काशी में प्रियंका गांधी: मंदिर में खाया भंडारा, बताया क्या है संत रविदास का सपना
प्रियंका गांधी वाड्रा रविवार को वाराणसी पहुंची, जहां उन्होंने संत शिरोमणि रविदासजी की जयंती के मौके पर उनकी जन्मस्थली सीर गोबर्धनपुर पहुंच कर माथा टेका।
वाराणसी: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा रविवार को वाराणसी पहुंची, जहां उन्होंने संत शिरोमणि रविदासजी की जयंती के मौके पर उनकी जन्मस्थली सीर गोबर्धनपुर पहुंच कर माथा टेका। वहीं मंदिर में सभी के साथ प्रसाद भी ग्रहण किया। इस मौके पर कांग्रेस के कई नेता और कार्यकर्ता भी मौजूद रहे। प्रियंका ने इस मौके पर कहा कि सन्त रविदास के बेगमपुरा के सपने को जन-जन तक पहुंचाने की जरूरत है।
संत रविदास की जयंती पर वाराणसी पहुंची प्रियंका गांधी:
प्रियंका गांधी ने इस मौके पर देश-विदेश के कोने कोने से आये लाखों श्रद्धालुओं के बीच हो रही सतसंग के दौरान लोगो से कहा कि संत रविदास की जन्मस्थली पर आना मेरा सौभाग्य है। उन्होंने कहा कि गुरु रविदास के राम-रहीम एक थे, उनकी शिक्षा और वाणी से सीखने की जरूरत है। प्रियंका गांधी और संगत में महासचिव ने अपने विचार को रखा।
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उन्होंने कहा कि सदगुरु कबीरदास जी और सदगुरु रविदास जी ने हम सबको अपनी वाणी और सन्देश से हर एक इंसान को बराबर, भाईचारे और मेहनत की इज्जत करने की शिक्षा दी है।
रविदास के सपने ने सच करने की जरूरत:
महासचिव ने कहा कि हमारी बहुत पुरानी सोच रही है जो हर इंसान में भगवान को देखती है और इंसान को जात-पात और धर्म के चश्मे से नहीं बल्कि सिर्फ़ इंसान के रूप में देखती है। संत शिरोमणि गुरु रविदास जी महराज उस सोच के अगुआ हैं|
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उन्होंने रविदास वाणी सुनाते हुए कहा “ऐसा चाहूँ राज में, जहाँ मिले सबन को अन्न। छोट-बड़ो सब सम बसै, रैदास रहे प्रसन्न।।”
प्रियंका ने कहा कि सदगुरु रविदासजी महाराज ने बेगमपुरा का सपना देखा था। ऐसा समाज, ऐसा शहर जहां ऊँच नीच नहीं, भेदभाव नहीं, जहां हर इंसान की इज्जत हो, सबके आत्मसम्मान की रक्षा हो। हमारे संविधान में भी यही बात है।
उन्होंने कहा कि आज सदगुरु रविदास जी के सपने को जन-जन तक ले जाने की जरुरत है। आज हम सबको सन्त रविदास जी की बताई गयी बातों पर अमल करने की जरुरत है। उन्होंने सन्त शिरोमणि रविदास जयंती की बधाई देते हुए कहा कि आज आप सबके बीच आकर मुझे बहुत ज़्यादा ख़ुशी और आध्यात्मिक प्रेरणा मिली है।