Jaunpur News: गमगीन माहौल में मनाया गया चेहलुम, कहीं सुपुर्द ए खाक तो कहीं सुपुर्द ए आब किये गये ताजिये

गमगीन माहौल में कर्बला के शहीदों को याद किया गया

Report :  Kapil Dev Maurya
Published By :  Raghvendra Prasad Mishra
Update: 2021-09-28 12:59 GMT

गमगीन माहौल में कर्बला के शहीदों को याद करते मुस्लिम समाज के लोग (फोटो-न्यूजट्रैक)

Jaunpur News: कर्बला के शहीदों (karbala ke shaheedo) का चेहलुम (chehlum) जिले में मंगलवार को गमगीन माहौल में अकीदत के साथ मनाया गया। इस मौके पर जगह-जगह मजलिसें आयोजित हुईं, जिसके बाद इमाम चौकों पर रखे गये ताजिये, शबीहे तुर्बत, अलम, जुलजनाह को करबला के गंजे शहीदों में ताजियों को सुपुर्द-ए-खाक किया गया। नगर में मुफ्ती मोहल्ला मौला अली घाट (Mufti Mohalla Moula Ali Ghat) और मोहल्ला कटघरा, बख्शा के रन्नो गांव में परम्परा के अनुसार ताजिये को नौहा मातम करते हुए तुरबत व ताजियों को सुपुर्द-ए-आब किया। नगर के मुफ्ती मोहल्ला में गोमती नदी के मौला अली घाट पर जबकि रन्नो में करबला के तालाब पर ताजियों को सुपुर्द-ए-आब किया गया।

नगर के मुफ्ती मोहल्ला का जुलूस गोमती नदी के मौला अली घाट पर स्थित इमाम बारगाह से अंजुमन सज्जादिया के नेतृत्व में सम्पन हुआ। इसके पूर्व सोज़ख़्वानी नज़र हुसैन एडवोकेट व उनके हमनवा ने पढ़ा।मौलाना महफुजुल हसन खां ने मजलिस को ख़िताब करते हुए कहा कि कर्बला में हजरत इमाम हुसैन व उनके 71 साथियों की शहादत के बाद यजीदी हुकूमत ने उनके परिवार पर जुल्म ढाये। यहां तक कि महिलाओं को कैदी बनाकर बेपर्दा मदीना व कूफे की गलियों में घुमाया गया। सबसे पहले इमाम हुसैन की बहन जनाबे जैनब ने अपने भाई का चेहलुम मनाया। आज हम सब मिलकर दरिया के किनारे उनके चेहलुम मना रहे हैं। इसके बाद जुलजनाह, अलम व ताबूत निकाला गया।


ताजिये के साथ अमारियां भी मौजूद थी। जिसकी ज़ियारत के लिये लोगों का आना जाना लगा रहा। इस मौके पर अंजुमन सज्जादिया ने नोहा मातम कर कर्बला के शहीदों को पुरसा दिया। व्यापार मण्डल अध्यक्ष इंद्रभान सिंह इंद ने कहा कि इमाम हुसैन की कुर्बानी का गम आज न सिर्फ मुसलमान बल्कि हिन्दू भी मनाता है। सुरक्षा के लिए कड़े बन्दोबस्त थे। शहर कोतवाल सतीश कुमार सिंह अपने दल बल के साथ मौजूद रहे। संयोजक अंजुमन के अध्यक्ष सै. मेहदीउल हसन व महासचिव हसन जाहिद खां बाबू ने लोगों का आभार प्रकट किया। संचालन असलम नकवी व शम्सी आज़ाद ने किया। अली कमेटी, हुसैन कमेटी, अब्बास कमेटी के लोगों ने शबील का इंतजाम किया था। हाजी मोहम्मद मेहदी, परवेज़ हसन खान, रियाजुल हक़ पूर्व प्रधान सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

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