Gorakhpur News: नगर निगम ने सेटेलाइट से किया बड़ा खुलासा, शहर के 5 हजार मकान नहीं दे रहे हाउस टैक्स

Gorakhpur News: गोरखपुर में नगर निगम गोरखपुर सेटेलाइट से ऐसे घरों की तलाश कर रहा है जो हाउस टैक्स, वाटर टैक्स नहीं दे रहे हैं।

Published By :  Divyanshu Rao
Update: 2021-08-10 10:37 GMT
हाउस टैक्स न जमा करने वाले मकान की तस्वीर (डिजाइन फोटो:न्यूज़ट्रैक)

Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गोरखपुर (Gorakhpur) जिले में नगर निगम गोरखपुर सेटेलाइट से ऐसे घरों की तलाश कर रहा है जो हाउस टैक्स, वाटर टैक्स नहीं दे रहे हैं। केन्द्र सरकार द्वारा नामित संस्था की तरफ से मकान, दुकान का जीआईएस (ज्योग्राफिकल इंफार्मेशन सिस्टम) के सर्वे में ऐसे मकान मालिक पकड़ में आ रहे हैं। अभी आधा सर्वे ही पूरा हुआ है लेकिन सेटेलाइट ने ऐसे 5000 मकान की तलाश कर ली है। जो अभी तक टैक्स नहीं दे रहे थे।

सेटेलाइट से कई ऐसे भी भवनों को भी चिन्हित किया गया है। जिनका निर्माण एरिया बढ़ गया है। इसीलिए कोरोना काल में भी हाउस टैक्स से निगम की कमाई बढ़ गई है। पिछले वित्तीय वर्ष में 22.14 करोड़ की कमाई हुई। चालू वित्तीय वर्ष में भी पिछले वर्ष की तुलना में 20 फीसदी अधिक वसूली हुई है।

शहर की आबादी 14 लाख के करीब पहुंची

गोरखपुर शहर की आबादी 14 लाख के आसपास पहुंच गई है। लेकिन अभी तक 1.45 लाख मकान, दुकान या व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से ही हाउस टैक्स मिलता है। टैक्स से कमाई बढ़ाने और डाटा बैंक को लेकर केन्द्र सरकार द्वारा नामित संस्था की तरफ से मकान, दुकान का जीआईएस (ज्योग्राफिकल इंफार्मेशन सिस्टम) सर्वे शुरू कराया है।

पांच हजार नए बढ़े हुए एरिया के मकान चिन्हित हुए

उपनगर आयुक्त संजय शुक्ला का कहना है कि केन्द्र सरकार द्वारा नामित संस्था द्वारा जीआईएस सर्वे के नतीजे दिखने लगे हैं। करीब 5000 नये व बढ़े हुए एरिया वाले मकान चिन्हित हुए हैं। कोरोना काल की दिक्कतों के बाद भी वसूली में इजाफा हुआ है। जुलाई महीने में अभी तक की वसूली पिछली साल की तुलना में करीब 40 फीसदी अधिक हुई है।

मकान बनवा लिया पर नहीं दे रहे टैक्स

सैटेलाइट के माध्यम से हो रहे सर्वे में कई ऐसे लोग चिन्हित हो रहे हैं। जिन्होंने मकान तो बनवा लिया लेकिन हाउस टैक्स के लिए निगम में आवेदन नहीं कर रहे हैं। तमाम ऐसे भी भवन हैं। जिनका निर्माण एरिया दो से तीन गुना तक बढ़ गया लेकिन वह पुराने सर्वे पर ही टैक्स दे रहे हैं। नगर निगम के सभी 70 वार्डों में चालू सर्वे में कई नये मकान मिले हैं। निगम को उम्मीद है कि सर्वे पूरा होने के बाद हाउस टैक्स के दायरे में करीब 1.70 लाख मकान, दुकान और व्यवसायिक प्रतिष्ठान आ जाएंगे।

145 वर्ग किलोमीटर एरिया का हो रहा सर्वे

केन्द्र सरकार द्वारा नामित संस्था 145 वर्ग किलोमीटर एरिया का सर्वे कर रही है। सैटेलाइट इमेज से भवन का निर्माण एरिया भी मालूम हो रहा है। संदेह होने पर नगर निगम के अधिकारी हाउस टैक्स को लेकर भवन मालिक द्वारा घोषित एरिया का क्रॉस चेक भी कर रहे हैं।

हाउस टैक्स न देने वाले मकान

30 फीसदी से अधिक मकानों और प्रतिष्ठानों के टैक्स नहीं मिल रहा है

ऐसे में कई गड़बड़ियां प्रकाश में आ रही है। निगम द्वारा लोगों के पास संशोधित हाउस टैक्स पहुंच रहा है तो लोग निगम में शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। लेकिन सेटेलाइट इमेज दिखाये जाने के बाद वह हाउस टैक्स जमा कर रहे हैं। अधिकारियों का मानना है कि अभी भी 30 फीसदी से अधिक मकान और प्रतिष्ठानों से टैक्स नहीं मिल रहा है। सर्वे के बाद निगम को आय में 8 से 10 करोड़ से राजस्व इजाफा होने की उम्मीद है।

तीन वर्षों में हाउस टैक्स की वसूली का रिकॉर्ड

2018-19 20.53 करोड़

2019-20 21.69 कर

2020-21 22.14 करोड़

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