कांग्रेस ने सहायक शिक्षकों की भर्ती कोर्ट में अटकने पर यूपी सरकार को घेरा

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने योगी सरकार पर हमलावर होते हुए कहा है कि यूपी सरकार की अव्यवस्था के कारण तमाम भर्तियां कोर्ट में अटकी हुई है।

Update: 2020-06-03 20:08 GMT

लखनऊ: यूपी के परिषदीय विद्यालयों में 69000 सहायक शिक्षकों की भर्ती की चल रही काउंसलिंग पर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच द्वारा स्थगित किए जाने पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने योगी सरकार पर हमलावर होते हुए कहा है कि यूपी सरकार की अव्यवस्था के कारण तमाम भर्तियां कोर्ट में अटकी हुई है।

प्रियंका गांधी ने बुधवार शाम को टवी्ट कर कहा कि ‘‘एक बार फिर से उत्तर प्रदेश के युवाओं के सपनों पर ग्रहण लग गया। यूपी की सरकार की अव्यवस्था के चलते तमाम भर्तियां कोर्ट में अटकी हैं। पेपर लीक, कटऑफ विवाद, फर्जी मूल्यांकन और गलत उत्तरकुंजी- यूपी सरकार की व्यवस्था की इन सारी कमियों के चलते 69000 शिक्षक भर्ती का मामला लटका हुआ है। सरकार की लापरवाही की सबसे ज्यादा मार युवाओं पर पड़ रही है।’’

यह भी पढ़ें...तबलीगी जमात का दिल्ली हिंसा से कनेक्शन, मौलाना साद के करीबी से था मास्टरमाइंड का संपर्क

इधर, प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष वीरेन्द्र चौधरी ने कहा कि परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 69000 शिक्षकों की भर्ती में भारी गड़बड़ी सामने आयी है। भर्ती से सम्बन्धित अधिकारियों के सामने योगी प्रशासन पूरी तरह से पंगु साबित हुआ है। भर्तियों में अनियमितता के चलते हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने जारी काउंसलिंग को स्थगित कर दिया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में भर्तियों के नाम पर प्रदेश के युवाओं के साथ लगातार धोखा हुआ है। प्रदेश सरकार द्वारा एक भी भर्ती न्यायोचित ढंग से नहीं हो पाई। मुख्यमंत्री योगी हर हफ्ते लाखों रोजगार देने की बात करते हैं जबकि हकीकत में युवाओं के बीच बेरोजगारी में उप्र. पहले पायदान पर पहुंच गया है। मुख्यमंत्री की रोजगार सम्बन्धी घोषणाएं सिर्फ जुमला साबित हुई हैं।

यह भी पढ़ें...UP में Corona जांच का आंकड़ा हुआ तीन लाख के पार, रोजाना हो रहे है 10 हजार टेस्ट

प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि 69000 सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा के दौरान पेपर लीक प्रकरण मीडिया में छाया रहा। नकल के मामलों में कई गिरफ्तारियां हुई, एसटीएफ गठित हुई जांच हुई। उन्होने कहा कि परीक्षा परिणाम में तमाम विसंगतियां दिख रही है। एक ही परिवार अथवा एक ही सेंटर के बच्चों के सामान्य अभ्यर्थियों से समान अंक तथा टीईटी परीक्षा को किसी तरह से पास करने वाले अभ्यर्थियों का भर्ती परीक्षा में सर्वाधिक अंक प्राप्त करना संदेह के घेरे में हैं। उन्होने कहा कि सरकार को पारदर्शिता के साथ भर्ती करनी चाहिए, धांधली व नकल करके पास हुए अभ्यर्थियों को चयन प्रक्रिया से बाहर करते हुए योग्य अभ्यर्थियों का ही चयन करना चाहिए।

रिपोर्ट: मनीष श्रीवास्तव

Tags:    

Similar News