Veer Bahadur Singh Purvanchal University : दीक्षांत समारोह में बोलीं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल, सोच में परिवर्तन से आगे बढ़ीं बेटियां
जौनपुर में वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के 25 वें दीक्षांत समारोह में आज संबोधित करते हुए प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि पूर्वांचल की मिट्टी में कुछ खास है तभी यहां की बेटियां बेटों से आगे हैं। उन्होंने कहा कि यहां 75 फीसदी बेटियां मेडल प्राप्त की हैं, स्थिति काफी अच्छी है।
Jaunpur: वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय (Veer Bahadur Singh Purvanchal University) के 25 वें दीक्षांत समारोह (25th Convocation) को महंत अवेद्यनाथ संगोष्ठी भवन में आज शुक्रवार को संबोधित करते हुए प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल (Governor Anandiben Patel) ने कहा कि पूर्वांचल की मिट्टी में कुछ खास है तभी यहां की बेटियां बेटों से आगे हैं। उन्होंने कहा कि यहाँ 75 फीसदी बेटियां मेडल प्राप्त की हैं, स्थिति काफी अच्छी है। बेटियां आगे बढ़ रहीं हैं। आज के वातावरण में सोच और समझ में परिवर्तन आया है उसी से बेटियां आगे बढ़ी हैं। उन्होंने छोटे बच्चों पर कहा कि ऐसे छोटे बच्चे गाँव से जब विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में आते हैं तो यहाँ की भव्यता देखकर वह मन में सोच कर जायेंगे कि जब हम पढेंगे तभी यहां तक पहुंचेंगे। इस सोच के साथ बच्चों को आमंत्रित किया जाता है।
कोविड टीकाकरण के लिए ग्रामीणों को करें प्रेरित
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Governor Anandiben Patel) कहा कि जब बच्चे दीक्षांत समारोह (25th Convocation) में गोल्ड मेडल पाने वालों को देखतें है तो उनमें उन जैसा बनने की चाहत होती है। उन्होंने कहा कि कोविड टीकाकरण शत प्रतिशत हो इसके लिए गांव में जाकर ग्रामीणों को प्रेरित करना चाहिए। समाज के साथ निरंतर विश्वविद्यालय का संपर्क बना रहना चाहिए। उन्होंने भाषण के अंत में विद्यार्थियों से कहा कि जीवन में ऐसा काम करें जिससे कि आपको आने वाली पीढ़ी याद करें। उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी समस्याओं का विकास हम स्वयं करें तभी सम्पूर्ण देश का विकास होगा।
दीक्षांत उद्बोधन में मुख्य अतिथि पद्मश्री प्रो. जेएस राजपूत (Padmashree Prof. JS Rajput) ने कहा कि ज्ञान से पवित्र कुछ नहीं है। शिक्षा चरित्र निर्माण के लिए होनी चाहिए। इसका विश्लेषण करिए की आप ने व्यक्तित्व विकास के लिए क्या किया? उन्होंने कहा कि शिक्षा अध्ययन, मनन, चिंतन और उपयोग के लिए होनी चाहिए। हमें देश, परम्परा और ज्ञान की शक्ति को पहचानना होगा। उनका मानना है कि शिक्षा जीवनपर्यंत सीखने की बात है। समय बदल रहा है, पहले विज्ञान पर बात होती थी फिर विज्ञान, तकनीक और अब तकनीक और संचार की बात हो रही है। उन्होंने कहा कि विश्व में वही देश आगे जाएगा जिसके पास बौद्धिक संपदा होगी। शिक्षक बनने जा रहे लोग यह समझें की आप भविष्य के निर्माता हैं। आपकी शिक्षा देश की प्रगति में योगदान देने वाली हो।
विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों में असीम उत्साह एवं क्षमता: कुलपति
विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य (University Vice Chancellor Prof. Nirmala S. Maurya) ने कहा कि हमारे विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों में असीम उत्साह एवं क्षमता है। उन्हें जीवन के प्रति आधुनिक विचारों के साथ नए-नए तकनीकी, आर्थिक एवं सामाजिक परिवर्तनों से प्रशिक्षित करने की जरूरत है ताकि वे जीवन की ऊंचाइयों पर पहुंच सकें। उन्होंने कहा कि नारी को स्वावलम्बी, सशक्त, आत्मनिर्भर एंव जागरूक बनाने के दिशा में विश्वविद्यालय स्तर पर भी प्रयास किए जाए, इस दिशा में लगातार विश्वविद्यालय, महिला अध्ययन केन्द्र के माध्यम से प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि एनएसएस, महिला अध्ययन केन्द्र, मिशन शक्ति, कौशल विकास केन्द्र एवं रोवर्स रेंजर्स जैसी गतिविधियों में विश्वविद्यालय का राज्य स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन रहा है।
65 मेधावियों को दिए गोल्ड मेडल
इस अवसर पर मेधावियों को 65 गोल्ड मेडल दिए गए। मुख्य अतिथि पद्मश्री प्रो. जेएस राजपूत को डी एससी की मानद उपाधि प्रदान की गई। इसी के साथ रसायन विज्ञान (Chemistry) के प्रो. दीपक पठानिया (Prof. Deepak Pathania) को भी डी.एससी की उपाधि दी गई। साथ ही कुलपति ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों को भी बताया।
दीक्षांत समारोह की शुरुआत में शोभायात्रा निकाली गई जिसका नेतृत्व कुलसचिव महेंद्र कुमार ने किया। शोभायात्रा में अतिथियों के साथ कार्य परिषद् एवं विद्या परिषद के सदस्य शामिल हुए। दीक्षांत समारोह का संचालन डॉ. मनोज मिश्र ने किया।
प्रोग्राम में ये रहे उपस्थित
इस अवसर पर पूर्व विधायक सुरेंद्र प्रताप सिंह कुलसचिव महेंद्र कुमार, वित्त अधिकारी संजय राय, प्रो. बीबी तिवारी, प्रो. मानस पांडेय, प्रो. वंदना राय, डा. विजय सिंह, डा. राहुल सिंह, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो. रामनारायण, प्रो. एके श्रीवास्तव, प्रो. अविनाश पाथर्डीकर, प्रो. देवराज सिंह, प्रो. राजेश शर्मा, प्रो. बीडी शर्मा, डा. केएस तोमर, लक्ष्मी मौर्य, उपकुलसचिव वीरेंद्र मौर्य, सहायक कुलसचिव अमृतलाल, बबिता सिंह, दीपक सिंह, डा. संदीप सिंह, डा. प्रदीप कुमार, डा. मनीष गुप्ता, एनएसएस समन्वयक डा. राकेश यादव, रोवर्स रेंजर्स डा. जगदेव, डा. विजय तिवारी, डा. संतोष कुमार,. डा. रजनीश भास्कर, डा. रशिकेस, डा. सुनील कुमार, डा. दिग्विजय सिंह, डा. अवध बिहारी सिंह.डा. जाह्नवी श्रीवास्तव, अन्नु त्यागी, डा. अमरेंद्र सिंह, डा. चंदन सिंह, डा. मनोज पांडेय, डा. आशुतोष सिंह, डा. अमित वत्स, रामजी सिंह, स्वतंत्र कुमार, डा. पीके कौशिक, सुशील प्रजापति, श्याम श्रीवास्तव, राजेश जैन, हेमंत श्रीवास्तव आदि शिक्षक और कर्मचारी पत्रकार गण मौजूद थे।
गतिमान के अंक का हुआ लोकार्पण
विश्वविद्यालय के 25वें दीक्षांत समारोह में गतिमान वार्षिक पत्रिका का विमोचन राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने किया। इस पत्रिका में विश्वविद्यालय के वर्ष भर की गतिविधियां स्वर्ण पदक धारकों की सूची, अतिथियों का परिचय समेत विश्वविद्यालय की विविध गतिविधियों को बड़े आकर्षण ढंग से प्रकाशित किया गया है। विमोचन अवसर पर सम्पादन मण्डल में डॉ. मनोज मिश्र, प्रो. अजय द्विवेदी, डॉ० दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ० सुनील कुमार, डा. अवध बिहारी सिंह, डॉ० मिथिलेश कुमार यादव मंच पर विराजमान रहे।
51 बच्चों को राज्यपाल के हाथों मिला उपहार
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय (Veer Bahadur Singh Purvanchal University) के 25 वें दीक्षांत समारोह में प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कक्षा 6 से 8 में पढ़ने वाले 51 बच्चों को स्कूल बैग, फल, महापुरुषों पर प्रकाशित पुस्तकें आदि प्रदान किया। इस बच्चों को एनएसएस के समन्वयक डा. राकेश यादव स्कूल के प्राध्यपकों के साथ लेकर आए थे।
सीडीएस जनरल बिपिन रावतके निधन पर दो मिनट का शोक
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय (Veer Bahadur Singh Purvanchal University) परिसर में सीडीएस जनरल बिपिन रावत (CDS General Bipin Rawat) के असामयिक निधन पर शुक्रवार को दीक्षांत समारोह में शोकसभा का आयोजन किया गया। सीडीएस बिपिन रावत (CDS General Bipin Rawat) का तमिलनाडु के कुन्नूर में एक हेलीकॉप्टर हादसे में निधन हो गया। हेलीकॉप्टर में कुल 14 लोग सवार थे जिसमें 13 लोग की मौत हो गई।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफ़ेसर निर्मला एस. मौर्य (University Vice Chancellor Professor Nirmala S. maurya) ने कहा कि यह घटना बहुत ही दुखद है। रावत पौड़ी गढ़वाल के रहने वाले थे वह थल सेना के 27 में चीफ रहे। दीक्षांत समारोह में दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई।
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