Gorakhpur to Nepal: गोरखपुर से नेपाल बॉर्डर तक दौड़ेगी इलेक्ट्रिक ट्रेन, मजबूत होगा कारोबारी रिश्ता

Gorakhpur to Nepal: उत्तर प्रदेश के जनपद गोरखपुर से नेपाल बॉर्डर तक जल्द ही इलेक्ट्रिक ट्रेन दौड़ेगी जिसकी तैयारी भारतीय रेल ने कर ली है।

Published By :  Shashi kant gautam
Update: 2021-09-23 17:06 GMT

गोरखपुर से नेपाल: गोरखपुर से नेपाल बॉर्डर तक दौड़ेगी इलेक्ट्रिक ट्रेन

Gorakhpur to Nepal: गोरखपुर से मित्र राष्ट्र नेपाल के बॉर्डर तक जल्द ही इलेक्ट्रिक ट्रेन दौड़ने लगेगी। गुरुवार को आनंदनगर-नौतनवा रेल मार्ग पर हाल ही में पूरे हुए विद्युतीकरण का रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) ट्रायल पूरा हो गया। निरीक्षण के दौरान रेल संरक्षा आयुक्त पूर्वोत्तर रेलवे डिवीजन मोहम्मद लतीफ पूरी तरह से संतुष्ट नजर आए। अब जल्द ही इस रूट पर इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन दौड़ाने की मंजूरी मिलने की उम्मीद है। जिसके बाद दोनों देशों के बीच कारोबारी रिश्ता मजबूत होगा।

इसके पहले गोरखपुर-आननंदनगर तक विद्युतीकरण को सीआरएस की हरी झंडी मिल चुकी है। रेल संरक्षा आयुक्त श्री खान ने आनन्दनगर -नौतनवा के बीच 40 किलोमीटर लम्बे रूट पर निरीक्षण के दौरान संरक्षा की दृष्टि से खंड पर निर्धारित मानकों के अनुसार कराए गए कार्यों की बारीकी से जांच की।


उन्होंने आनन्दनगर-लक्ष्मीपुर स्टेशनों के बीच समपार संख्या 4, सड़क उपरिगामी पुल और इंटरलॉक गेट संख्या 20 पर विद्युतीकृत रेल खंड के अनुरूप विकसित बूम लॉक और हाईट गेज को देखा। विद्युतीकरण पूरा हो जाने और इस पर विद्युत ट्रेन के संचलन शुरू हो जाने के बाद गोरखपुर से नौतनवा के बीच कहीं भी इंजन बदलने की जरूरत नहीं होगी। अभी कुछ ट्रेनें जो पीछे से विद्युत इंजन से आ रही हैं और नौतनवा जाती हैं उनका इंजन गोरखपुर में बदलना पड़ता है । लेकिन संचलन शुरू हो जाने के बाद ऐसा नहीं करना होगा।

नेपाल के कारोबारी रिश्ता भी होगा मजबूत

नौतनवा तक इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन का संचालन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि नेपाल से सटा छोटा सा रेलवे स्टेशन अब पूर्वांचल का सबसे बड़ा आटोमोबाइल टर्मिनल का रूप ले रहा है। मालगाड़ी के 10 रेक से यहां अब तक एक हजार से ज्यादा फोर व्हीलर वाहन (कार, पिकअप, आटो) उतर चुके हैं। वाहनों के यहां उतर जाने केनबाद इन्हें नेपाल ट्रांसपोर्ट कर दिया जाता है।


आटोमोबाइल के ट्रांसपोर्टेशन से एक तरफ जहां स्टेशन पर सुविधाएं बढ़ने लगी हैं , वहीं दूसरी तरफ 100 से अधिक स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिल रहा है। टर्मिनल स्टेशन होने के नाते यहां लोडिंग और अनलोडिंग काफी सहज है। यहां अभी तक मालगाड़ी से एक हजार से अधिक वाहन उतर चुके हैं। आटोमोबाइल टर्मिनल के रूप में नौतनवा रेलवे स्टेशन के विकसित होने से इस स्टेशन का रुतबा तो बढ़ेगा ही साथ ही भविष्य में यहां से ट्रेनों की संख्या भी बढ़ेगी।

बारीकी से हुई जांच

लक्ष्मीपुर स्टेशन के निरीक्षण के दौरान उन्होंने स्टेशन अधीक्षक कक्ष, रिले रूम, आईपीएस रूम व यार्ड लाइन को भी देखा। इससे सम्बंधित कुछ सवाल भी कर्मचारियों से पूछा। लक्ष्मीपुर-नौतनवा स्टेशनों के बीच एसएसपी और कर्व के दोनों छोर पर अर्थ फाल्ट की बारीकी से जांच की। श्री खान ने गैंग कर्मचारियों को संरक्षा के लिए विद्युत लाइन होने के कारण रेल फ्रैक्चर के दौरान आने वाली दुर्गम परिस्थितियों में कार्य करने की तकनीकी जानकारी दी।

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