Gorakhpur News: 4 फरवरी को गोरखपुर शहर सीट से योगी करेंगे नामांकन, दो को पहुंच रहे हैं गोरखपुर
Gorakhpur News: दो फरवरी को गोरखपुर योगी आदित्यनाथ पहुंचेंगे। कोविड प्रोटोकॉल के बीच 4 फरवरी को नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। गोरखपुर के इतिहास में पहली बार होगा जब कोई मुख्यमंत्री विधायकी के लिए नामांकन करेगा।;
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फोटो : सोशल मीडिया )
Gorakhpur News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) को गोरखपुर शहर (Gorakhpur city) से भाजपा का प्रत्याशी घोषित किये जाने के बाद सियासी आकर्षण गोरखपुर (Gorakhpur city) की तरफ हो गया है। योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) पहली बार विधायकी के लिए नामांकन करेंगे। दो फरवरी को गोरखपुर पहुंच रहे योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) कोविड प्रोटोकॉल (covid protocol) के बीच 4 फरवरी को नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। गोरखपुर के इतिहास में पहली बार होगा जब कोई मुख्यमंत्री विधायकी के लिए नामांकन करेगा।
मुख्यमंत्री के मुकाबले सपा (SP), कांग्रेस (Congress) और बसपा (BSP) का उम्मीदवार कौन होगा अभी साफ नहीं हुआ है। सिर्फ आजाद समाज पार्टी (Azad Samaj Party) के चन्द्रशेखर रावण (Chandrashekhar Ravana) ने ताल ठोकने का ऐलान किया है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) 2 फरवरी को चार दिवसीय दौरे पर गोरखपुर आ रहे हैं। 4 फरवरी को सुबह 10:30 बजे नामांकन दाखिल करेंगे। योगी गोरखपुर संसदीय सीट (Gorakhpur parliamentary seat) से 5 बार सांसद रहे। गोरखपुर शहर सीट (Gorakhpur parliamentary seat) इसी संसदीय क्षेत्र में है। सपा की तरफ से भाजपा के पुराने दिग्गज रहे स्व. उपेन्द्र दत्त शुक्ला की पत्नी सुभावती शुक्ला को उतारे जाने की चर्चा है। बसपा और कांग्रेस ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं।
मंदिर आंदोलन के बाद भगवा का बोलबाला
वर्ष 1980 और 1985 में कांग्रेस के सुनील शास्त्री (Sunil Shastri of Congress) की जीत को छोड़ दें तो इस सीट पर भगवा ही लहराया है। सुनील शास्त्री और शिव प्रताप शुक्ला को प्रदेश मंत्रिमंडल में जगह मिली है। जनसंघ के जमाने से हिंदूवादी सियासत इस सीट को भाती रही है। लेकिन मंदिर आंदोलन का इस कदर प्रभाव पड़ा कि 1991 के बाद साल-दर-साल भगवा की पकड़ मजबूत होती गई। इस सीट से 1989, 1991, 1993 और 1996 में जीत का चौका लगाने वाले शिवप्रताप शुक्ला भाजपा नेतृत्व वाली सरकारों में कैबिनेट मंत्री रहे। 2002 में भाजपा के उम्मीदवार शिवप्रताप शुक्ला को योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने खारिज कर हिंदू महासभा (Hindu Mahasabha) के टिकट पर डॉ.राधा मोहन दास अग्रवाल को जिताया तो उन्हें इस सीट से सियासत ही छोड़नी पड़ी। 2002 से डॉ.राधा मोहन दास अग्रवाल लगातार चार बार से विधायक चुने जाते रहे हैं। हर बार उनकी जीत का अंतर भी बढ़ता रहा।
मुख्यमंत्री की सीट लेकिन मुद्दे कम नहीं
3 लाख से अधिक आबादी बरसात में जलभराव से जूझती है। गोरखपुर शहर (Gorakhpur city) में 100 से अधिक अवैध कालोनियां प्राधिकरण के लिए गले की हड्डी बनी हुई है। नगर निगम क्षेत्र में निकलने वाले 700 मीट्रिक टन कूड़े के निस्तारण की कोई ठोस व्यवस्था नहीं है। सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की कवायद शुरू तो हुई लेकिन कब पूरी होगी कोई बताने वाला नहीं है। शहर का विस्तार नहीं होने से प्रमुख मार्गों पर ट्रैफिक जाम की समस्या बराबर बनी हुई है। सीवर लाइन के काम की धीमी रफ्तार से 2 लाख से अधिक आबादी जूझ रही है।
गोरखपुर शहर - एक नजर में
कुल मतदाता: 453662
महिला: 210574
पुरुष: 243013
अन्य: 75
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