माध्यमिक शिक्षा परिषद् शताब्दी समारोह, भारत की ये दिग्गज हस्तियां होंगी शामिल

शताब्दी समारोह में भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, शिक्षा मंत्री एवं उ0प्र0 माध्यमिक शिक्षा परिषद् से पास हुए केंद्र सरकार के अव्यक्तियों के अलावा अन्य राज्यों के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री को आमंत्रित किया जायेगा।

Update: 2020-12-19 09:04 GMT
माध्यमिक शिक्षा परिषद् शताब्दी समारोह, भारत की ये दिग्गज हस्तियां होंगी शामिल

श्रीधर अग्निहोत्री

लखनऊ: उप्र. माध्यमिक शिक्षा परिषद् के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में भव्य शताब्दी समारोह आयोजित किया जायेगा, जिसके अंतर्गत विद्यालय, जिला, मंडल एवं राज्य स्तर पर विभिन्न कार्यक्रम अयोजित किये जायेगें। शताब्दी समारोह में भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, शिक्षा मंत्री एवं उ0प्र0 माध्यमिक शिक्षा परिषद् से पास हुए केंद्र सरकार के अव्यक्तियों के अलावा अन्य राज्यों के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री को आमंत्रित किया जायेगा।

माध्यमिक शिक्षा परिषद् की स्थापना के 100 वर्ष

कार्यक्रमों के आयोजन के विभिन्न प्रकार की समितियां भी गठित की जा रही है। माध्यमिक शिक्षा परिषद् की स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर शताब्दी समारोह मनाये जाने की तैयारियां की जा रही हैं। कार्यक्रम का शुभारम्भ प्रयागराज में तथा समापन कार्यक्रम लखनऊ में आयोजित किया जायेगा। समारोह में पुरा छात्र समागम कार्यक्रम, वाद-विवाद प्रतियोगिता, ड्राइंग प्रतियोगिता एवं खेल-कूद तथा निबंध सहित विभिन्न प्रतियोगिताये आयोजित की जायेंगी। शताब्दी समारोह के अवसर पर सभी विद्यालयों के रंगाई, पुताई एवं सौन्दर्यीकरण करते हुये मुख्य द्वार पर परिषद् के शताब्दी वर्ष का लोगो लगाया जायेगा।

उत्कृष्ट "लोगो" एवं "गीत" के लिये विजेताओं को पुरस्कृत किया जायेगा

इस अवसर पर स्मारिका का प्रकाशन किया जायेगा तथा डाक टिकट एवं विशेष सिक्का जारी किये जाने हेतु भारत सरकार से अनुरोध किया जायेगा। उन्होंने बताया कि शताब्दी समारोह के लिये "लोगो" एवं "शताब्दी गीत" के चयन के लिए जनवरी, 2021 में प्रतियोगिता आयोजित की जायेगी। चयनित उत्कृष्ट "लोगो" एवं "गीत" के लिये विजेताओं को पुरस्कृत किया जायेगा, इसमें प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर आने वालो को 21 हजार, 11 हजार एवं 5 हजार का पुरस्कार दिया जायेगा।

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1 अप्रैल 1922 को इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम बनाया गया

वर्ष 1923 के पूर्व प्रदेश में हाई स्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षायें इलाहाबाद विश्वविद्यालय द्वारा संचालित की जाती थी। वर्ष 1921 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय का स्थान लेने के लिये एक परिषद् की स्थापना हेतु इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम-1921 बनाया गया, जो 1 अप्रैल 1922 को प्रवृत्त हुआ। विधान परिषद् से पारित होने के बाद अधिनियम पर प्रदेश के तत्कालीन गवर्नर द्वारा 30 सितम्बर 1921 को स्वीकृति प्रदान की गयी। 10 दिसम्बर 1921 को अनुमति गवर्नर जनरल आफ इण्डिया द्वारा दी गयी तथा 7 जनवरी 1922 को भारत सरकार द्वारा अधिनियम का प्रकाशन किया गया। 1 अप्रैल 1922 को इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम बनाया गया ।

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मिशन गौरव के अंतर्गत सम्मानित किया जायेगा

अपर मुख्य सचिव श्रीमती आराधना शुक्ला ने बताया कि शताब्दी समारोह में उप्र माध्यमिक शिक्षा परिषद् से उत्तीर्ण हुये एवं वर्तमान में भिन्न भिन्न क्षेत्रों में कार्यरत विभूतियों को भी आमंत्रित किया जायेगा। इसके लिये माध्यमिक शिक्षा परिषद् के अधिकृत वेबसाइट पर मिशन गौरव-शताब्दी वर्ष पोर्टल की व्यवस्था की गयी है। इसके माध्यम से उप्र माध्यमिक शिक्षा परिषद् से उत्तीर्ण हुये छात्र-छात्राओ से नाम, क्षेत्र, मोबाइल नं इत्यादि की जानकारी एकत्रित की जा रही है। इस महत्वपूर्ण शताब्दी समारोह के अवसर पर माध्यमिक शिक्षा परिषद् से निकली हुयी उन अनेकानेक महान विभूतियो को मिशन गौरव के अंतर्गत सम्मानित किया जायेगा, जिन्होने प्रदेश, राष्ट्र एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तरों पर विभिन्न क्षेत्रों में प्रदेश एवं देश का गौरव बढ़ाया है।

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