Jaunpur News: स्वच्छता को लेकर गांव तो हो गए ओडीएफ, लेकिन सच्चाई यह है जानकर हो जाएंगे हैरान

Jaunpur News: सरकार की लाख कवायद के बाद भी स्वच्छता अभियान का उद्देश्य पूरा नहीं हो पा रहा है। कारण स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर शौचालय बनवाकर गांवों को तो ओडीएफ कर दिया गया है, लेकिन हालत यह है कि अभी तक गांवों में पहले जैसी ही स्थिति है। लोग शौचालयों का प्रयोग नहीं कर रहे हैं।

Report :  Kapil Dev Maurya
Published By :  Deepak Kumar
Update:2022-01-07 18:14 IST

शौचालय में रखी उपली और लकड़ी। 

Jaunpur News: सरकार की लाख कवायद के बाद भी स्वच्छता अभियान (Cleanliness campaign) का उद्देश्य पूरा नहीं हो पा रहा है। कारण स्वच्छ भारत मिशन (Swachh Bharat Mission) के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर शौचालय बनवाकर गांवों को तो ओडीएफ कर दिया गया है, लेकिन हालत यह है कि अभी तक गांवों में पहले जैसी ही स्थिति है। लोग शौचालयों का प्रयोग नहीं कर रहे हैं। कहीं-कहीं शौचालयों में उपले और लकड़ी रखी गई है तो कहीं-कहीं आधा अधूरा शौचालय बना हुआ है। ग्रामीण आज भी शौचालय का प्रयोग न कर खुले में शौच जा रहे हैं, जिस पर जिम्मेदार लगाम नहीं लगा पा रहे हैं।

वर्ष 2014 में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण का किया शुभारंभ

सरकार की ओर से स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण (Swachh Bharat Mission Rural) का शुभारंभ वर्ष 2014 में किया गया था। इसके तहत, जिले के सभी 1740 ग्राम पंचायतों में घर-घर शौचालय बनवा कर खुले में शौच मुक्त करने का कार्य शुरू हुआ, जिसे परवान चढ़ाने के लिए अभियान चलाकर शौचालय बनवाकर गांवों को ओडीएफ करने का कार्य शुरू किया गया। लोगों को शौचालय बनवा कर प्रयोग करने और खुले में शौच नहीं करने के प्रति जागरूक करने के लिए स्वच्छताग्रही रखे गए थे। इस दौरान 30 नवंबर 2019 को जिले में कुल पांच लाख 34 हजार 58 शौचालय बनवाकर गांवों को ओडीएफ घोषित कर दिया गया। इसके बाद फिर छूटे हुए घरों में शौचालय बनवाने के लिए ओडीएफ प्लस अभियान (ODF Plus Campaign) चलाया गया।

24 हजार 264 घरों में नहीं बन पाया शौचालय

इसके तहत, 24 हजार 264 घरों में शौचालय नहीं बन पाया। इसे बनवाने के लिए खाते में धनराशि भेज दी गई है। अभी तक 17 हजार 915 शौचालय ही बन पाए हैं, लेकिन स्वच्छताग्रही को निष्क्रिय कर दिया गया। इनके स्थान पर शौचालय बनवाने, लोगों को जागरूक करने, बने शौचालयों की मानिटरिंग करने सहित अन्य कार्यों को करने के लिए हर ब्लॉक पर दो-दो खंड प्रेरक रखे गए लेकिन जिला ओडीएफ घोषित होने के बाद भी खुले में शौचमुक्त नहीं हो पाया है। हालत यह है कि अभी भी लोग शौचालय का प्रयोग नहीं कर रहे हैं। इनमें से अधिकांश शौचालयों में उपले, लकड़ी और पुआल आदि रखने का कार्य किया जा रहा है। अधिकांश शौचालयों में दरवाजा नहीं लगा है तो आधा अधूरे हैं।

अभी भी ओडीएफ प्लस के नहीं बन पाए 6349 शौचालय

जिले में ओडीएफ प्लस (ODF Plus) में चयनित अभी भी छह हजार 349 शौचालय नहीं बन पाए हैं। इन शौचालयों को बनाने के लिए जिम्मेदारों के पास मार्च तक का समय है। बता दें कि ओडीएफ प्लस (ODF Plus) के तहत कुल 24 हजार 264 शौचालय बनवाने के लिए चयन किया गया है, जिसमें से अभी तक 17 हजार 915 शौचालय बनाए गए हैं।

जिला पंचायत राज अधिकारी संतोष कुमार (District Panchayat Raj Officer Santosh Kumar) दावा करते है कि ब्लॉक स्तर पर तैनात खंड प्रेरक की ओर से लोगों को खुले में शौच न करने और उससे होने वाली हानि को बताकर जागरूक करने का कार्य किया जाता है। साथ ही शौचालयों की मानिटरिंग भी करते हैं। इस दौरान अगर शौचालयों में उपली, लकड़ी और पुआल आदि रखे गए हैं तो उसे हटवाने का कार्य करते हैं। ओडीएफ प्लस के तहत जो भी शौचालय बनने के लिए शेष हैं। उनको हर हाल में मार्च तक बनवा दिया जाएगा।

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