Atul Subhash Suicide Case: बेंगलुरु इंजीनियर आत्महत्या मामला, सुसाइड नोट को खारिज कर रहे पत्नी के मायके वाले
Atul Subhash Suicide Case Update: आत्महत्या के पहले अपने 23 पेज के सुसाइड नोट में बहुत सारे आरोप निकिता और उसके मायके वालो एवं न्यायालय के न्यायाधीश पर लगाये है।;
Atul Subhash Suicide Case Update: बंगलूरू में आत्महत्या करने वाले इंजीनियर अतुल सुभाष के द्वारा आत्महत्या के पहले अपने ससुराल वालो एवं जज पर 23 पेज के लिखे सुसाइड नोट के बाबत मृतक अतुल सुभाष के जौनपुर स्थित ससुराल में पत्नी निकिता सिंघानिया परिवार सुरेंद्र सिंघानिया चचेरे पट्टीदार से बात करने पर उन्होंने मृतक अतुल सुभाष के आरोप को खारिज किया । बताया कि लगभग पांच साल पहले निकिता और अतुल की शादी हुई थी। शादी के बाद से दोनो बंगलूरू में रहते थे। वहीं पर नौकरी करते थे। शादी के बाद से ही अतुल सुभाष निकिता को मारते पीटते रहे, इसी बीच इन दोनों से एक पुत्र भी पैदा हुआ था।
जौनपुर की अदालत में तीन चार मुकदमा
विगत लगभग दो साल से निकिता अतुल से डाइवोर्स चाहिए थी और इसी के मद्देनजर अपने मायके यानी जौनपुर की अदालत में तीन चार मुकदमा कर दिया था। दोनों के बीच विवाद के कारण निकिता भरण पोषण चाहती थी और अतुल देने के पक्ष में नहीं थे। जौनपुर की अदालत में लगातार तारिखे पड़ रही थी। न्यायालय मामले की सुनवाई तेज कर दी थी। मुकदमो की पैरवी से परेशान होकर एवं खुद को आरोपो के जाल में फंसता देख कर अतुल ने आत्महत्या कर लिया।
हालांकि आत्महत्या के पहले अपने 23 पेज के सुसाइड नोट में बहुत सारे आरोप निकिता और उसके मायके वालो एवं न्यायालय के न्यायाधीश पर लगाये है। निकिता का पक्ष रखते हुए चचेरे पट्टीदार ने कहा कि जब कोई न्यायालय की शरण में जायेगा तो पीड़ित की बात सुनी जायेगी ऐसे में न्यायाधीश को आरोपित करना कतई उचित नहीं है।
हालांकि निकिता वर्तमान समय में अपने पुत्र के साथ दिल्ली में रहकर नौकरी करती है। उसके सम्पर्क नम्बर की तलाश किया ताकि और भी अधिक जानकारी इस घटना के बारे में सच जुटाई जा सके, लेकिन निकिता का सम्पर्क नम्बर नहीं मिल सका है। मां से मिलने का प्रयास हुआ, वह किसी से भी मिलने से परहेज कर रही है। अतुल के आत्महत्या की घटना से मायके वाले भी सकते और सदमें में नजर आ रहे है।
हर महीने बेटे के भरण पोषण के लिए अतुल दे रहे थे 40 हजार रुपये
बता दे कि आत्महत्या करने वाले इंजीनियर अतुल सुभाष ने अपने सुसाइड नोट में जिक्र किया है कि फैमिली कोर्ट में भरण पोषण, दहेज उत्पीड़न, घरेलू हिंसा और तलाक के चार मामले चल रहे थे। इसके लिए उनको हर तारीख पर बंगलूरू से जौनपुर आना पड़ रहा था। दूसरी तरफ, अदालत के आदेश पर अतुल सुभाष हर महीने बेटे के भरण पोषण के लिए 40 हजार रुपये दे रहे थे। यह स्थिति तब थी, जब अतुल की पत्नी निकिता सिंघानिया की मासिक सैलरी 78 हजार रुपये है।
एक वीडियो संदेश के जरिए अतुल सुभाष ने कहा है कि जौनपुर की फैमिली कोर्ट में पत्नी सदर कोतवाली के मोहल्ला रुहट्टा निवासी निकिता सिंघानिया ने चार मुकदमे दर्ज कराए थे। आरोप लगाया था कि 26 जून 2019 को उसकी शादी अतुल मोदी से हुई थी। विवाह के बाद से ही ससुराल के लोग 10 लाख रुपये दहेज की मांग को लेकर उसे प्रताड़ित करते थे। निकिता के मायके के एक पड़ोसी ने बताया कि कोर्ट ने भरण पोषण का जब से आदेश दिया था तब से दोनों पक्षों में तनाव गहरा हो गया था। हालांकि बेटी की इस समस्या से अवसाद में चल रहे निकिता के पिता की मौत हो चुकी है। पड़ोसी तो मानते है कि इस घटना से अब दोनों परिवार तबाह और बर्बाद हो जायेगा।