Lucknow News: यूपी का रंगमंच का सितारा बना मुंबई की शान, अवनीश मिश्र का राज्यपाल ने किया सम्मान
Lucknow News: राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का नाम गौरान्वित करने केलिए अवनीश मिश्र को भारतेन्दु नाट्य अकादमी द्वारा "भारतेन्दु हरिश्चंद्र सम्मान-2025" प्रदान किया गया। यह सम्मान राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में दिया गया।;
Lucknow News: अपने गृह जनपद गोरखपुर, कर्मभूमि कानपुर और सूबे उत्तर प्रदेश का नाम रोशन करने वाले उदीयमान निर्देशक अवनीश मिश्र को 26 जनवरी, 2025 को गणतंत्र दिवस के अवसर पर व्यक्तिगत प्रयासों से नाट्य विधा के निर्देशन क्षेत्र विशेष में उल्लेखनीय कार्य करते हुए राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का नाम गौरान्वित करने के लिए भारतेन्दु नाट्य अकादमी द्वारा "भारतेन्दु हरिश्चंद्र सम्मान-2025" प्रदान किया गया। यह सम्मान राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में दिया गया।
कौन हैं अवनीश मिश्र
गोरखपुर की शांत गलियों से थिएटर की रंगीन दुनिया में कदम वाले अवनीश मिश्र ने अपनी रंगमंचीय यात्रा बचपन में ही शुरू कर दी थी। पाँचवीं कक्षा में पूर्वोत्तर रेलवे बॉयज़ इंटर कॉलेज में राज्य स्तरीय नाटक प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार जीतना उनके लिए प्रेरणादायक बना। और फिर यही उपलब्धि एक ऐसे नाट्य समूह की नींव रखने का कारण बनी, जो देशभक्ति पर आधारित नाटकों का मंचन करता था। अवनीश मिश्र के टिकटेड शो और दुर्गा पूजा के कार्यक्रमों को व्यापक सराहना मिली।
गोरखपुर से पहुंचे कानपुर
थिएटर और अभिनय की गहरी समझ की तलाश अवनीश को कानपुर ले गई। कानपुर उनके लिए एक सौभाग्यशाली शहर रहा, जहाँ से उन्होंने अभिनय और निर्देशन की प्रवीणता हासिल की। यहां उन्होंने थिएटर और फिल्म की बारीकियां सीखीं। इसी दौरान, डीएवी डिग्री कॉलेज से बैचलर ऑफ साइंस में स्नातक की पढ़ाई पूरी की।
थिएटर ग्रुप दर्पण से जुड़ाव
1999 में अवनीश मिश्र राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त थिएटर ग्रुप दर्पण कानपुर से जुड़े। वहाँ रंजीत कपूर, राकेश वर्मा, संजीव सिकरोरिया, और जुगल किशोर जैसे थिएटर के दिग्गजों के मार्गदर्शन में अभिनय , निर्देशन और संगीत नाटक की बारीकियां सीखीं। अवनीश मिश्र को इस पूरी यात्रा में उनके माता-पिता और भाई अखिलेश मिश्रा का बहुत योगदान रहा है, जिनके समर्थन और प्रेरणा के बिना यह संभव नहीं था।
बीएनए से जुड़ाव
इसके बाद आगे की शिक्षा के लिए अवनीश ने लखनऊ के भारतेन्दु नाट्य अकादमी का रुख किया। वहाँ एक थिएटर वर्कशॉप ने उन्हें नए आयामों से परिचित कराया और अकादमी के डिप्लोमा प्रोग्राम में प्रवेश मिला। इस दौरान वाघिश कुमार सिंह, सुशील कुमार सिंह, चित्रा मोहन, और रोबिन दास जैसे सम्मानित निर्देशकों के साथ काम करने का अवसर मिला, जिसने उन्हें थिएटर और फ़िल्म में निर्देशन की गहन समझ प्रदान की। इस बीच 2004 में फ़िल्म इंस्टिट्यूट पुणे जाकर फ़िल्म ओरिएटेशन का प्रशिक्षण प्राप्त किया। फिर फ़िल्म निर्देशन में और गहरी समझ प्राप्त हुई।
और पहुंच गए मुंबई
2005 में, अवनीश मुंबई पहुंच गए जो भारत के थिएटर और फिल्म उद्योग का केंद्र है। यहाँ उन्होंने नौटंकी शैली में एड्स और जनसंख्या वृद्धि जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रभावशाली नुक्कड़ नाटक निर्देशित किए। इस अभिनव प्रयास को भारतीय रिजर्व बैंक और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों ने सराहा।
रंगशिला ग्रुप की स्थापना
2008 में अवनीश ने रंगशिला थिएटर ग्रुप की स्थापना की। इस मंच के माध्यम से कई उल्लेखनीय नाटकों का निर्देशन किया और एक प्रमुख नाट्य निर्देशक के रूप में अपनी पहचान बनाई। विशेष रूप से, “उजाले की ओर” नामक एक चैरिटी शो निर्देशित किया, जो नेत्रहीनों के लिए समर्पित था और इसे गहरी प्रशंसा मिली।
नाटकों में योगदान
अवनीश के निर्देशन का कौशल “रिफंड” जैसे नाटकों में झलका, जिसमें गोपाल दत्त, आकर्ष खुराना, सुमीत व्यास, और शिवानी टंकसाले जैसे कलाकार शामिल थे। इसके अलावा “तीसवीं शताब्दी”, जिसमें टॉम अल्टर, सुधीर पांडे, और अमित सियाल जैसे दिग्गज कलाकारों ने अभिनय किया, को भारत रंग महोत्सव, रंगशंकरा फेस्टिवल (बेंगलुरु), और रंग विनायक फेस्टिवल (बरेली) जैसे प्रतिष्ठित महोत्सवों में प्रस्तुत किया गया, जिसने राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति को मजबूत किया। इस दौरान “गीत गान और गाथा” और “उन्हें कुछ कहना है” जैसे नाटक, जिन्होंने संगीत नाटकों की यात्रा और राष्ट्रीय कवियों के जीवन पर प्रकाश डाला, प्रशांत थिएटर फेस्टिवल (मुंबई) में प्रस्तुत किए गए। 2017 में,अवनीश मिश्र ने जर्मनी के थिएटर फ्राइबर्ग के साथ “#सुपरनोवा” नामक नाटक पर काम किया, जहाँ अभिनय को खूब सराहा गया। इसके बाद, रोमानिया, दक्षिण अफ्रीका, और भारत के निर्देशकों के साथ मिलकर एक वर्कशॉप और नाटक का निर्माण किया, जिसे व्यापक प्रशंसा मिली।
वर्तमान में, अवनीश नीता मुकेश अंबानी कल्चरल हब (NMACC) और पृथ्वी थिएटर जैसे प्रतिष्ठित स्थलों पर प्रस्तुतियां कर रहे हैं। उनके निर्देशन में बनी पहली फिल्म “अव्वल”, जिसमें कुमुद मिश्रा ने अभिनय किया है, जागरण फिल्म फेस्टिवल में सर्वश्रेष्ठ लघु फिल्म का पुरस्कार जीता जो कला जीवन का नया अध्याय बनी।