Jaunpur News: पैसे के अभाव में मुसहर बस्ती के बच्चे ने दम तोड़ा, मां नहीं कर पायी दवा के लिए रुपयों का जुगाड़
केन्द्र और प्रदेश की सरकारें देश को 21वीं सदी में पहुंचाने का दावा करते हुए गरीबी खत्म करने के तमाम दावे करती है लेकिन कुछ ऐसी..
Jaunpur News: केन्द्र और प्रदेश की सरकारें देश को 21वीं सदी में पहुंचाने का दावा करते हुए गरीबी खत्म करने के तमाम दावे करती है लेकिन कुछ ऐसी घटनायें लगभग प्रतिदिन हो रही है जो सरकार के दावों की पोल खोल कर रख देती है। ऐसी ही एक घटना जनपद जौनपुर के दक्षिणान्चल से सामने आयी है कि गरीब पैसे के अभाव में अपने जिगर के टुकड़े का इलाज नहीं करा सका और वह आज इस दुनिया को अलविदा कह गया। बस अब परिजन आंसू बहा कर मन को शान्ति प्रदान कर रहे है।
खबर है कि जिले के मीरपुर गांव में कुत्ते के काटने से आठ वर्षीय बालक की आज मौत हो गई। मृतक की मां रेनू के मुताबिक उसके पास बेटे को अस्पताल ले जाने और इंजेक्शन लगवाने तक का पैसा नहीं था। मीरपुर गांव की जोगीवीर बस्ती में रहने वाले बबलू मुसहर के पुत्र कृष्णा (8) को विगत मंगलवार को घर के पास ही कुत्ते ने काट लिया था। आज गुरूवार को उसकी तबियत अचानक बहुत खराब हो गई। उसकी मां रेनू के अनुसार उसे अस्पताल ले जाने के लिए घर में पैसे नहीं थे। बेटे के इलाज के लिए उसने आस पास के लोगों से मदद की भीख मांगी तो बस्ती के लोगों ने दस-बीस रुपये कर कुछ पैसे एकत्र किए।
कुत्ते के रैबीज के चलते बालक ने दम तोड़ दिया
लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी कुत्ते के रैबीज के चलते बालक ने दम तोड़ दिया। कृष्णा गांव के प्राथमिक स्कूल में कक्षा तीन का छात्र था। मां के मुताबिक मंगलवार को जब बेटे को कुत्ते ने काटा था तो सूई लगवाने के लिए वह एक निजी चिकित्सक के पास गई थी। चिकित्सक ने तीन सौ रुपये मांगे जो उसके पास नहीं थे। ऐसे में वह कुत्ता काटने की सूई न लगवाकर सिर्फ टिटनेस की सूई लगवाकर घर चली आई थी। हालांकि ग्रामीणों का कहना है कि बालक को इसके पहले भी कुत्ते ने काटा था मंगलवार को उसे दोबारा कुत्ते ने काट लिया था।
बताया जा रहा है कि एंटी रैबीज का इंजेक्शन लगवाने के लिए यहां के लोगों को बीस किलोमीटर दूर सीएचसी मछलीशहर जाना होता है। एक तो गरीबी दूसरे जागरूकता के अभाव के चलते बहुत से लोग कुत्ता काटने पर सूई लगवाने के लिए इतनी दूर नहीं जाते। ग्रामीणों का कहना है कि कुत्ता काटने की सूई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और एएनएम सेंटर पर भी उपलब्ध होनी चाहिए।