकन के पीछे मोदी कनेक्शन है।
बड़े कांटे हैं इस राह में
-इस कनेक्शन की वजह से खुद बीजेपी के ही प्रत्याशी शिव प्रताप शुक्ला की राह में रोड़े आ सकते हैं।
-शुक्ला की राह आसान हुई तो कांग्रेस प्रत्याशी कपिल सिब्बल या सपा के सातवें उम्मीदवार का रास्ता मुश्किल हो जाएगा।
-नंबर तो तय हैं, खेल सिर्फ इनके इधर उधर होने का है।
नामांकन में जुटे नेता
-प्रीति के नामांकन के समय सपा से निष्कासित विधायक रामपाल यादव, अपना दल के डा आरके वर्मा और बीएसपी के बाला प्रसाद अवस्थी मौजूद थे।
-प्रीति के प्रस्तावक के तौर पर पीस पार्टी के डा. अयूब भी मौके पर मौजूद थे।
-राज्यसभा जाने के लिए जरूरी वोटों के बारे में पूछे जाने पर प्रीति ने कहा कि उनके लोग लगे हुए हैं।
अयूब ने खींचा हाथ
-उस समय थोड़ी देर के लिए अफरातफरी मची, जब पीस पार्टी के डा. अयूब ने अचानक प्रीति के नामांकन से हाथ खींच लिया।
-अयूब का नाम प्रस्तावक के तौर पर प्रीति के फार्म में दर्ज था।
-जब प्रमुख सचिव विधानसभा प्रदीप दुबे के सामने बीजेपी और दूसरे दलों के नेता पहुंचे, तो अचानक अयूब ने नाम वापस लेने को कहा।
बदला गया फॉर्म
-डा अयूब ने कहा कि उनको बताया गया था कि प्रीति निर्दलीय कैंडिडेट के तौर पर नामांकन करेंगी, इसलिए छोटे दल के तौर पर मैं इसमें शामिल हुआ। -बाद में पता चला कि वो बीजेपी सपोर्टेड कैंडिडेट हैं, इसलिए वह उनके साथ नहीं खड़े हो सकते।
-इसके बाद फार्म बदला गया और प्रीति ने फॉर्म का दूसरा सेट जमा किया।